देव प्रबोधिनी एकादशी एवं तुलसी विवाह: भक्ति, साधना और आत्मजागरण का पर्व
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
आत्मजागरण, भक्ति और आध्यात्मिक नवजीवन का प्रतीक यह पावन पर्व हमें अंतर्मन में दिव्यता के जागरण का संदेश देता है।
देव प्रबोधिनी एकादशी के शुभ अवसर पर जब भगवान विष्णु योगनिद्रा से जाग्रत होते हैं तथा तुलसी विवाह का आयोजन होता है, तब संपूर्ण सृष्टि में श्रद्धा, सौंदर्य और सात्विकता का संचार होता है।
आइए, इस मंगलमय पर्व पर हम सब अपने जीवन में भक्ति, साधना और आत्मविकास के भाव को जाग्रत करने का संकल्प लें।
देव प्रबोधिनी एकादशी एवं तुलसी विवाह की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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