पीड़ा-पतन निवारण को जीवन लक्ष्य बनाना सच्चा यज्ञ है।
08 कुण्डीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ
जतारा, टीकमगढ़। मध्य प्रदेश जीवन राम छात्रावास, जतारा के मैदान में 108 कुण्डीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ सम्पन्न हुआ। यज्ञ में दिनांक 7 नवम्बर को अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा आदर्श आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी की उपस्थिति ने हजारों श्रोताओं में नव उल्लास का संचार किया। विशाल जनमेदिनी को संबोधित करते हुए उन्होंने राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए युवा सक्रियता बढ़ाने तथा समाज को नशामुक्त बनाने पर विशेष बल दिया। कार्यक्रम में भाग ले रहे सभी लोगों को नशामुक्त जीवन जीने तथा समाज को नशामुक्त बनाने में सहयोग करने के संकल्प भी दिलाए गए। समारोह में भारत सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक भी मंचासीन थे। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा ने हमेशा हमें उन्नति का मार्ग दिखाया है। हमें अपनी संस्कृति को समझना तथा उस पर गर्व करना चाहिए।
यज्ञ की बड़ी मार्मिक व्याख्या करते हुए डॉ. चिन्मय जी ने कहा कि मानवीय गुणों को अपने अंदर आत्मसात कर मानवता की पीड़ा को दूर करना आज का यज्ञ है। त्याग, प्रेम, सहकार जैसे गुणों को अपनाकर पतन निवारण को अपने जीवन का लक्ष्य बनाना इस विराट यज्ञ का उद्देश्य है। इससे पूर्व आदरणीय डॉ. चिन्मय जी ने सर्वप्रथम यज्ञ परिसर में ध्वजारोहण और प्रखर प्रज्ञा, सजल श्रद्धा का पूजन किया। कार्यक्रम सम्पन्न कराने शान्तिकुञ्ज से श्री परमेश्वर साहू की टोली पहुँची थी।
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