हमारी वसीयत और विरासत (भाग 101): ब्राह्म...

अपने समय के विभिन्न ऋषिगणों ने अपने हिस्से के काम सँभाले और पूरे किए थे। उन दिनों ऐसी परिस्थितियाँ, अवसर और इतना अवकाश भी था कि समय की आवश्यकता के अनुरूप अपने-अपने कार्यों को वे धैर्यपूर्वक उचित समय में संपन्न करते रह सके। पर अब तो आपत्तिकाल है। इन दिनों अनेक काम एक ही समय में द्रुतगति से निपटाने है...

Oct. 14, 2025, 11:13 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 100): ब्राह्म...

इस प्रश्न का उत्तर प्राप्त करने में बहुत देर नहीं लगती। देवमानवों का पुरातन इतिहास इसके लिए प्रमाण-उदाहरणों की एक पूरी शृंखला लाकर खड़ी कर देता है। उनमें से जो भी प्रिय लगे, अनुकूल पड़े, अपने लिए चुना-अपनाया जा सकता है। केवल दैत्य ही हैं, जिनकी इच्छाएँ-आवश्यकताएँ पूरी नहीं होतीं। कामनाएँ, वासनाएँ, तृष...

Oct. 13, 2025, 10:51 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 98): बोओ एवं ...

अध्यात्म को विज्ञान से मिलाने की योजना— कल्पना में तो कइयों के मन में थी, पर उसे कोई कार्यान्वित न कर सका। इस असंभव को संभव होते देखना हो, तो ब्रह्मवर्चस् शोध संस्थान में आकर अपनी आँखों से स्वयं देखना चाहिए। जो संभावनाएँ सामने हैं, उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले दिनों अध्यात्म की रूपरेखा वि...

Oct. 2, 2025, 11:31 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 97): बोओ एवं ...

इसे परीक्षा का एक घटनाक्रम ही कहना चाहिए कि पाँच बोर का लोडेड रिवाल्वर शातिर हाथों में भी काम न कर सका। जानवर काटने के छुरे के बारह प्रहार मात्र प्रमाण के निशान छोड़कर अच्छे हो गए। आक्रमणकारी अपने बम से स्वयं घायल होकर जेल जा बैठा। जिसके आदेश से उसने यह किया था, उसे फाँसी की सजा घोषित हुई। असुरता के ...

Oct. 1, 2025, 10:25 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 96): बोओ एवं ...

इस विराट को ही हमने अपना भगवान माना। अर्जुन के दिव्य चक्षु ने इसी विराट के दर्शन किए थे। यशोदा ने कृष्ण के मुँह में स्रष्टा का यही स्वरूप देखा था। राम ने पालने में पड़े-पड़े माता कौशल्या को अपना यही रूप दिखाया था और काकभुशुंडि इसी स्वरूप की झाँकी करके धन्य हुए थे। हमने भी अपने पास जो कुछ था, उसी विराट...

Sept. 28, 2025, 10:29 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 95): बोओ एवं ...

हिमालययात्रा से हरिद्वार लौटकर आने के बाद जब आश्रम का प्रारंभिक ढाँचा बनकर तैयार हुआ, तो विस्तार हेतु साधनों की आवश्यकता प्रतीत होने लगी। समय की विषमता ऐसी थी कि जिससे जूझने के लिए हमें कितने ही साधनों, व्यक्तित्वों एवं पराक्रमों की आवश्यकता अपेक्षित थी। दो काम करने थे— एक संघर्ष, दूसरा सृजन। संघर्ष...

Sept. 25, 2025, 11:07 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 94): शान्तिकु...

गुजारा अपनी जेब से एवं काम दिन-रात स्वयंसेवक की तरह मिशन का, ऐसा उदाहरण अन्य संस्थाओं में चिराग लेकर ढूँढ़ना पड़ेगा। यह सौभाग्य मात्र शान्तिकुञ्ज को मिला है कि उसके पास एम०ए०, एम०एस०सी०, एम०डी०, एम०एस०, पी०एच०डी०, आयुर्वेदाचार्य, संस्कृत आचार्य स्तर के कार्यकर्त्ता हैं। उनकी नम्रता, सेवाभावना, श्रमशी...

Sept. 25, 2025, 10:54 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 93): शान्तिकु...

यहाँ सभी सत्रों में आने वालों की स्वास्थ्य परीक्षा की जाती है। उसी के अनुरूप उन्हें साधना करने का निर्देश दिया जाता है। अध्यात्म और विज्ञान के समन्वय पर इस प्रकार शोध करने वाली विश्व की यह पहली एवं स्वयं में अनुपम प्रयोगशाला है। इसके अतिरिक्त भी सामयिक प्रगति के लिए जनसाधारण को जो प्रोत्साहन दिए जान...

Sept. 24, 2025, 10:02 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 92): शान्तिक...

देश की सभी भाषाओं और सभी मत-मतांतरों को पढ़ाने और उनके माध्यम से हर क्षेत्र में कार्यकर्त्ता तैयार करने के लिए एक अलग भाषा एवं धर्मविद्यालय शान्तिकुञ्ज में ही इसी वर्ष बनकर तैयार हुआ है और ठीक तरह चल पड़ा है। उपरोक्त कार्यक्रमों को लेकर जो भी कार्यकर्त्ता देशव्यापी दौरा करते हैं, वे मिशन के प्रायः 10 ...

Sept. 23, 2025, 10:05 a.m.

उत्तर प्रदेश में आयोजित हुआ रक्तदान महाय...

उत्तर प्रदेश राज्य के जनपदों में अखिल विश्व गायत्री परिवार से जुड़े परिजनों ने 21 सितंबर को सामूहिक रूप से रक्तदान महायज्ञ शिविर का आयोजन किया। शिविर में सुल्तानपुर जनपद द्वारा कीर्तिमान स्थापित करते हुए 1008 यूनिट रक्तदान किया गया। उसके बाद बुलंदशहर में 220 यूनिट रक्तदान किया गया। रक्तदान महायज्ञ म...

Sept. 23, 2025, 1:07 a.m.

शिमला गायत्री चेतना केंद्र, गुसान में आद...

अपने प्रवास के अंतर्गत देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने शिमला स्थित गायत्री चेतना केंद्र, गुसान में हिमाचल प्रदेश के विभिन्न प्रांतों से पधारे गायत्री परिजनों से स्नेहिल एवं आत्मीय भेंट की। इस अवसर पर आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने सभी परिजनों से व्यक्तिगत ...

Oct. 15, 2025, 5:07 p.m.

Respected Dr at Shimla Gayatri Conscious...

Respected Dr. the advertisement of Dev Sanskriti University, Haridwar under his stay. Chinmay Pandya ji visited Gayatri family from different provinces of Himachal Pradesh in Gayatri Chetna Kendra, Gusan located in Shimla. Respected Dr on this occasion. Pandya ji interacted personally with all famil...

Oct. 15, 2025, 5:03 p.m.

Visit of Yoga and Ayurveda Delegation fr...

A 10-member delegation from Sawha Yoga School, Holland, led by Mr. Gergie Ji, visited Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, Haridwar, to explore the ancient wisdom of Yoga and Ayurveda. The delegation was warmly welcomed by Respected Dr. Chinmay Pandya, Pro Vice Chancellor of the University, who interacted...

Oct. 15, 2025, 2:44 p.m.

मोहाली में प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन म...

अपने दो दिवसीय प्रवास के अगले चरण में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने मोहाली में आयोजित प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन में सहभागिता की। इस अवसर पर आदरणीय डॉ. पंड्या जी ने “व्यक्ति के अंदर के अंधकार को कैसे करें दूर” विषय पर प्रेरणादायक उद्बोधन दिया। उन...

Oct. 15, 2025, 2:38 p.m.

Respected Dr in Provincial Workers Confe...

Respected Dr. the replica of Dev Sanskriti University, Haridwar in the next phase of his two days stay. Chinmay Pandya ji participated in the provincial workers conference organized in Mohali. Respected Dr on this occasion. Pandya ji gave inspirational speech on the topic "How to remove the darkness...

Oct. 15, 2025, 1:27 p.m.

मोहाली शक्तिपीठ में दर्शन, प्रणाम एवं दा...

अपने दो दिवसीय प्रवास के अगले चरण में देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी मोहाली स्थित गायत्री शक्तिपीठ पधारे। इस अवसर पर उन्होंने माता गायत्री के पवित्र दर्शन एवं प्रणाम किए तथा श्रद्धेय दादा गुरु की प्रतिमा का अनावरण कर उपस्थित साधक परिवार को आत्मीय आशीर...

Oct. 15, 2025, 9:37 a.m.

Darshan in Mohali Shaktipeeth, Pranam an...

Respected Dr. the replica of Dev Sanskriti University, Haridwar in the next phase of his two days stay. Chinmay Pandya ji visited Gayatri Shaktipeeth located in Mohali. On this occasion, she paid holy darshan and salutations to Mata Gayatri and unveiling the statue of respected Dada Guru and gave so...

Oct. 15, 2025, 9:32 a.m.

World Mental Health Day Celebration at D...

The Department of Psychology, Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, celebrated World Mental Health Day with a week-long series of activities and awareness programs aimed at promoting emotional well-being and holistic mental health. The celebration focused on fostering mindfulness, empathy, and resilience—k...

Oct. 15, 2025, 9:20 a.m.

दिया, दिल्ली के युवाओं एवं छिंदवाड़ा (म....

हरिद्वार। अखिल विश्व गायत्री परिवार, शांतिकुंज में आयोजित दो महत्वपूर्ण प्रशिक्षण शिविरों का आज सफल समापन हुआ। पहला शिविर दिल्ली से आए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए आयोजित व्यक्तित्व परिष्कार शिविर था, जबकि दूसरा शिविर मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से पधारे कार्यकर्ताओं के लिए बा...

Oct. 14, 2025, 4:45 p.m.

मानव उत्कृष्टता हेतु नैतिक नेतृत्व की ओर...

“पंजाब नेशनल बैंक के राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘मानव उत्कृष्टता’ विषय पर आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी का प्रेरणादायक उद्बोधन संपन्न हुआ तथा ‘प्रोजेक्ट पलाश’ (भारतव्यापी वृक्षारोपण अभियान) का शुभारंभ किया गया।” नई दिल्ली, 14–15 अक्टूबर 2025: पंजाब नेशनल बैंक द्वारा “Grow, Innovate and Excel” विषय पर दो दि...

Oct. 14, 2025, 4:28 p.m.
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First Meeting With Guru

At the age of 15- Self-realization on Basant Panchanmi Parva 1926 at Anwalkheda (Agra, UP, India), with darshan and guidance from Swami Sarveshwaranandaji.

Akhand Deep

More than 2400 crore Gayatri Mantra have been chanted so far in its presence. Just by taking a glimpse of this eternal flame, people receive divine inspirations and inner strength.

Akhand Jyoti Magazine

It was started in 1938 by Pt. Shriram Sharma Acharya. The main objective of the magazine is to promote scientific spirituality and the religion of 21st century, that is, scientific religion.

Gayatri Mantra

The effect of sincere and steadfast Gayatri Sadhana is swift and miraculous in purifying, harmonizing and steadying the mind and thus establishing unshakable inner peace and a sense of joy filled calm even in the face of grave trials and tribulations in the outer life of the Sadhak.

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

आचार्य जी ने सिद्धांत और साधना को आधुनिक युग के अनुकूल तर्क व शब्द देकर सामाजिक परिवर्तन का जो मार्ग दिखाया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियाँ युगों-युगों तक कृतज्ञ रहेंगी।