व्यसन मुक्ति रैली सहारनपुर
सहारनपुर उत्तरप्रदेश
मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर 14 जनवरी 2024 को गायत्री परिवार सहारनपुर के परिजनों द्वारा ग्राम ढाल्ला चौरा में व्यसन मुक्ति रैली निकाली गई
Recent Post
दुष्प्रवृत्ति निरोध आन्दोलन (भाग 1)
विवाहोन्माद प्रतिरोध आन्दोलन आज के हिन्दू समाज की सबसे बड़ी एवं सबसे प्रमुख आवश्यकता है। उसकी पूर्ति के लिए हमें अगले दिनों बहुत कुछ करना होगा। हमारा यह प्रयत्न निश्चित रूप में सफल होगा। अगले दिनों...
हरि कीर्तन
‘कीर्तन’ शब्द को यदि उलटा कर दिया जाय तो वह शब्द ‘नर्तकी’ बन जाता है। इस जमाने में हर जगह उलटा चलने ही अधिक देखा जाता है। कीर्तन का वास्तविक तात्पर्य न समझ कर लोग उसका...
भगवान की कृपा या अकृपा
एक व्यक्ति नित्य हनुमान जी की मूर्ति के आगे दिया जलाने जाया करता था। एक दिन मैंने उससे इसका कारण पूछा तो उसने कहा- ”मैंने हनुमान जी की मनौती मानी थी कि यदि मुकदमा जीत जाऊँ तो रोज उनके आगे दिय...
दुष्प्रवृत्ति निरोध आन्दोलन (अन्तिम भाग)
इस समस्या का हल करने के लिए यह आवश्यक प्रतीत हुआ है कि विवाहोन्माद प्रतिरोध आन्दोलन के साथ-साथ एक छोटा सहायक आन्दोलन और भी चालू रखा जाय। जिससे जो लोग आदर्श विवाहों की पद्धति अपनाने के लिए तैयार न ह...
सत्य के लिए सर्वस्व त्याग
यदि मेरी मित्रतायें मेरा साथ नहीं देतीं तो न दें। प्रेम मुझे छोड़ देता है तो छोड़ दे। मेरा तो एक ही आग्रह है कि मैं उस सत्य के प्रति सच्ची रह सकूँ, जिसकी सेवा और परिपालन के लिये, मैंने अपनी इच्छाओं...
माँसाहार का पाप पूर्व को भी पश्चिम न बना दे। (भाग 1)
डॉ. बारमस रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) की बीमारी पर एक शोध−कार्य चला रहे थे। अनेक रोगियों का अध्ययन करते समय उन्होंने जो एक सामान्य बात पाई वह यह थी कि रक्तचाप (ब्लडप्रेशर) के अधिकाँश बीमार लोग...
माँसाहार का पाप पूर्व को भी पश्चिम न बना दे। (भाग 2)
माँस मनुष्य का स्वाभाविक आहार नहीं हो सकता। हम इस संसार में सुख−शाँति और निर्द्वंद्वता का जीवन जीने के लिये आये हैं। आहार हमारे जीवन धारण की सामर्थ्य को बढ़ाता है, इसलिये पोषण और शक्ति प्रदान...
मुसीबत से डरकर भागो मत, उसका सामना करो
एक बार बनारस में स्वामी विवेकनन्द जी मां दुर्गा जी के मंदिर से निकल रहे थे कि तभी वहां मौजूद बहुत सारे बंदरों ने उन्हें घेर लिया। वे उनसे प्रसाद छिनने लगे वे उनके नज़दीक आने लगे और डराने भी लगे। स्...
माँसाहार का पाप पूर्व को भी पश्चिम न बना दे। (भाग 3)
हाथी माँस नहीं खाता, बैल और भैंसे माँस नहीं खाते, साँभर नील गाय शाकाहारी जीव हैं, यह शक्ति में किसी से कम नहीं होते। भारतवर्ष संसार के देशों में एक ऐसा देश है जिसमें अधिकाँश लोग अभी भी शाकाहा...
माँसाहार का पाप पूर्व को भी पश्चिम न बना दे। (भाग 4)
गाँवों में रहने वाले लोगों को प्रायः लकड़बग्घे, बाघ या भेड़ियों का सामना करना पड़ जाता है। शहरी लोग चिड़िया−घरों में इन जन्तुओं को देखते हैं, जो इनके समीप से गुजरे होंगे उन्हें मालूम होगा कि ...