सिंहस्थ में गायत्री परिवार के साधना शिविर २२ अप्रैल से आरंभ, उज्जैन

कुंभ जैसे विराट आयोजन जनमानस के परिष्कार का माध्यम होते हैं। महाकाल की नगरी में हो  रहे कुंभ में आने वाला हर श्रद्धालु महाकाल की वर्तमान योजना से परिचित हो, सहमत हो और सहयोग के लिए उत्साहित हो यह जवाबदारी गायत्री परिवार के परिजनों की है। 

महाकाल का संदेश है कि काल की गति को पुनः कल्याण की ओर मोड़ा जाय। जो इस कार्य में अपनी प्रतिभा, समय, साधन और पुरुषार्थ का नियोजन करेंगे, वही महाकाल की अनुकम्पा के अधिकारी बनेंगे। 

शिविर के कार्यक्रम 

शिविर स्थल- आगर रोड़ तिराहे के पास, विद्युत मंडल ग्रिड के सामने उज्जैन। 

गायत्री परिवार के शिविर में २२ अप्रैल से आरंभ होकर एक माह तक सघन गतिविधियाँ चलायी जा रही हैं। शिविर की दिनचर्या शांतिकुंज की दिनचर्या की तरह ही होगी। प्रमुख कार्यक्रम इस प्रकार हैं- 

1. २० अप्रैल को विशाल कलश यात्रा से शिविर का शुभारंभ होगा। 
2.प्रतिदिन १०८ कुण्डीय यज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा होंगे। इनमें से एक सप्ताह तक यज्ञ का संचानल ब्रह्मवादिनी बहिनों की टोली करेगी। 
3.क्रमशः नौ- नौ दिन के नौ दिवसीय साधना अनुष्ठान आयोजित किये जा रहे हैं। इनमें १०८- १०८ साधक भाग लेंगे। 
4.प्रतिदिन सामूहिक सावित्री साधना और उसके बाद सामूहिक अर्घ्यदान किया जायेगा। 
5.१,००,००,००० (एक करोड़) रुपये के साहित्य का ब्रह्मभोज किया जायेगा। 
6.६ ज्ञानरथ और ५०० झोला पुस्तकालय चलाये जायेंगे। शिविर में आने वाले प्रत्येक शिविरार्थी से झोला पुस्तकालय चलाने का आग्रह किया जायेगा। 
7.गुरुसत्ता के जीवन दर्शन और मिशन पर विशाल प्रदर्शनी लगायी जायेगी। 
8.कार्यकर्त्ता सम्मेलन, नारी जागरण सम्मेलन, युवा सम्मेलन, किसान सम्मेलन आदि का आयोजन होगा।  

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