• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
  • हमारे बारे में
    • लक्ष्य और उद्देश्य
    • शांतिकुंज आश्रम
    • संरक्षक - संस्थापक
    • वर्तमान संरक्षक
    • ब्लोग्स एवं क्षेत्रीय साइट्स
    • देव संस्कृति विश्वविद्यालय
    • संगठन
    • Dr. Chinmay Pandya - Our pioneering youthful representative
    • हमारे प्रतिष्ठान
  • हमारे प्रयास
    • Spiritual
    • पर्यावरण संरक्षण
    • समाज निर्माण
    • शिक्षा और विद्या
    • Health
    • Corporate Excellence
    • Disaster Management
    • Training/Shivir/Camps
    • Research
    • Programs / Events
  • साहित्य
    • पुस्तकें
    • अखंडज्योति पत्रिका
    • News
    • E-Books
    • Events
    • Gayatri Panchang
    • Geeta Jayanti 2023
    • Motivational Quotes
    • Lecture Summery
  • आध्यात्मिक आधार
    • Thought Transformation
    • Revival of Rishi Tradition
    • नया युग आ रहा है
    • Yagya
    • Life Management
    • Foundation of New Era
    • Indian Culture
    • Scientific Spirituality
    • Gayatri
    • Self Realization
    • सात्विक संस्कार
  • मीडिया संग्रह
    • Social Media
    • Video Gallery
    • Audio Collection
    • Photos Album
    • Pragya Abhiyan
    • Mobile Application
    • Gurukulam
    • News and activities
    • Blogs Posts
    • YUG PRAVAH VIDEO MAGAZINE
  • सम्पर्क सूत्र
    • India Contacts
    • Global Contacts
    • शांतिकुंज - मुख्यालय
    • हम से जुड़ें
    • हमें लिखें
    • Spiritual Guidance
    • Magazine Subscriptions
    • Shivir @ Shantikunj
    • Contribute Us
  • Login
  • हमारे बारे में
    • लक्ष्य और उद्देश्य
    • शांतिकुंज आश्रम
    • संरक्षक - संस्थापक
    • वर्तमान संरक्षक
    • ब्लोग्स एवं क्षेत्रीय साइट्स
    • देव संस्कृति विश्वविद्यालय
    • संगठन
    • Dr. Chinmay Pandya - Our pioneering youthful representative
    • हमारे प्रतिष्ठान
  • हमारे प्रयास
    • Spiritual
    • पर्यावरण संरक्षण
    • समाज निर्माण
    • शिक्षा और विद्या
    • Health
    • Corporate Excellence
    • Disaster Management
    • Training/Shivir/Camps
    • Research
    • Programs / Events
  • साहित्य
    • पुस्तकें
    • अखंडज्योति पत्रिका
    • News
    • E-Books
    • Events
    • Gayatri Panchang
    • Geeta Jayanti 2023
    • Motivational Quotes
    • Lecture Summery
  • आध्यात्मिक आधार
    • Thought Transformation
    • Revival of Rishi Tradition
    • नया युग आ रहा है
    • Yagya
    • Life Management
    • Foundation of New Era
    • Indian Culture
    • Scientific Spirituality
    • Gayatri
    • Self Realization
    • सात्विक संस्कार
  • मीडिया संग्रह
    • Social Media
    • Video Gallery
    • Audio Collection
    • Photos Album
    • Pragya Abhiyan
    • Mobile Application
    • Gurukulam
    • News and activities
    • Blogs Posts
    • YUG PRAVAH VIDEO MAGAZINE
  • सम्पर्क सूत्र
    • India Contacts
    • Global Contacts
    • शांतिकुंज - मुख्यालय
    • हम से जुड़ें
    • हमें लिखें
    • Spiritual Guidance
    • Magazine Subscriptions
    • Shivir @ Shantikunj
    • Contribute Us
  • Login

हमारे प्रयास   >   शिक्षा और विद्या    >   Kanya Kishor Kaushal   >   कार्य योजना


कार्य योजना

स्वरूप 

परिजन छोटे-छोटे समूहों में अपने आस-पास के 10 से 50 तक की संख्या में किशोर/ किशोरियों को एकत्र कर  स्थानीय शक्तिपीठ, विद्यालय या अन्य किसी भी सार्वजनिक स्थल पर अपनी सुविधानुसार रविवार या अवकाश के दिनों में 1 से 3 दिवसीय कन्या/किशोर कौशल अभिवर्धन सत्र आयोजित कर सकते हैं। शिविर में 8 वीं से 12 वीं कक्षा तथा महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को (15 से 20 वर्ष तक) सम्मिलित कर सकते हैं। इसके लिए उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय एवं कोचिंग इंस्टीट्युटस से संपर्क कर सकते हैं। साथ ही अपने आस-पास के गली-मोहल्ले, गँवों में व्यक्तिगत संपर्क से भी यह कार्य किया जा सकता है। किसी मोहल्ले, कालोनी, वार्ड अथवा 8-10 गाँवों के बीच 125 से 150 प्रतिभागियों को लेकर प्रातः 9.00 से सायं 5.00 बजे तक एक दिवसीय शिविर सम्पन्न किये जा सकते हैं।

            शिविर के पश्चात् भी प्रतिभागियों से निरंतर संपर्क बनाये रखें। उनके लिये प्रति सप्ताह  विभिन्न विषयों पर 1 दिवसीय अथवा 2-3 घण्टे की कार्यशालायें आयोजित करते रहें। धीरे-धीरे योग्यतानुसार उनकी प्रतिभा का सुनियोजन बाल संस्कार शाला चलाने, स्वाध्याय मण्डल, साप्ताहिक साधना-संगोष्ठी, पर्यावरण आंदोलन आदि जैसी विविध रचनात्मक गतिविधियों में करते हुए उनका उत्साहवर्धन करें। योग प्राणायाम आदि की कक्षायें उन्हें  सौपें, जन्मदिन मनाने, यज्ञ, दीपयज्ञ करने व करवाने हेतु प्रेरित करें। उनके कन्या मंडल, नवयुग दल गठित करें।

शिविर आयोजन - पूर्व तैयारी

शिविर स्थल का चयनः- शक्तिपीठ, विद्यालय, ग्राम पंचायत भवन या अन्य कोई भी सार्वजनिक स्थल, जहाँ प्रतिभागी आसानी से पहुँच सकें। जलपान, माइक आदि की व्यवस्था हो सके।

शिविर हेतु प्रशिक्षक टोली- प्रशिक्षणोपरांत परिजन 25 से 50 तक की संख्या के छोटे स्तर के शिविर अपने स्तर पर भी चला सकते हैं। किन्तु एक, तीन अथवा पाँच दिवसीय शिविर सम्पन्न करने हेतु 3-4 प्रशिक्षित व अनुभवी कार्यकर्त्ताओं की टीम गठित कर लें।

शिविर आयोजन हेतु आवश्यक सामग्री-

  1. शिविर हेतु प्रतिभागियों का पंजीयन अवश्य करें।  
  2. कक्षा हेतु चॉक, डस्टर, श्यामपट्ट, विषय संबंधी चित्र, फ्लैक्स, माइक, बैनर, तथा प्रतिभागियों को उपहार हेतु युग साहित्य।
  1. प्रशिक्षक अपने विषयों की पूर्ण तैयारी करें, नियमित स्वाध्याय करें।
  2. पावर प्वांइट द्वारा कार्यक्रम की प्रस्तुति अधिक आकर्षक, आसान व ग्राह्य होती है।

पंजीयन प्रक्रिया -

            आयोजन से अधिकतम 10 दिन पूर्व पंजीयन प्रक्रिया आरंभ करें। शिविर स्थल के निकटतम विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में संपर्क कर विद्यार्थियों को प्रेरणाप्रद संक्षिप्त उद्बोधन देने व ‘शिविर भागीदारी पत्रक’ भरवाने हेतु प्राचार्य की अनुमति से समय एवं तिथि निश्चित कर लें। निर्धारित दिन 15-20 मिनट का समय लेकर शिविर की सम्पूर्ण जानकारी- स्थान, समय, उद्देश्य, स्वरूप, लाभ आदि बताकर इच्छुक विद्यार्थियों को भागीदारी पत्रक बाँट दें व उसे भरने के संदर्भ में जानकारी दें। अगले दिन पुनः जाकर भागीदारी पत्रक  एकत्रित कर लें। एकत्रित पत्रक को स्थानवार वर्गीकृत करके रजिस्टर में रिकॉर्ड तैयार कर लें, जिससे अगली बार उनसे संपर्क साधा जा सके ।

ध्यान देने योग्य बातें :-

  1. केवल एक बार कन्या/किशोर कौशल शिविर कर लेना पर्याप्त नहीं है; कन्याओं के बराबर संपर्क में रहें।  कुछ न कुछ गतिविधियाँ, कार्यशलाएं उनके लिये आयोजित करते रहें।
  2. किशोर मनोविज्ञान को समझें। उनके प्रति संवेदनशील बनें, उनकी कमियों के प्रति सहानुभुतिपूर्ण व्यवहार अपनायें।
  3. एक दिवसीय शिविर के पश्चात् नियमित अन्तराल पर कार्यशालाएँ चलाते रहकर उन्हें मार्गदर्शन स्नेह एवं सहयोग देते रहें।
  4. प्रतिभागियों की रुचि के अनुरुप अपना व्याख्यान रोचक , मनोरंजक एवं आकर्षक शैली में प्रस्तुत करें।
  5. यथा संभव विभिन्न विषयों पर संगीत, काव्य पाठ, वाद-विवाद प्रतियोगिता, अपने विचार प्रस्तुत करने जैसी गतिविधियाँ भी आयोजित की जा सकती हैं।
  6. कौशल अभिवर्धन हेतु हस्त-शिल्प कला व स्वावलंबन आदि सिखायें।
  7. ग्राम्य विकास, वृक्षारोपण, स्वच्छता आदि जैसी सृजनात्मक व समाज सेवी गतिविधियों से जोड़ें। 
  8. यथा संभव समय-समय पर विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों को भी प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित करें। जैसे- जूडो-  कराटे, मार्शल आर्ट, महिला चिकित्सक, योग विशेषज्ञ, स्वावलंबन विशेषज्ञ इत्यादि
  9. कन्याओं के सत्र अलग और किशोरों के सत्र अलग-अलग चलाये जायें।
  10.  उन्हें अपने गाँव/ मोहल्ले स्तर पर साप्ताहिक गोष्ठी करने एवं स्वाध्याय मण्डल चलाने की प्रेरणा दें, साथ ही गोष्ठी के प्रारूप को प्रायोगिक रूप से सम्पन्न करके भी बताएँ।  जैसे-  एक सदस्य साहित्य पढ़े, शेष ध्यान से सुनें। बीच में थोड़ी देर रुक कर पढ़े हुए अंश पर सभी को अपने-अपने मंतव्य देने हेतु प्रेरित करें। स्वाध्याय हेतु प्रारम्भिक चरण में ऋषि चिन्तन के सान्निध्य में, छात्रोपयोगी पुस्तक माला सेट, जीवन जीने की कला,  महिला जागरण का उद्देश्य, महिला जागरण की दिशा और धारा, सफल जीवन की दिशा धारा, स्वस्थ रहने के सरल उपाय, हारिये न हिम्मत,आदि पुस्तकों को लिया जा सकता है।

 

सम्बंधित लिंक्स

  • कार्य योजना
  • गतिविधियाँ
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj