• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • मनुष्य को मनुष्य बनाने वाला धर्म- स्वामी विवेकानन्द
    • जीवन जीने की उत्कृष्ट रीति-नीति
    • सत्यमेव जयते नानृतम्
    • परमात्मा को जानने के लिये अपने आपको जानो
    • जीवन सुन्दरता पूर्वक जियें
    • विचार शक्ति का जीवन पर प्रभाव
    • यज्ञमय जीवन ही मनुष्य जीवन की सार्थकता
    • ते सज्जन मम प्रान-प्रिय
    • विपत्तियों को कैसे जीता जाय
    • समाज परिवर्तन में बुद्धिजीवियों की भूमिका
    • सभ्य समाज की सुसंस्कृत रचना और पुस्तकालय
    • शुद्ध मनोरंजन उपयोगी ही नहीं आवश्यक भी
    • उद्धत बनकर असंतोष न भड़कायें
    • परिश्रम करने वाले ही आगे बढ़ते हैं
    • सज्जनों से ही मित्रता करें
    • गायत्री की उच्चस्तरीय साधना- गायत्री का शक्ति स्रोत-सविता देवता
    • अपनों सें अपनी बात -हमारे व्यक्तिगत प्रतिनिधि और उनके दौरे
    • तुम दीपक से जलते जाओ (कविता)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • मनुष्य को मनुष्य बनाने वाला धर्म- स्वामी विवेकानन्द
    • जीवन जीने की उत्कृष्ट रीति-नीति
    • सत्यमेव जयते नानृतम्
    • परमात्मा को जानने के लिये अपने आपको जानो
    • जीवन सुन्दरता पूर्वक जियें
    • विचार शक्ति का जीवन पर प्रभाव
    • यज्ञमय जीवन ही मनुष्य जीवन की सार्थकता
    • ते सज्जन मम प्रान-प्रिय
    • विपत्तियों को कैसे जीता जाय
    • समाज परिवर्तन में बुद्धिजीवियों की भूमिका
    • सभ्य समाज की सुसंस्कृत रचना और पुस्तकालय
    • शुद्ध मनोरंजन उपयोगी ही नहीं आवश्यक भी
    • उद्धत बनकर असंतोष न भड़कायें
    • परिश्रम करने वाले ही आगे बढ़ते हैं
    • सज्जनों से ही मित्रता करें
    • गायत्री की उच्चस्तरीय साधना- गायत्री का शक्ति स्रोत-सविता देवता
    • अपनों सें अपनी बात -हमारे व्यक्तिगत प्रतिनिधि और उनके दौरे
    • तुम दीपक से जलते जाओ (कविता)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1967 - Version 1

Media: SCAN
Language: HINDI
SCAN TEXT


मनुष्य को मनुष्य बनाने वाला धर्म- स्वामी विवेकानन्द

1 Last
1 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • मनुष्य को मनुष्य बनाने वाला धर्म- स्वामी विवेकानन्द
  • जीवन जीने की उत्कृष्ट रीति-नीति
  • सत्यमेव जयते नानृतम्
  • परमात्मा को जानने के लिये अपने आपको जानो
  • जीवन सुन्दरता पूर्वक जियें
  • विचार शक्ति का जीवन पर प्रभाव
  • यज्ञमय जीवन ही मनुष्य जीवन की सार्थकता
  • ते सज्जन मम प्रान-प्रिय
  • विपत्तियों को कैसे जीता जाय
  • समाज परिवर्तन में बुद्धिजीवियों की भूमिका
  • सभ्य समाज की सुसंस्कृत रचना और पुस्तकालय
  • शुद्ध मनोरंजन उपयोगी ही नहीं आवश्यक भी
  • उद्धत बनकर असंतोष न भड़कायें
  • परिश्रम करने वाले ही आगे बढ़ते हैं
  • सज्जनों से ही मित्रता करें
  • गायत्री की उच्चस्तरीय साधना- गायत्री का शक्ति स्रोत-सविता देवता
  • अपनों सें अपनी बात -हमारे व्यक्तिगत प्रतिनिधि और उनके दौरे
  • तुम दीपक से जलते जाओ (कविता)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj