बदलाव की बयार लेकर आया है यह समय ः डॉ पण्ड्या
.jpeg)
हरिद्वार 2 फरवरी।
गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में वसंतोत्सव हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अखिल विश्व गायत्री प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने विश्वभर के गायत्री साधकों को वासंती उल्लास की शुभकामनाएँ दीं। सरस्वती पूजन, गुरुपूजन एवं पर्व पूजन के साथ हजारों साधकों ने भावभरी पुष्पांजलि अर्पित कीं। इस दौरान कई आडियो बुक, प्रज्ञागीत सहित अनेक साहित्यों का विमोचन किया गया।
वसंतोत्सव के मुख्य कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि यह समय बदलाव की बयार लेकर आया है। सम्पूर्ण समाज, देश में बदलाव देखने को मिल रहा है। हम सभी के जीवन में भी बदलाव आ रहा है। उन्होंने कहा कि युगऋषि पूज्य पं० श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने समाज में क्रांति लाने के लिए हम बदलेंगे, युग बदलेगा का जो नारा दिया है, वह अब दिखने लगा है। हम सभी को इसे आत्मसात करना चाहिए। गायत्री परिवार के अभिभावक श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि पूज्य गुरुदेव के सत्साहित्य ने करोड़ों लोगों के जीवन में काफी बदलाव किया है, इसका विस्तार करना समय की मांग है। रुग्ण (कमजोर) परिवार, समाज को इससे संजीवनी मिलेगी।
जीवन में वासंती उल्लास लाता है यह महापर्व ः शैलदीदी
संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि पूज्य गुुरुदेव को उनके सद्गुरु ने वर्ष १९२६ की वसंत पंचमी के दिन ही दर्शन दिया और भविष्य के लिए मार्गदर्शन दिया। जब भक्त प्रहलाद, स्वामी विवेकानंद, महाराणा प्रताप सहित अनेकानेक के जीवन में वसंत आया, तब उनके जीवन में बदलाव आया। उन्होंने कहा कि यह समय आत्मनिर्माण, समाज सुधार और हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का है। उन्होंने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार का उद्देश्य केवल व्यक्तियों का उद्धार नहीं, बल्कि समग्र समाज और राष्ट्र का उत्थान है।
हिन्दी, मराठी भाषा में आडियो बुक के साथ विभिन्न पुस्तकों का विमोचन
इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुखद्वय ने प्रज्ञा अभियान (पाक्षिक समाचार पत्र) का म.प्र. संस्करण तथा चेतना की शिखर यात्रा, वंदनीया माताजी की जीवन दर्शन सहित अनेक हिन्दी व मराठी पुस्तकों का आडियोबुक व प्रज्ञागीत सहित अन्य का विमोचन किया। इस दौरान देश विदेश से आये हजारों साधक उपस्थित रहे।
विभिन्न संस्कार निःशुल्क सम्पन्न -
गायत्री परिवार प्रमुखद्वय ने सैकड़ों लोगों को गुरुदीक्षा दी, तो वहीं देश के विभिन्न राज्यों से आये बटुकों ने यज्ञोपवीत संस्कार कराये। नामकरण, मुण्डन, विद्यारंभ, विवाह सहित कई संस्कार बड़ी संख्या में सम्पन्न हुए। समस्त संस्कार निःशुल्क सम्पन्न कराये गये। सायं दीपमहायज्ञ में पूज्य आचार्यश्री के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के संकल्प लिये गये।
Recent Post

पचपेड़वा में प. पू. गु. का आध्यात्मिक जन्म दिवस/बसंत पंचमी पर्व मनाया गया
आज *बसंत पंचमी* (गुरुदेव का आध्यात्मिक जन्म दिवस) के पावन पर्व पर गायत्री शक्तिपीठ पचपेड़वा में यज्ञ हवन के साथ सरस्वती पूजन उल्लास पूर्ण/बासंती वातावरण में संपन्न हुआ. श...

प्रयागराज महाकुम्भ में 13 जनवरी से प्रारंभ हो रहा है गायत्री परिवार का शिविर
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ हो रहे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ में गायत्री परिवार द्वारा शिविर 13 जनवरी से प्रारंभ होकर 26 फरवरी 2025 तक रहेगा। महाकुम्भ क्...

वीर बाल दिवस के अवसर पर साहिबजादे क्विज प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
कौशाम्बी: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में भरवारी नगर पालिका के सिंधिया में गुरुवार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के अवसर पर बाल संस्कारशाला सिंघिया द्वारा सामूहिक प्रश्नोत्तरी (क्विज) प्रतियोगिता का ...

कौशाम्बी जनपद में 4 दिवसीय 24 कुण्डीय शक्तिसंवर्धन गायत्री महायज्ञ का कार्यक्रम हुआ सम्पन्न
● 28 नवंबर को सायंकालीन 2400 दीपों से दीपयज्ञ का हुआ आयोजन
● सैकड़ों परिजनों ने यज्ञ के साथ कराए विभिन्न संस्कार, महिलाओं ने धारण किया यज्ञोपवीत
● प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से प...

24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ को लेकर जोर शोर से चल रही हैं तैयारियां
कौशाम्बी जनपद के करारी नगर में अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। कार्यक्रम 26 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा। कार्यक्रम की तैयारिया...

कौशाम्बी जनपद में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ 26 नवंबर से 29 नवंबर तक
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में अखिल विश्व गायत्री परिवार की जनपद इकाई के द्वारा करारी नगर में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन 26 नवंबर से प्रारंभ हो रहा है। यह कार्यक्रम 26 से प्रारंभ होकर 29...

चिन्तन कम ही कीजिए।
*क्या आप अत्याधिक चिन्तनशील प्रकृति के हैं? सारे दिन अपनी बाबत कुछ न कुछ गंभीरता से सोचा ही करते हैं? कल हमारे व्यापार में हानि होगी या लाभ, बाजार के भाव ऊँचे जायेंगे, या नीचे गिरेंगे।* अमुक ...

भारत, भारतीयता और करवाचौथ पर्व
करवा चौथ भारतीय संस्कृति में एक विशेष और पवित्र पर्व है, जिसे विवाहित स्त्रियाँ अपने पति की दीर्घायु, सुख-समृद्धि और आरोग्य के लिए मनाती हैं। इस व्रत का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व अत्यधिक...

प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्नता का राजमार्ग (भाग 4)
बुराई की शक्ति अपनी सम्पूर्ण प्रबलता के साथ टक्कर लेती है। इसमें सन्देह नहीं है। ऐसे भी व्यक्ति संसार में हैं जिनसे ‘‘कुशल क्षेम तो है’’ पूछने पर ‘‘आपको क्...

घृणा का स्थान
निंदा, क्रोध और घृणा ये सभी दुर्गुण हैं, लेकिन मानव जीवन में से अगर इन दुर्गुणों को निकल दीजिए, तो संसार नरक हो जायेगा। यह निंदा का ही भय है, जो दुराचारियों पर अंकुश का काम करता है। यह क्रोध ही है,...