ज्योतिकलश यात्रा - UBHARAN, ARAVALLI, GUJARAT - 18/05/2024
18/05/2024 को, गाँव UBHARAN, ARAVALLI, GUJARAT में शांतिकुंज यात्रा का एक अद्वितीय और प्रेरणाप्रद चरण शुरू हुआ। इस चरण में, ज्योतिकलश रथ गाँव के मुख्य स्थान पर पहुँच और स्थानीय निवासियों के बीच धर्मिक और सामाजिक जागरूकता में भाग लिया। साथ ही, 200 से अधिक लोगों ने "व्यसनमुक्ति अभियान" का समर्थन किया और स्वच्छता और सामुदायिक विकास के प्रति अपना संकल्प ग्रहण किया।
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निराश मत होइए
रे. क्राक जो भी काम करने बैठते उसमें असफल हो जाते। सबसे पहले उन्होंने फ्लोरिडा में रीयल एस्टेट बेचने की कोशिश की, किंतु उसमें उन्हें घाटा हो गया। रीयल एस्टेट में घाटा होने के बाद उन्होंने उस काम को...
ईमानदारी तथा बेईमानी
कुछ लोग संसार में ईमानदारी से जीते हैं, और बहुत से लोग झूठ छल कपट बेईमानी करते हैं। ईमानदार लोगों को धन, सम्मान आदि कम मिलता है। झूठे बेईमान लोग जैसे तैसे छल कपट से चालाकी से बहुत सा धन भी इकट्ठा क...
अशुभ चिंतन छोड़िये-भय मुक्त होइये (भाग 2)
इसके उत्तर में जिन्न ने कहा कि “तुम्हीं ने मुझे बुलाया है और तुम्हीं ने मुझे डराने के लिए जिम्मेदार किया है। इसके लिए तुम्हीं जिम्मेदार हो, क्योंकि तुम्हीं ने मुझे उत्पन्न किया है।” जाप...
दुःखों की गठरी घटे कैसे ?
दुःखों को कैसे बँटाया जाए और उनसे कैसे निबटा जाए, इस संबंध में बायजीद नामक एक सूफी फकीर ने बड़ी सुंदर कथा कही है। उस फकीर ने एक दिन प्रार्थना की, हे मेरे भगवान्! मेरे मालिक!! मेरा दुःख किसी और को दे...
अशुभ चिंतन छोड़िये-भय मुक्त होइये (भाग 3)
भय और मनोबल, अशुभ और शुभ चिन्तन आशंकाएं और आशाएँ सब मन के ही खेल हैं। इनमें पहले वर्ग का चुनाव जहाँ व्यक्ति को आत्मघाती स्थिति में धकेलता है वही दूसरे प्रकार का चुनाव उसे उत्कर्ष तथा प्रगति के लिए ...
अशुभ चिंतन छोड़िये-भय मुक्त होइये
बहुधा नये कामों का आरम्भ करते समय एक किस्म का संकोच होने लगता है। कारण वही है- अशुभ आशंका। उस स्थिति में अशुभ आशंकाओं को अपने मन से झटक कर विचार किया जाना चाहिए। सफलता और असफलता दोनों ही सम्भावनाएँ...
परिवार रचना की दो परम्पराएँ
परिवारों का गठन दो प्रकार का होता है एक रक्त-परिवार, दूसरा विचार-परिवार। माता-पिता के खून से बनकर जो परिवार बनता है वह घर,कुटुम्ब कहलाता है। भावनाओं और आकांक्षाओं की एकता वाले लोग भी एक कुटुम्बी ही...
प्रेम और कृतज्ञता का सौंदर्य
निस्वार्थ भाव से, बदला न पाने की इच्छा से और अहसान न जताने के विचार से जो उपकार दूसरों के साथ किया जाता है उसके फल की समता तीनों लोक मिलकर भी नहीं कर सकते। बदला पाने की इच्छा रहित जो भलाई की गई है,...
कुछ बिन्दु जिन्दगी के लिये
1. प्रतिदिन 10 से 30 मिनट टहलने की आदत बनायें. चाहे समय ना हो तो घर मे ही टहले , टहलते समय चेहरे पर मुस्कराहट रखें.
2. प्रतिदिन कम से कम 10 मिनट चुप रहकर बैठें.
3. पिछले स...
अपनी कमजोरियों को दूर कीजिये (भाग 1)
आप कितनी भी कठिन परिस्थितियों में क्यों न हों, आप अपनी खिन्नता, अपनी मानसिक दशा परिवर्तित करके दूर कर सकते हैं। मस्तिष्क के एक भाग (Cerebrum) से, जहाँ विचार उत्पन्न होते हैं, मस्तिष्क के दूसरे भाग ...