ढपली प्रारम्भिक प्रशिक्षणप्रथम माह1 -ढपली पर कहरवा ताल बजने की विधि| 2 -कहरवा ताल का बोलकर धीमी गति से अभ्यास| 3 -मन में बोलकर धीमी गति से अभ्यास| 4 -बिना बोले थाह, दुगुन का अभ्यास| 5- ढपली की आवाज कम एवं ज्यादा करने का अभ्यास| 6 -बातचीत करते हुए बजाने का अभ्यास | 7 -कहरवा ताल पर गीतों की सेटिंग एवं कई गीतों का अभ्यास|
द्वितीय माह1 .तीन धुनों पर गीत एवं ढपली का अभ्यास | 2 .तीन धुनों के साथ ढपली तिहाई का अच्छा अभ्यास | 3 .-गीतों के साथ ढपली तिहाई सेटिंग कराना | 4- बिलम्बित कहरवा का प्रारम्भिक अभ्यास
तृतीय माह1- मध्यम गति कहरवा बिलम्बित कहरवा तिहाई गीतों के साथ अभ्यास | 2- उपरोक्त क्रम के अनुसार दादरा प्रारम्भिक | 3- उपरोक्त क्रम दादरा गीतों पर सेटिंग | 4- बिलम्बित दादरा उपरोक्त रूपक प्रारम्भिक |
तबला- नाल प्रारम्भिक प्रशिक्षणप्रथम माह1 .नाल की कुछ पारिभाषिक शब्द एवं निकले की विधि -उपरोक्त सभी चीजें याद कराना , समझाना और निकालना |,2-हस्त साधना के दूसरा सूत्र,3-हस्त साधना के तीसरा सूत्र , 4 -तीन ताल,ठेका एवं परिचय |
द्वितीय माह1.तीन ताल का एक कायदा , दो पलटा एवं तिहाई सहित ,2.कहरवा, ठाह का अभ्यास, 3.-कहरवा , दुगुन का अभ्यास, 4-कहरवा , चौगुन का अभ्यास |
तृतीय माह1- कहरवा , ठाह , दुगुन , चौगुन की तिहाई एवं लग्गियाँ,
2- दादरा , दुगुन का अभ्यास |
3-दादरा , दुगुन का अभ्यास |
4-रूपक के ठेके का अभ्यास एवं दादरा , ठाह दुगुन की तिहाई |
हारमोनियम प्रारम्भिक प्रशिक्षणप्रथम माह1 . हारमोनियम परिचय तैयार , 2 - दो अलंकारों का अभ्यास , 3 - पाँच अलंकारों का अभ्यास , 4 - कहरवा , दादरा , रूपक तीनों तालों की परिचय सहित जानकारी , 5 - एक से दस अलंकारों का अभ्यास ठाह , दुगुन में , 6 - एक से बारह तक अल्नाकारों का अभ्यास-ठाह, दुगुन और चौगुन में |
द्वितीय माह1. बारह अलंकारों को (क) यमन (ख) भैरव , दो थाटों पर ठाह , दुगुन और चौगुन में अभ्यास - बिलावल , 2. बारह अलंकारों को (क) काफी (ख) भैरवी , दो थाटों पर ठाह , दुगुन और चौगुन में अभ्यास , 3.- दो कीर्तन स्वर लिपि सहित तैयार करना , 4 . बारह अलंकारों को (क) तोड़ी - एक थाट पर ठाह , दुगुन और चौगुन में अभ्यास , 5. बारह अलंकारों का अभ्यास,दो गीत स्वर लिपि सहित तैयार करना |
तृतीय माहटोली हेतु पूर्ण तयारी -(क) आरती (ख) चालीसा (ग) यन्मडलम और (घ) यज्ञ महिमा
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