Teen Tarh Ke Log तीन तरह के लो...

हम झूठ बोलते हैं क्योंकि सच बोलने पर लोग अक्सर हमारा साथ छोड़ देते हैं। यह विडम्बना है कि झूठ ज्यादा ...

March 18, 2024, 10:20 a.m.

विचारों का प्रतिफल कर्म...

कर्म जो आँखों से दिखाई देता है वह अदृश्य−विचारों का ही दृश्य रूप है। मनुष्य जैसा सोचता है वैसा करता ...

March 18, 2024, 10:19 a.m.

लौकिक सफलताओं का आधार...

नीति और अनीति के आधार पर प्रतिष्ठा−अप्रतिष्ठा, प्रेम, द्वेष, शान्ति−अशान्ति, दंड पुरस्कार, स्वर्ग−नर...

March 18, 2024, 10:18 a.m.

बर्बादी की दुष्प्रवृत्ति...

समय की बर्बादी को यदि लोग धन की हानि से बढ़कर मानने लगें, तो क्या हमारा जो बहुमूल्य समय यों ही आलस म...

March 18, 2024, 10:16 a.m.

अच्छाई और बुराई...

संसार में अच्छाई और बुराई दोनों आपके सामने हैं। हमको विचार करना है की हमें उनसे क्या सीखना है? हमने...

March 18, 2024, 10:15 a.m.

सर्वनिंदक महाराज...

एक थे सर्वनिंदक महाराज। काम-धाम कुछ आता नहीं था पर निंदा गजब की करते थे।हमेशा औरों के काम में टाँग फ...

March 18, 2024, 10:14 a.m.

न अपराध करें न करने दें...

बुरे लोगों के बीच रहते हुए सज्जनों को भी कष्ट ही होता है। जहाँ नर बलि चढ़ाने की प्रथा है उन निर्दय, ...

March 18, 2024, 10:10 a.m.

सभ्य नागरिक का पवित्र कर्त्तव्...

समाज शास्त्र के अनुसार प्रत्येक सभ्य नागरिक का यह पवित्र कर्तव्य है कि बुराइयों से वह स्वयं बचे और द...

March 18, 2024, 10:09 a.m.

स्वार्थपरता और संकीर्णता...

राष्ट्रीय दृष्टि से स्वार्थपरता, व्यक्तिवाद, असहयोग, संकीर्णता हमारा एक प्रमुख दोष है। सारी दुनियाँ ...

March 18, 2024, 10:06 a.m.

अपनी गुत्थी आप सुलझावें...

मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता आप है। जिस प्रकार वह अनुपयुक्त विचारों एवं आदतों का गुलाम बनकर अपनी स्...

March 18, 2024, 10:04 a.m.

झारखण्ड युवा प्रतिनिधियों द्वा...

आदरणीया शेफाली दीदी जी के झारखण्ड़ प्रवास के दौरान प्रान्तीय युवा प्रकोष्ठ गायत्री परिवार झारखण्ड़ के ...

March 17, 2024, 11:03 p.m.

संस्कारवान संतति ही श्रेष्ठ ना...

जिला गोड्डा झारखण्ड के सरकंडा में आयोजित १०८ कुण्डीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ कार्यक्रम में शां...

March 17, 2024, 10:56 p.m.

गोड्डा झारखण्ड में नारी जागृति...

जिला गोड्डा झारखण्ड के सरकंडा में आयोजित १०८ कुण्डीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ कार्यक्रम में शां...

March 17, 2024, 2:31 p.m.

बाली, इंडोनेशिया के गांधीपुरी ...

देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या जी ने गाँधी पुरी आश्रम बाली इंडोने...

March 16, 2024, 10 a.m.

अकबरपुर जनपद में गायत्री शक्ति...

अकबरपुर जनपद में गायत्री शक्तिपीठ की प्राण प्रतिष्ठा  अकबरपुर जनपद के दीनदयाल नगर बाढ़ापुर में हाइवे ...

March 15, 2024, 11:34 a.m.

108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ कपा...

शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में विराट 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का विशाल आयोजन कई उपलब्धियां के ...

March 14, 2024, 7 p.m.

251 कुंडीय यज्ञ हेतु संकल्प गो...

।।एनसीआर, नई दिल्ली।।गायत्री परिवार मुख्यालय गायत्री तीर्थ शान्तिकुंज के तत्वावधान में देश की राजधान...

March 10, 2024, 9:50 p.m.

नशा रूपी राक्षस को भगा कर गायत...

॥जमुआ,गिरिडीह, झारखंड॥ जमुआ के बरोटांड दुम्मा में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित चार दिवसीय...

March 10, 2024, 3:54 p.m.

नारी जागरण आंदोलन में अपनी भाग...

|| रायगड़ा, ओडिशा ||  देवियां देश की जाग जाए अगर, युग स्वयं ही बदलता चला जायेगा यह संदेश लेकर अखिल व...

March 10, 2024, 9:06 a.m.

 आदरणीय डॉ चिन्मय पंड्या एवं...

|| विशाखापत्तनम, आंध्रप्रदेश ||  अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रतिनिधि आदरणीय डॉक्टर चिन्मय पंड्या जी ...

March 9, 2024, 2:55 p.m.
as

First Meeting With Guru

At the age of 15- Self-realization on Basant Panchanmi Parva 1926 at Anwalkheda (Agra, UP, India), with darshan and guidance from Swami Sarveshwaranandaji.

Akhand Deep

More than 2400 crore Gayatri Mantra have been chanted so far in its presence. Just by taking a glimpse of this eternal flame, people receive divine inspirations and inner strength.

Akhand Jyoti Magazine

It was started in 1938 by Pt. Shriram Sharma Acharya. The main objective of the magazine is to promote scientific spirituality and the religion of 21st century, that is, scientific religion.

Gayatri Mantra

The effect of sincere and steadfast Gayatri Sadhana is swift and miraculous in purifying, harmonizing and steadying the mind and thus establishing unshakable inner peace and a sense of joy filled calm even in the face of grave trials and tribulations in the outer life of the Sadhak.

आचार्य जी ने सिद्धांत और साधना को आधुनिक युग के अनुकूल तर्क व शब्द देकर सामाजिक परिवर्तन का जो मार्ग दिखाया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियाँ युगों-युगों तक कृतज्ञ रहेंगी।

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

मुझे ज्ञात है कि इस विश्वविद्यालय ने स्वतंत्रता सेनानी और लगभग ३००० पुस्तकों के लेखक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्यजी के स्वप्न को साकार रूप दिया है। इन्हें भारत में ज्ञान क्रांति का प्रवर्तक कहना उपयुक्त होगा। आचार्यश्री का विचार था कि अज्ञानता ही निर्धनता और बीमारी आदि सभी समस्याओं की जड़ है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (पूर्व राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक)

आचार्य जी का एकाकी पुरुषार्थ सारे संत समाज की सम्मिलित शक्ति के स्तर का है, उनने गायत्री व यज्ञ को प्रतिबंध रहित करने निमित्त जो कुछ भी किया वह शास्त्रों के अनुसार ही था। मेरा उन्हें बारम्बार नमन है।

स्वामी जयेन्द्रतीर्थ सरस्वती (शंकराचार्य कांची कामकोटि पीठ)

श्रद्धेय आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने जो कार्य कर दिखाया वह अद्भुत है, युग के लिए नितांत आवश्यक है। आचार्य जी के साहित्य से मैं बहुत प्रभावित हूँ। प्रज्ञा पुराण ने विशेष रूप से मुझे अपने कार्यों में बहुत बल प्रदान किया है। उनका चिंतन राष्ट्र को शक्तिशाली बनाता और मानव मात्र को सही दिशा प्रदान करता है।

श्री नानाजी देशमुख (संस्थापक ग्रामोदय विश्वविद्यालय)

आचार्य जी द्वारा भाष्य किए गए उपनिषदों का स्वाध्याय करने के बाद उन्होंने कहा कि- ‘‘काश! यह साहित्य मुझे जवानी में मिल गया होता तो मेरे जीवन की दिशाधारा कुछ और ही होती; मैं राजनीति में न जाकर आचार्य श्री के चरणों में बैठा अध्यात्म का ज्ञान ले रहा होता।’’

सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन्

विनोबा जी ने वेदों के पूज्यवर द्वारा किए गए भाष्य को ग्वालियर मेंं एक सार्वजनिक सभा में अपने सिर पर धारण करते हुए कहा- "ये ग्रन्थ किसी व्यक्ति द्वारा नहीं, शक्ति द्वारा लिखे गये हैं।"

आचार्य विनोबा भावे

सुप्रसिद्ध सन्त देवरहा बाबा एक सिद्ध पुरुष थे। उनने एक परिजन से कहा- ‘‘बेटा! उनके बारे में मैं क्या कहूँ? यह समझो कि मैं हृदय से सतत उनका स्मरण करता रहता हूँ। गायत्री उनमें पूर्णतः समा गयी है एवं वे साक्षात् सविता स्वरूप हैं।’’

देवरहा बाबा

‘‘आचार्यश्री ने गायत्री को जन-जन की बनाकर महर्षि दयानन्द के कार्यों को आगे बढ़ाया है। गायत्री और ये एकरूप हो गये हैं।’’

महात्मा आनन्द स्वामी

अपने भावभरे उद्गार पूज्यवर के सम्बन्ध में इस रूप में व्यक्त किए थे- ‘‘आचार्य जी इस युग में गायत्री के जनक हैं। उनने गायत्री को सबकी बना दिया। यदि इसे मात्र ब्राह्मणों की मानकर उन्हीं के भरोसे छोड़ दिया होता तो अब तक गायत्री महाविद्या सम्भवतः लुप्त हो गयी होती।’’

करपात्री जी महाराज