समयदानियों की अविस्मरणीय अनुभूतिया
गुरूदेव ने हमें वह दिया जो केवल भगवान दे सकता है
यह मेरा चौथा अश्वमेध यज्ञ है। पिछले यज्ञों में 15-15 दिन का समयदान किया, अब रिटायर हो गए तो इसमें एक माह का समयदान कर रहे हैं। गुरूदेव ने हमको वह दिया है जो कोई इंसान नहीं, केवल भगवान ही दे सकता है। गुरूदेव ने गायत्री परिवार के सभी लोगों को कुछ न कुछ अवश्य दिया है। हम जिस दिन यहाँ आए, उसी दिन हमारे पोते की स्वास्थ्य विभाग में सरकारी नौकरी लग गई।
हम अपने यहाँ पाँच कुण्डीय, नौ कुण्डीय यज्ञ कराते रहते हैं। हम एक कार्यक्रम से आकर थक कर घर में विश्राम कर रहे थे, तभी मेरा पोता कूलर साफ कर रहा था। उसे करंट लगा। यह देख हमारी भाभी ने जोर से अवाज लगाई। हम घर से बाहर आ गए, लोग सड़क से आकर इकट्ठा हो गए। देखा पोते की साँसें थम गई थीं, शरीर अकड़ गया था, आँखें फटी की फटी रह गई थीं।
हमने गुरूदेव का ध्यान किया। याद करते-करते जो हमें समझ में आया उसी अनुसार उसके तलवे और शरीर को रगड़ा। दो मिनट में चेतना लौट आई, फिटकरी का दूध पिलाया। बिना किसी दवाई के गुरूकृपा से वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया। गुरूकृपा का यह चमत्कार अनेक लोगों ने देखा, श्रद्धा से
नतमस्तक हुए।
- वेदभूषण तिवारी, अयोध्या, उ. प्र.