प्रयागराज महाकुम्भ में 13 जनवर...

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ हो रहे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन महा...

Jan. 9, 2025, 5:59 p.m.

वीर बाल दिवस के अवसर पर साहिबज...

कौशाम्बी: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में भरवारी नगर पालिका के सिंधिया में गुरुवार 26 दिसंबर को वी...

Dec. 26, 2024, 10:46 p.m.

कौशाम्बी जनपद में 4 दिवसीय 24 ...

●  28 नवंबर को सायंकालीन 2400 दीपों से दीपयज्ञ का हुआ आयोजन ● सैकड़ों परिजनों ने यज्ञ के साथ कराए विभ...

Dec. 1, 2024, 1:45 p.m.

24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ को ...

कौशाम्बी जनपद के करारी नगर में अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ ...

Nov. 13, 2024, 7:47 p.m.

कौशाम्बी जनपद में 24 कुंडीय गा...

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में अखिल विश्व गायत्री परिवार की जनपद इकाई के द्वारा करारी नगर में 24 ...

Oct. 24, 2024, 10:03 p.m.

चिन्तन कम ही कीजिए।...

*क्या आप अत्याधिक चिन्तनशील प्रकृति के हैं? सारे दिन अपनी बाबत कुछ न कुछ गंभीरता से सोचा ही करते हैं...

Oct. 24, 2024, 6:50 p.m.

प्रत्येक परिस्थिति में प्रसन्न...

बुराई की शक्ति अपनी सम्पूर्ण प्रबलता के साथ टक्कर लेती है। इसमें सन्देह नहीं है। ऐसे भी व्यक्ति संसा...

Oct. 18, 2024, 9:46 a.m.

घृणा का स्थान...

निंदा, क्रोध और घृणा ये सभी दुर्गुण हैं, लेकिन मानव जीवन में से अगर इन दुर्गुणों को निकल दीजिए, तो स...

Oct. 18, 2024, 9:42 a.m.

अनेकता में एकता-देव - संस्कृति...

यहाँ एक बात याद रखनी चाहिए कि संस्कृति का माता की तरह अत्यंत विशाल हृदय है। धर्म सम्प्रदाय उसके छोटे...

Oct. 18, 2024, 9:41 a.m.

प्रगति के पाँच आधार...

अरस्तू ने एक शिष्य द्वारा उन्नति का मार्ग पूछे जाने पर उसे पाँच बातें बताई।  (1) अपना दायरा बढ़ाओ, ...

Oct. 18, 2024, 9:39 a.m.

Dr. Chinmya Pandaya Meets Shri...

In a recent interaction, Shri Jagdishkumar M. Gupta, Executive Chairman of J. Kumar Infraprojects (@...

Jan. 20, 2025, 4:37 p.m.

Shri Himesh Reshammiya Ji Cred...

Had an insightful conversation with the iconic Shri Himesh Reshammiya Ji, who humbly credited the bl...

Jan. 20, 2025, 4:08 p.m.

आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या का म...

| 20 जनवरी 2025, मुंबई - महाराष्ट्र || देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय प...

Jan. 20, 2025, 1:13 p.m.

देसंविवि और केंद्रीय विश्वविद्...

हरिद्वार 17 जनवरी। हरिद्वार स्थित देव संस्कृति विश्वविद्यालय और केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के ब...

Jan. 18, 2025, 8:22 a.m.

श्री कृष्ण सिंहल जी का देव संस...

श्री कृष्ण सिंहल जी, अखिल भारतीय संपर्क टोली सदस्य और भारत सेवा प्रतिष्ठान के चेयरमैन, का देव संस्कृ...

Jan. 17, 2025, 9:51 a.m.

Dr. B. Suresh Visits Dev Sansk...

Dr. B. Suresh, Pro Chancellor of JSS University, Mysore, and President of the Pharmacy Council of In...

Jan. 17, 2025, 9:33 a.m.

Dr. Balram Singh Discusses Int...

Dr. Balram Singh, a leading expert in protein structure, biochemistry, and biotechnology, recently v...

Jan. 16, 2025, 4:28 p.m.

Significant Collaboration betw...

A significant Memorandum of Understanding (MOU) was signed between Dev Sanskriti Vishwavidyalaya (DS...

Jan. 16, 2025, 4:16 p.m.

देव संस्कृति विश्वविद्यालय की ...

IIT यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर, उड़ीसा में आयोजित ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2024 में देव संस्कृति विश्...

Jan. 16, 2025, 1:27 p.m.

प्रयागराज महाकुंभ: कलशयात्रा क...

प्रयागराज, महाकुंभ 2025 – महाकुंभ के पावन अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा आयोजित भव्य कलशया...

Jan. 14, 2025, 8:45 p.m.
as

First Meeting With Guru

At the age of 15- Self-realization on Basant Panchanmi Parva 1926 at Anwalkheda (Agra, UP, India), with darshan and guidance from Swami Sarveshwaranandaji.

Akhand Deep

More than 2400 crore Gayatri Mantra have been chanted so far in its presence. Just by taking a glimpse of this eternal flame, people receive divine inspirations and inner strength.

Akhand Jyoti Magazine

It was started in 1938 by Pt. Shriram Sharma Acharya. The main objective of the magazine is to promote scientific spirituality and the religion of 21st century, that is, scientific religion.

Gayatri Mantra

The effect of sincere and steadfast Gayatri Sadhana is swift and miraculous in purifying, harmonizing and steadying the mind and thus establishing unshakable inner peace and a sense of joy filled calm even in the face of grave trials and tribulations in the outer life of the Sadhak.

आचार्य जी ने सिद्धांत और साधना को आधुनिक युग के अनुकूल तर्क व शब्द देकर सामाजिक परिवर्तन का जो मार्ग दिखाया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियाँ युगों-युगों तक कृतज्ञ रहेंगी।

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

 

मुझे ज्ञात है कि इस विश्वविद्यालय ने स्वतंत्रता सेनानी और लगभग ३००० पुस्तकों के लेखक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्यजी के स्वप्न को साकार रूप दिया है। इन्हें भारत में ज्ञान क्रांति का प्रवर्तक कहना उपयुक्त होगा। आचार्यश्री का विचार था कि अज्ञानता ही निर्धनता और बीमारी आदि सभी समस्याओं की जड़ है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (पूर्व राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक)

 

आचार्य जी का एकाकी पुरुषार्थ सारे संत समाज की सम्मिलित शक्ति के स्तर का है, उनने गायत्री व यज्ञ को प्रतिबंध रहित करने निमित्त जो कुछ भी किया वह शास्त्रों के अनुसार ही था। मेरा उन्हें बारम्बार नमन है।

स्वामी जयेन्द्रतीर्थ सरस्वती (शंकराचार्य कांची कामकोटि पीठ)

 

श्रद्धेय आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने जो कार्य कर दिखाया वह अद्भुत है, युग के लिए नितांत आवश्यक है। आचार्य जी के साहित्य से मैं बहुत प्रभावित हूँ। प्रज्ञा पुराण ने विशेष रूप से मुझे अपने कार्यों में बहुत बल प्रदान किया है। उनका चिंतन राष्ट्र को शक्तिशाली बनाता और मानव मात्र को सही दिशा प्रदान करता है।

श्री नानाजी देशमुख (संस्थापक ग्रामोदय विश्वविद्यालय)

 

आचार्य जी द्वारा भाष्य किए गए उपनिषदों का स्वाध्याय करने के बाद उन्होंने कहा कि- ‘‘काश! यह साहित्य मुझे जवानी में मिल गया होता तो मेरे जीवन की दिशाधारा कुछ और ही होती; मैं राजनीति में न जाकर आचार्य श्री के चरणों में बैठा अध्यात्म का ज्ञान ले रहा होता।’’

सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन्

 

विनोबा जी ने वेदों के पूज्यवर द्वारा किए गए भाष्य को ग्वालियर मेंं एक सार्वजनिक सभा में अपने सिर पर धारण करते हुए कहा- "ये ग्रन्थ किसी व्यक्ति द्वारा नहीं, शक्ति द्वारा लिखे गये हैं।"

आचार्य विनोबा भावे

 

सुप्रसिद्ध सन्त देवरहा बाबा एक सिद्ध पुरुष थे। उनने एक परिजन से कहा- ‘‘बेटा! उनके बारे में मैं क्या कहूँ? यह समझो कि मैं हृदय से सतत उनका स्मरण करता रहता हूँ। गायत्री उनमें पूर्णतः समा गयी है एवं वे साक्षात् सविता स्वरूप हैं।’’

देवरहा बाबा

 

‘‘आचार्यश्री ने गायत्री को जन-जन की बनाकर महर्षि दयानन्द के कार्यों को आगे बढ़ाया है। गायत्री और ये एकरूप हो गये हैं।’’

महात्मा आनन्द स्वामी

 

अपने भावभरे उद्गार पूज्यवर के सम्बन्ध में इस रूप में व्यक्त किए थे- ‘‘आचार्य जी इस युग में गायत्री के जनक हैं। उनने गायत्री को सबकी बना दिया। यदि इसे मात्र ब्राह्मणों की मानकर उन्हीं के भरोसे छोड़ दिया होता तो अब तक गायत्री महाविद्या सम्भवतः लुप्त हो गयी होती।’’

करपात्री जी महाराज