अश्वमेध महायज्ञ का रजत जयंती समारोह
विशेष आकर्षण था ‘आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी’ आन्दोलन
भुबनेश्वर। ओडिशा
भुबनेश्वर अश्वमेध महायज्ञ का रजत जयंती समारोह 108 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के साथ दिनांक 8 फरवरी 2024 से 11 फरवरी 2024 की तिथियों में न्यू ए. जी. कॉलोनी के खेल मैदान में आयोजित हुआ। स्थानीय युवाओं को मिशन के प्रति अथाह समर्पण भाव के साथ सक्रिय कार्यकर्त्ताओं को मिला देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी का प्यार व मार्गदर्शन तथा यज्ञ स्थल पर लगाई गई ‘आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी’ अभियान की प्रदर्शनी इस महायज्ञ के प्रमुख आकर्षण थे।
आदरणीय डॉ. चिन्मय पण्ड्या जी 10 फरवरी को सायं दीपयज्ञ के अवसर पर उपस्थित हुए। उन्होंने अपने संदेश में ‘अप्प दीपो भव’ का संदेश देते हुए कहा कि गायत्री प्रकाश का ही दूसरा रूप है। गायत्री उपासना से स्वयं के जीवन के पाप, ताप, अंधकार, हताशा, निराशा तो दूर होते ही हैं, आसपास के वातावरण में भी उत्साह और उल्लास छा जाता है। हम सबको ऐसे ही व्यक्तित्व का निर्माण करना है।
शान्तिकुञ्ज प्रतिनिधि ने इससे पूर्व शक्तिपीठ पहुँचकर माँ गायत्री के दर्शन किए, परिजनों से व्यक्तिगत मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम जानी। आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी प्रदर्शनी में गर्भ का ज्ञान-विज्ञान, गर्भ संवाद, आहार, योग, आदर्श दिनचर्या और गर्भ धारण की पूर्व प्रस्तुति संबंधी पोस्टर्स, वीडियो तथा प्रोजेक्टर्स के माध्यम से दी गई जानकारियाँ मनचाही संतान पाने के लिए दर्शकों का अत्यंत प्रभावशाली और सटीक मार्गदर्शन कर रहे थे।
इस प्रदर्शनी को हर दर्शक ने सराहा, जिज्ञासाएँ व्यक्त कीं और समाधान पाया। छात्र-छात्राएँ भी इस प्रदर्शनी को देखने के लिए विशेष रूप से आए। सैकड़ों लोगों ने अपने उत्साह और अभिरूचि को व्यक्त करने वाली प्रतिक्रियाएँ दीं। समस्त परियोजना का संचालन श्रीमती विलासिनी साहू एवं श्री प्रमोद कुमार दाश एवं उनके अनेक सहयोगियों ने किया।
प्रत्यक्ष परिणाम दिखे आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी अभियान से निष्ठापूर्वक जुड़ने वाली एक माँ भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रही, जिसने हाल ही में एक स्वस्थ एवं दिव्य बच्चे को जन्म दिया। आदरणीय डॉ. चिन्मय जी ने उसे पावन गुरूसत्ता की ओर से आशीर्वाद दिया। उस नवजात शिशु के ओज, तेज से सभी प्रभावित हुए।