हमारी वसीयत और विरासत (भाग 94): तीसरी हि...

‘‘गायत्री के मंत्रद्रष्टा विश्वामित्र थे। उनने सप्तसरोवर नामक स्थान पर रहकर गायत्री की पारंगतता प्राप्त की थी। वही स्थान तुम्हारे लिए भी नियत है। उपयोगी स्थान तुम्हें सरलतापूर्वक मिल जाएगा। उसका नाम शान्तिकुञ्ज— गायत्री तीर्थ रखना और उन सब कार्यों का बीजारोपण करना, जिन्हें पुरातनकाल के ऋषिगण स्थूलशर...

Sept. 18, 2025, 10:11 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 87): तीसरी ह...

मथुरा का कार्य सुचारु रूप से चल पड़ने के उपरांत हिमालय से तीसरा बुलावा आया, जिसमें अगले चौथे कदम को उठाए जाने का संकेत था। समय भी काफी हो गया था। इस बार कार्य का दबाव अत्यधिक रहा और सफलता के साथ-साथ थकान बढ़ती गई थी। ऐसी परिस्थितियों में बैटरी चार्ज करने का यह निमंत्रण हमारे लिए बहुत ही उत्साहवर्द्धक ...

Sept. 17, 2025, 10:02 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 86): आराधना, ...

लोक-साधना का महत्त्व तब घटता है, जब उसके बदले नामवरी लूटने की ललक होती है। यह तो अखबारों में इश्तिहार छपाकर विज्ञापनबाजी करने जैसा व्यवसाय है। एहसान जताने और बदला चाहने से भी पुण्यफल नष्ट होता है। दोस्तों के दबाव से किसी भी काम के लिए चंदा दे बैठने से भी दान की भावना पूर्ण नहीं होती। देखा यह जाना चा...

Sept. 16, 2025, 10:15 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 85): आराधना, ...

बाजरे का— मक्का का एक दाना सौ दाने होकर पकता है। यह उदाहरण हमने अपनी संचित संपदा के उत्सर्ग करने जैसा दुस्साहस करने में देखा। जो था, वह परिवार के लिए उतनी ही मात्रा में— उतनी ही अवधि तक दिया, जब तक कि वे लोग हाथ-पैरों से कमाने-खाने लायक नहीं बन गए। उत्तराधिकार में समर्थ संतान हेतु संपदा छोड़ मरना— अप...

Sept. 15, 2025, 10:14 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 84): आराधना, ...

गुरुदेव के निर्देशन में अपनी चारों ही संपदाओं को भगवान के चरणों में अर्पित करने का निश्चय किया। (1) शारीरिक श्रम, (2) मानसिक श्रम, (3) भाव-संवेदनाएँ, (4) पूर्वजों का उपार्जित धन। अपना कमाया तो कुछ था ही नहीं। चारों को अनन्य निष्ठा के साथ निर्धारित लक्ष्य के लिए लगाते चले आए हैं। फलतः सचमुच ही वे सौ ...

Sept. 14, 2025, 11:45 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 83): आराधना, ...

इतने पर भी वे सेवाएँ महत्त्वपूर्ण हैं। अब तक प्रज्ञा परिवार से प्रायः 24 लाख से भी अधिक व्यक्ति संबंधित हैं। उनमें से जो मात्र सिद्धांतों, आदर्शों से प्रभावित होकर इस ओर आकर्षित हुए हैं, वे कम हैं। संख्या उनकी ज्यादा है, जिनने व्यक्तिगत जीवन में प्रकाश, दुलार, सहयोग, परामर्श एवं अनुदान प्राप्त किया ...

Sept. 12, 2025, 10:08 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 82): आराधना, ...

सर्वव्यापी ईश्वर निराकार ही हो सकता है। उसे परमात्मा कहा गया है। परमात्मा अर्थात आत्माओं का परम समुच्चय। इसे आदर्शों का एकाकार कहने में भी हर्ज नहीं। यही विराट ब्रह्म या विराट विश्व है। कृष्ण ने अर्जुन और यशोदा को अपने इसी रूप का दर्शन कराया था। राम ने कौशल्या तथा काकभुशुंडि को इसी रूप में, झलक के र...

Sept. 11, 2025, 10:22 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 81): आराधना, ...

गंगा, यमुना, सरस्वती के मिलने से त्रिवेणी संगम बनने और उसमें स्नान करने वाले का कायाकल्प होने की बात कही गई है। बगुले का हंस और कौए का कोयल आकृति में बदल जाना तो संभव नहीं, पर इस आधार पर विनिर्मित हुई अध्यात्मधारा का अवगाहन करने से मनुष्य का अंतरंग और बहिरंग जीवन असाधारण रूप से बदल सकता है, यह निश्च...

Sept. 10, 2025, 10:17 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 80): जीवन-साध...

तीसरा पक्ष अहंता का है। शेखीखोरी, बड़प्पन, ठाठ-बाट, सज-धज, फैशन आदि में लोग ढेरों समय और धन खरच करते हैं। निजी जीवन तथा परिवार में नम्रता और सादगी का ऐसा ब्राह्मणोचित माहौल बनाए रखा गया कि अहंकार के प्रदर्शन की कोई गुंजाइश नहीं थी। हाथ से घरेलू काम करने की आदत अपनाई गई। माताजी ने मुद्दतों हाथ से चक्क...

Sept. 8, 2025, 10:02 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 79): जीवन-साध...

देखा गया है कि अपराध प्रायः आर्थिक प्रलोभनों या आवश्यकताओं के कारण होते हैं। इसलिए उनकी जड़ें काटने के लिए औसत भारतीय स्तर का जीवनयापन अपनाने का व्रत लिया गया। अपनी निज की कमाई कितनी ही क्यों न हो; भले ही वह ईमानदारी या परिश्रम की क्यों न हो, पर उसमें से अपने लिए— परिवार के लिए खरच देशी हिसाब से किया...

Sept. 4, 2025, 11:12 a.m.

Speaking at International Conference on ...

(Pre-Summit Event of the Al Impact Summit 2026) Words of Wisdom from Shri Pushkar Singh Dhami Chief Minister of Uttarakhand, India Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, Haridwar, India...

Sept. 18, 2025, 2:14 p.m.

देसंविवि, शांतिकुंज में उत्साहपूर्वक मना...

हरिद्वार 17 सितंबर। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय एवं गायत्री तीर्थ शांतिकुंज परिसर में सृष्टि के प्रथम अभियंता एवं सृजनशीलता के देवता भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती उल्लासपूर्वक और श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में रचनात्मकता एवं उद्यमशीलता के प्रतीक भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की गई, जिसमें पुस्...

Sept. 18, 2025, 12:23 p.m.

आधुनिक युग में एआई की महत्त्वपूर्ण भूमिक...

आधुनिक युग में एआई की महत्त्वपूर्ण भूमिका: ओम बिरला, हिन्दुस्तान https://www.livehindustan.com/uttarakhand/haridwar/story-ai-summit-highlights-importance-of-artificial-intelligence-in-modern-era-201758030354477.html Newswrapहिन्दुस्तान, हरिद्वार Tue, 16 Sep 2025 07:15 PM देव संस्कृति विश्वविद्यालय म...

Sept. 18, 2025, 12:18 p.m.

Lok Sabha speaker Om Birla says AI must ...

Lok Sabha speaker Om Birla says AI must serve humanity, not control it, THE NEW INDIAN EXPRESS Lok Sabha Speaker Om Birla said the true purpose of technology is to enrich and elevate human experience, not to replace it. https://www.newindianexpress.com/nation/2025/Sep/16/lok-sabha-speaker-om-birla-s...

Sept. 18, 2025, 11:53 a.m.

AI must be rooted in spiritual wisdom fo...

AI must be rooted in spiritual wisdom for societal good: LS Speaker, DAILYEXCELSIOR.COM https://www.dailyexcelsior.com/ai-must-be-rooted-in-spiritual-wisdom-for-societal-good-ls-speaker/ Thursday, 18 September, 2025 Birla made these remarks while delivering inaugural address at an international conf...

Sept. 18, 2025, 11:40 a.m.

AI must serve humanity without becoming ...

AI must serve humanity without becoming tool to control humans: Om Birla,The Statesman https://www.thestatesman.com/india/ai-must-serve-humanity-without-becoming-tool-to-control-humans-om-birla-1503487289.html Thursday, 18 September, 2025 Birla made these remarks while delivering inaugural address a...

Sept. 18, 2025, 11:21 a.m.

Lok Sabha Speaker Om Birla inaugurates i...

Lok Sabha Speaker Om Birla inaugurates international conference on "Faith and Future: Integrating AI with Spirituality" at Dev Sanskriti University, Haridwar. https://www.facebook.com/aibsnews/posts/lok-sabha-speaker-ombirlakota-inaugurates-international-conference-on-faith-and-/805893608497199/ Lok...

Sept. 18, 2025, 10:57 a.m.

हरिद्वार में अंतर्राष्ट्रीय AI कार्यशाला...

हरिद्वार में अंतर्राष्ट्रीय AI कार्यशाला का आयोजन, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे https://www.facebook.com/watch/?v=1917188552472522  हरिद्वार के देव संस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज में "इंडियन एआई: फेथ एंड फ्यूचर" विषय पर अंत...

Sept. 18, 2025, 10:35 a.m.

Speaking at International Conference on ...

Words of Wisdom from Hon’ble Shri Om Birla Speaker of Lok Sabha, India Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, Haridwar, India...

Sept. 18, 2025, 9:39 a.m.

Speaking at International Conference on ...

Words of Wisdom from Hon’ble Dr. Chinmay Pandya Pro-Vice Chancellor, Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, India Dev Sanskriti Vishwavidyalaya, Haridwar, India...

Sept. 18, 2025, 9:29 a.m.
as

First Meeting With Guru

At the age of 15- Self-realization on Basant Panchanmi Parva 1926 at Anwalkheda (Agra, UP, India), with darshan and guidance from Swami Sarveshwaranandaji.

Akhand Deep

More than 2400 crore Gayatri Mantra have been chanted so far in its presence. Just by taking a glimpse of this eternal flame, people receive divine inspirations and inner strength.

Akhand Jyoti Magazine

It was started in 1938 by Pt. Shriram Sharma Acharya. The main objective of the magazine is to promote scientific spirituality and the religion of 21st century, that is, scientific religion.

Gayatri Mantra

The effect of sincere and steadfast Gayatri Sadhana is swift and miraculous in purifying, harmonizing and steadying the mind and thus establishing unshakable inner peace and a sense of joy filled calm even in the face of grave trials and tribulations in the outer life of the Sadhak.

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

आचार्य जी ने सिद्धांत और साधना को आधुनिक युग के अनुकूल तर्क व शब्द देकर सामाजिक परिवर्तन का जो मार्ग दिखाया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियाँ युगों-युगों तक कृतज्ञ रहेंगी।