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अगले अंक में गुरुदेव का समग्र जीवन-वृतांत
विस्मृति की मूर्छ्ना
तन्मे मनः शिवसङ्कल्पमस्तु
हे मानव! तू पहले अपनी आत्मा को पहिचान
आयु का लेखा-जोखा
नर-पशु नहीं नर-नारायण बनें
जीवन एक अनबूझ पहेली
सत्य के तीन पहलू
तर्क विवेक सम्मत हो तो ही श्रेयस्कर
मन का दपर्ण स्वच्छ होना चाहिए
विराट् मन ही इस विश्व का नियामक
प्रत्यक्ष एवं परोक्ष के मध्य सघन सम्पर्क स्थापित हो
वातावरण में छाये संस्कारों की महत्ता
योग विज्ञान एवं तंत्र शास्त्र एक ही वृक्ष की दो शाखाएँ
सशक्त ध्रुव केन्द्रों की अधिष्ठात्री कुण्डलिनी
सत्य को न समझ पाने की आत्मघाती विडंबना
मानवी सभ्यता का नवोन्मेष सुनिश्चित
बड़प्पन का मापदण्ड संगतिकरण
हर व्यक्ति प्रतिभावान् बन सकता है
दृढ़ संकल्प की सुनिश्चित परिणति
शास्त्रों से भी अधिक सामथ्यर्वान मन की शक्ति
आवेशग्रस्त न रहें, सौम्य जीवन जियें
समस्याओं का समाधान दृष्टिकोण के परिष्कार पर निभर्र
सफलता- ऐसों के कदम चूमती है
रस्सी साँप या साँप रस्सी
परिस्थिति परिवतर्न की संधि बेला
कुवर्न्नेवेह कमार्णि जिजीविषेच्छतां यत्
मानवता को नया जीवन देने वाली दिव्य वनौषधियाँ
आत्मिकी की एक सवार्गपूणर् शाखा ज्योतिविर्ज्ञान
यज्ञ प्रक्रिया में गंध की उपादेयता एवं प्रभाव क्षमता
अपनों से अपनी बात
काम के लोग-गीत
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-
Year 1984 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
अगले अंक में गुरुदेव का समग्र जीवन-वृतांत
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Other Version of this book
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
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हे मानव! तू पहले अपनी आत्मा को पहिचान
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