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Magazine - Year 1976 - Version 2

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Language: HINDI
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इन सपनों को फ्राइडवाद क्या कहेगा ?

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आधुनिक मनोविज्ञान के जन्मदाता कहे जाने वाले फ्रायड ने मनुष्य की प्रत्येक क्रिया और इच्छा में यौन-भावना का आरोपण किया है। उन्हें माँ और बेटे के सम्बन्ध में भी यौनेच्छा का ही नर्तन दिखाई दिया। यही नहीं किसी भी प्रकार के स्वप्नों को उन्होंने यौन भावना का प्रतीक कहा और यह सिद्ध करने की चेष्टा की कि अतृप्त यौनाकाँक्षा किसी भी रूप में भले ही वह स्वप्न ही हो अपनी पूर्ति कर लेती है। फ्राइड प्रणीत मनोविज्ञान के प्रतिनिध ग्रन्थ ‘ए जनरल इन्ट्रोडक्शन टू साइको एनैलिसिस’ में उन्होंने ऐसे कई स्वप्नों का विवरण कर अपना सिद्धांत प्रतिपादित करने की खींच-तान की है। एक स्वप्न विवरण इस प्रकार है- “स्वप्नद्रष्टा यात्रा करने वाला था और उसका सामान एक गाड़ी में स्टेशन से लाया जा रहा था। उसमें एक दूसरे पर बहुत से सन्दूक लदे हुए थे और उनमें दो बड़े काले सन्दूक थे। उसने पहले दिलासा देते हुए किसी से कहा, “ देखो, वे सिर्फ स्टेशन तक जा रहे हैं।”

यह स्वप्न विशेष अर्थ के लिये नहीं दिखता, पर फ्रायड ने अपनी उक्त पुस्तक में इस स्वप्न की जो व्याख्या की है वह अदृष्टव्य है- “दो काले सन्दूक दो काली स्त्रियों के प्रतीक हैं।” फ्राइड के अनुयायी ही नहीं आधुनिक मनोविज्ञान के कई पण्डित भी स्वप्नों को अतृप्त वासना की प्रतीकात्मक तृप्ति ही बतलाते हैं।

भारतीय शास्त्र ग्रन्थ स्वप्नों के सम्बन्ध में जिस धारणा का प्रतिपादन करते हैं वह अतृप्त आकाँक्षाओं की पूर्ति के साथ अतीन्द्रिय शक्तियों के स्पन्दन, स्फुरण को भी पुष्ट करती है। पुराण ग्रन्थों में स्वप्नों को भविष्य दर्शन की भाषा कहकर कई स्थानों पर उनकी विशिष्ट व्याख्या की गई है। इस प्रकार की घटनाओं के कई विवरण भी मिलते हैं, जो स्वप्नों में प्रकट हुई अतीन्द्रिय चेतना का सिद्धांत पुष्ट करते हैं। भारत ही नहीं विदेशी इतिहासों में भी इस प्रकार की घटनाओं के विवरण मिलते हैं। ढाई हजार साल पहले मिश्र के राजा फैराओं ने एक अद्भुत स्वप्न देखा था जिसकी व्याख्या करते हुए एक यहूदी बन्दी ने सात वर्ष बाद मिश्र में एक भीषण अकाल पड़ने की भविष्यवाणी कर दी। क्लियोपैट्रा के प्रेमी सीजर और हैनरी तृतीय को अपनी हत्या का पूर्वाभास स्वप्न द्वारा ही हो गया था।

इन्हें पुरानी घटनायें कहकर गप्प भी माना जाता है। परन्तु इसी शताब्दी में स्वप्नों में अतीन्द्रिय चेतना के अनुभव के सैकड़ों प्रमाण मिले हैं जिनकी फ्रायडवादी कोई संगति नहीं बिठा पाये हैं। स्वप्नों में होने वाले भविष्य दर्शन के प्रति भारत ही नहीं विदेशों में भी कई लोग विश्वास करते हैं। कई बार तो सपने इतने आश्चर्यजनक रूप सत्य सिद्ध हुए कि सुनने वालों के साथ-साथ स्वप्न दृष्टा को भी हतप्रभ रह जाना पड़ा। अमेरिका की प्रसिद्ध रेडरीक सोने की खान का पता विनफील्ड स्कौट स्ट्रेटन को स्वप्न द्वारा लगा ही था। जब वे बेहद आर्थिक तंगी में थे तो एक रात उन्होंने सपना देखा कि बैटिल पर्वत के रेडरौक क्षेत्र में सोने की खुदाई हो रही है। पहली बार तो स्ट्रेटन ने कोई गौर नहीं किया पर बार-बार जब वह सपना दिखाई देने लगा तो उन्होंने अपने एक मित्र से चर्चा की । मित्र ने आरम्भ में हंसी उड़ाई, पर स्ट्रेटन को उस स्वप्न का इतना विश्वास हो गया था कि वे जबर्दस्ती अपने मित्र को वहाँ खींच कर ले गये तथा खुदाई करने लगे। कुछ ही गहरा खोदने पर उन्हें सोने का एक टुकड़ा दिखाई दिया। मित्र को अब विश्वास हो गया। उस सोने के टुकड़े को बेचकर दोनों ने वह जमीन खरीद ली और खुदाई द्वारा प्राप्त सोने से अरब पति हो गये।

स्वप्नों के माध्यम से सम्भावित खतरों का आभास भी हो जाता है। यदि उन्हें समझने की क्षमता हो तो सचमुच यह संयोग एक वरदान बन सकता है। लिंकन की हत्या का सपना उनकी पत्नी ने एक दिन पहले ही देखा था। इसी प्रकार फ्रांस के एक प्रोफेसर चार्ल्स लंदन में अपने मित्र के यहाँ कुछ दिनों के लिए ठहरे। एक रात उन्होंने स्वप्न देखा कि उनके मित्र की हत्या कर दी है। स्वप्न इतना स्पष्ट और प्रभावशाली था कि उन्होंने स्वप्न के हत्यारे का हुलिया भी हूबहू याद रहा। सुबह चार्ल्स ने अपने मित्र को इस स्वप्न के सम्बन्ध में बताया और उस व्यक्ति का हुलिया भी। हुलिया मित्र के माली से एकदम मिलता था जो दस वर्ष से उनके यहाँ नौकरी कर रहा था। चार्ल्स ने माली को निकाल देने की सिफारिश की उस समय तो उसे नहीं हटाया पर जब विदा हुए तो उसे हटाना पड़ा क्योंकि एक रात सचमुच उसने अपने मालिक पर शयन कक्ष में उसी प्रकार हमला बोल दिया जिस प्रकार का स्वप्न कि चार्ल्स ने देखा था।

अपने प्रिय परिजनों के लिए ही नहीं स्वयं के लिए भी सम्भावित खतरों का आभास स्वप्नों के माध्यम से मिलता देखा गया है। फरवरी 53 में एक रात कार्लीमेपल्स ने सपना देखा कि वह अगले दिन किसी दुर्घटना का शिकार हो गया है। इन सब बातों को ढकोसला मानने के कारण उसने कोई ध्यान नहीं दिया पर, सचमुच अगले दिन वह मोटर साइकिल समेत सड़क की रफ्ट पर फिसल गया, इस दुर्घटना में उसे प्राणान्तक चोटें आयीं।

ब्रिटेन की एक महिला ट्रटिन ने बार-बार यह सपना देखा कि कोई अजनबी उसके घर में घुस आया है और चीजों को उलट-पलट रहा है। ट्रटिन के सामने पड़ जाने पर उसे डरा-धमका कर अजनबी एक मोटी रकम माँगता है जिसे वह देने से इन्कार करती है। इस पर अजनबी उसे गोली मार देता है। कई रात तक यह सपना देखने के बाद उसे न जाने क्यों सपने की सच्चाई पर विश्वास हो गया और पुलिस से मदद माँगी। सपने के आधार पर पुलिस सहायता देने को तैयार नहीं हुई तो ट्रटिन ने अपनी निजी व्यवस्थायें कर ली और सम्भावित खतरे का मुकाबला करने की पूर्ण तैयारियाँ भी । एक दिन जब वह अपने मकान में अकेली थी पास वाले कमरे में किसी के चलने-फिरने की आहट सुनाई दी। चुपके से ट्रटिन ने झाँका, आगंतुक अजनबी था और कुछ तलाश कर रहा था। उसका हुलिया भी सपने में दिखाई देने वाले अजनबी की तरह था बस, ट्रटिन ने हल्ला-गुल्ला मचाकर पड़ोसियों को इकट्ठा कर लिया। सचमुच उसके पास एक रिवाल्वर भी मिला।

किन्हीं विशिष्ट व्यक्तियों के सम्बन्ध में भी स्वप्नों द्वारा पूर्व संकेत मिलने के उदाहरण सामने आये हैं। जिन व्यक्तियों के प्रति हम अपने हृदय में आन्तरिक सम्मान रखते हैं उनमें एक सूक्ष्म आत्मिक सम्बन्ध भी बन जाता है, भले ही उनके लिये हम अपरिचित हों। इंग्लैण्ड के एक सामान्य नागरिक जान विलियम्स को तत्कालीन वित्तमन्त्री पर्सीबल के प्रति इसी स्तर की आत्मिक घनिष्ठता थी। एक बार जॉन ने स्वप्न में देखा कि पार्लियामेण्ट में कुछ लोग पर्सीवल की हत्या कर रहे हैं। यह भी कि पर्सीवल सफेद ड्रेस में है और उनकी हत्या करने वालों का हुलिया भी अच्छी तरह दिखाई देता है।

इस सपने का उल्लेख जॉन ने पार्लियामेन्ट के कुछ सदस्यों से किया। सुरक्षा अधिकारियों को भी इस सम्बन्ध में बताया, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। लेकिन कुछ ही दिनों बाद पार्लियामेन्ट भवन में ही पर्सीवल की हत्या कर दी गयी। पर्सीवल ने उस समय सफेद रंग के कपड़े पहन रखे थे। इतना ही नहीं जब हत्यारों को गिरफ्तार किया तो जॉन ने बताया कि इन्हीं लोगों को वह स्वप्न में हत्या करते देखता रहा है। बाद में जॉन को स्वप्न के आधार पर हत्या का गवाह भी बनाया गया।

यह जानकर तो आश्चर्य होता है कि स्वप्नों के आधार पर अपराधियों की धरपकड़ भी की गयी है। रोम में की गयी एक हत्या का सुराग मृतक की पत्नी द्वारा देखे गये सपने के आधार पर मिला। बताया जाता है कि मृतक की पत्नी एमीलिया ने ही सर्वप्रथम पुलिस को यह सूचना दी कि उसके पति की हत्या की गयी है- जबकि उसे पति रूसो का शव एक दुर्घटनाग्रस्त क्षत-विक्षत कार में पाया गया था जिसके सम्बन्ध में यह मान लिया गया था कि रूसो की मृत्यु कार दुर्घटना के कारण हुई जब पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला कि मृत्यु कार दुर्घटना से पहले ही हो चुकी है और मृत्यु का कारण दुर्घटना नहीं एक तीव्र जहर है जो शराब में मिलाकर पिलाया गया है।

एमीलिया ने स्वप्न में अपने पति का शव देखा था और उस पर बैठी हुई एक स्त्री भी जिसने हत्या की थी। इस स्त्री के सम्बन्ध में एमीलिया तो कुछ भी नहीं जानती पर वह उसके पति को फाँसने वाली एक चालाक औरत थी, जिसने एक लम्बी रकम ऐंठने के बाद रूसो की हत्या कर दी थी। लिसा और उसके सहयोगी भारि को गिरफ्तार कर लिया गया जिन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया। एमीलिया ने लिसा को देखते ही पहचान लिया और कहा यही है वह औरत जिसे मैंने स्वप्न में अपने पति के शव पर बैठा देखा है। मैं इस रात वाली इसकी कुटिल मुस्कान को तो जिन्दगी भर नहीं भूल सकूँगी।

लिसा के सहयोगी भारि ने एक विस्मय जनक बात कही कि जब वह और लिसा रूसो की लाश को खोह में छोड़कर बाहर आ रहे थे, तो उन्हें लगा था कि खोह में उन दोनों के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति भी मौजूद है यह अनुभूति बहुत तीव्र थी मैंने लिसा को बार-बार बताया भी कि कोई हमारा पीछा कर रहा है। इस घटना में प्रेम सम्बन्धों की प्रगाढ़ता से व्यक्तियों के घनिष्ठ और सूक्ष्म आन्तरिक सम्पर्क सूत्रों की प्रतीती होती है, जिसे भारतीय ऋषियों ने हजारों वर्ष पूर्व सिद्ध कर दिखाया है।

अब इस प्रश्न का उत्तर आसानी से खोजा जा सकता है कि स्वप्न क्या केवल यौनेच्छाओं की प्रतीकात्मक तृप्ति का साधन है या और कुछ ? यह तो ठीक है कि व्यक्ति अतृप्त आकाँक्षाओं की पूर्ति स्वप्नों के माध्यम से भी करता है, पर उसमें केवल यौन जीवन का ही सम्बन्ध नहीं है। स्वप्नों के माध्यम से भविष्य के संकेत भी प्राप्त किये जा सकते हैं। इस विद्या में प्राचीन ऋषियों ने काफी प्रगति भी की है।

परन्तु यह नहीं कहा जा सकता है कि सभी स्वप्न अनागत के संकेत या पूर्व सूचक होते हैं। इस सम्बन्ध में जानकार व्यक्तियों का अभिमत है कि भविष्य की पूर्व सूचना देने वाले स्वप्न बहुत स्पष्ट, शृंखलाबद्ध और क्रमगत होते हैं। प्रायः हम सभी स्वप्न भूल जाया करते हैं, कुछेक दो-चार दिन तक याद भी रहते हैं, पर ऐसे स्वप्न पूरे व्यक्तित्व को झकझोर देने वाले, बहुत दिनों तक प्रभावित करने तथा आजीवन अविस्मरणीय रहते हैं। उपरोक्त घटनाओं से ये कुछ मोटे निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं। अधिक गम्भीरता से तो साधना और प्रयोगों द्वारा ही समझा जा सकता है। सामान्य स्वप्नों के माध्यम से भविष्य को परखने की विद्या हमारे यहाँ स्वप्नों के शुभाशुभ निर्णय करने वाले विज्ञान के रूप में भी विकसित हुई है, पर उस सम्बन्ध में कुछ निश्चित नहीं कहा जा सकता क्योंकि साहित्य और इतर सूत्रों द्वारा इस सम्बन्ध में जो भी जानकारियाँ उपलब्ध होती हैं वे तथ्यों पर आधारित हैं। लेकिन इतना निश्चित है कि जीवन में विविध दिशाओं से उस अविज्ञात तत्व का नियंत्रण मिलता रहता है जिसे चेतन कहते हैं। वह अपनी उपस्थिति का आभास किन्हीं न किन्हीं रूपों में कराता ही रहता है।

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