राष्ट्र के जागरण का समय आ गया, 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ, हैदराबाद
दक्षिण भारत की अपनी यात्रा के दौरान, हैदराबाद, तेलंगाना में आयोजित 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के दीपयज्ञ के पावन अवसर पर, आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी, प्रतिकुलपति, देव संस्कृति विश्वविद्यालय तथा प्रतिनिधि, अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज, हरिद्वार का आगमन हुआ।
आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने उपस्थित भावनाशील जनसमुदाय को युग ऋषि परम पूज्य गुरुदेव का संदेश देते हुए कहा कि जब जीवन में सद्गुरु आते हैं, तो जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन हो जाता है। तब नरेंद्र विवेकानंद बन जाते हैं और राष्ट्र के जागरण के लिए गुरुदेव के बताए सूत्रों पर स्वयं को समर्पित कर देते हैं। राष्ट्र निर्माण के लिए — “आत्मवत् सर्वभूतेषु, मातृवत् परदारेषु, परद्रव्येषु लोष्ठवत्”— इन सूत्रों को जीवन में उतारना आवश्यक है।
साथ ही, आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने जन्मशताब्दी महोत्सव हेतु सभी को आमंत्रित किया। यज्ञशाला के दिव्य वातावरण में आदरणीय चिन्ना जीयर स्वामी जी की विशेष उपस्थिति रही। उन्होंने दीपयज्ञ के महत्त्व के साथ जन्मशताब्दी के दिव्य क्षणों हेतु सभी को प्रेरित किया।
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