• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • जीवन की त्रिधारा-बरटेण्ड रसेल
    • जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ
    • प्रेम- भक्ति का विकास और विस्तार
    • एकोऽहं बहुस्याम की पृष्ठभूमि
    • भारतीय दर्शन का विस्तार व वैज्ञानिक विश्लेषण
    • कर्मयोगी-अनासक्ति
    • धर्मविहीन विज्ञान नितान्त अपूर्ण
    • जो ब्रह्माण्ड है वही पिण्ड में है
    • मना का जन्म कु. शुजला के रूप में
    • पृथ्वी कल बनी मनुष्य कब बना
    • प्रलय की मान्यताएँ कल्पित नहीं
    • विद्या ही सफलता का मूल आधार है
    • संगीत एक हृदयस्पर्शी शक्ति
    • एक शरीर यहाँ- वहाँ भी
    • बच्चों को दण्ड नहीं दिशाएँ दें
    • अमैथुनी सृष्टि भी होती है- हो सकती है
    • हमारी इच्छा शक्ति प्रबल एवं प्रखर
    • बम विस्फोट कितने घातक
    • नमक शरीर के लिए आवश्यक नहीं
    • योग- पूर्व परिचय व प्रारम्भिक तैयारी
    • विद्रूप और उसकी साधना दृष्टि
    • सृष्टि का सौन्दर्य ऐसे नष्ट न करें
    • जीवों की सात अवस्थायें और उसका विज्ञान
    • यह विशाल धनराशि निर्धनता पाट सकती है
    • अपनों से अपनी बात-अपना परिवार और उसका भावी संगठन
    • सत्य-दर्शन (कविता) -गौरीशंकर द्विवेदी
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • जीवन की त्रिधारा-बरटेण्ड रसेल
    • जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ
    • प्रेम- भक्ति का विकास और विस्तार
    • एकोऽहं बहुस्याम की पृष्ठभूमि
    • भारतीय दर्शन का विस्तार व वैज्ञानिक विश्लेषण
    • कर्मयोगी-अनासक्ति
    • धर्मविहीन विज्ञान नितान्त अपूर्ण
    • जो ब्रह्माण्ड है वही पिण्ड में है
    • मना का जन्म कु. शुजला के रूप में
    • पृथ्वी कल बनी मनुष्य कब बना
    • प्रलय की मान्यताएँ कल्पित नहीं
    • विद्या ही सफलता का मूल आधार है
    • संगीत एक हृदयस्पर्शी शक्ति
    • एक शरीर यहाँ- वहाँ भी
    • बच्चों को दण्ड नहीं दिशाएँ दें
    • अमैथुनी सृष्टि भी होती है- हो सकती है
    • हमारी इच्छा शक्ति प्रबल एवं प्रखर
    • बम विस्फोट कितने घातक
    • नमक शरीर के लिए आवश्यक नहीं
    • योग- पूर्व परिचय व प्रारम्भिक तैयारी
    • विद्रूप और उसकी साधना दृष्टि
    • सृष्टि का सौन्दर्य ऐसे नष्ट न करें
    • जीवों की सात अवस्थायें और उसका विज्ञान
    • यह विशाल धनराशि निर्धनता पाट सकती है
    • अपनों से अपनी बात-अपना परिवार और उसका भावी संगठन
    • सत्य-दर्शन (कविता) -गौरीशंकर द्विवेदी
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1970 - Version 1

Media: SCAN
Language: HINDI
TEXT SCAN


सृष्टि का सौन्दर्य ऐसे नष्ट न करें

First 51 53 Last
First 51 53 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • जीवन की त्रिधारा-बरटेण्ड रसेल
  • जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ
  • प्रेम- भक्ति का विकास और विस्तार
  • एकोऽहं बहुस्याम की पृष्ठभूमि
  • भारतीय दर्शन का विस्तार व वैज्ञानिक विश्लेषण
  • कर्मयोगी-अनासक्ति
  • धर्मविहीन विज्ञान नितान्त अपूर्ण
  • जो ब्रह्माण्ड है वही पिण्ड में है
  • मना का जन्म कु. शुजला के रूप में
  • पृथ्वी कल बनी मनुष्य कब बना
  • प्रलय की मान्यताएँ कल्पित नहीं
  • विद्या ही सफलता का मूल आधार है
  • संगीत एक हृदयस्पर्शी शक्ति
  • एक शरीर यहाँ- वहाँ भी
  • बच्चों को दण्ड नहीं दिशाएँ दें
  • अमैथुनी सृष्टि भी होती है- हो सकती है
  • हमारी इच्छा शक्ति प्रबल एवं प्रखर
  • बम विस्फोट कितने घातक
  • नमक शरीर के लिए आवश्यक नहीं
  • योग- पूर्व परिचय व प्रारम्भिक तैयारी
  • विद्रूप और उसकी साधना दृष्टि
  • सृष्टि का सौन्दर्य ऐसे नष्ट न करें
  • जीवों की सात अवस्थायें और उसका विज्ञान
  • यह विशाल धनराशि निर्धनता पाट सकती है
  • अपनों से अपनी बात-अपना परिवार और उसका भावी संगठन
  • सत्य-दर्शन (कविता) -गौरीशंकर द्विवेदी
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj