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परमात्मा का निराकार स्वरूप-समर्थ गुरु रामदास
हम महान् ईश्वर के महान् पुत्र हैं
सर्वोपरि और सर्वशक्तिमान सत्ता-परमात्मा
अध्यात्म से मानव-जीवन का चरमोत्कर्ष`
लोकोत्तर जीवन श्रद्धा-भूत ही नहीं विज्ञान भूत भी
सामान्य जीवन में महानता का समावेश
धर्म रहित विज्ञान हमारा सर्वनाश करके छोड़ेगा
निग्रहीत मन की सार्मथ्य अपार
समाज की अभिनव रचना सद्विचारों से
पूर्वजन्मों के सम्बन्धित संस्कार
हम देवत्व की ओर बढ़े अनुसरता की ओर नहीं
देखने वाली आत्मा को आँखें आवश्यक नहीं
अन्य जीवों को तुच्छ न समझें
नये युग के तीन आधार- सत्य, साम्य और एक्य
अपनी मानसिक शांति इस तरह बर्बाद न करें
उपवास- शरीर शोधन की महत्त्वपूर्ण प्रणाली
पुस्तकालयों का जाल बिछा दिया जाये
संगीत जो तन-मन को जीवन देता है
सर्वशक्ति से आरोग्य प्राप्ति
संकट और कष्टों के निवारण में गायत्री शक्ति का प्रयोग
जाग्रत् कुण्डलिनी और कुण्डलिनी जागरण
वसंत पंचमी हमारा उद्यान पर्व
अपनों से अपनी बात- विदाई की घड़ियाँ , हमारी व्यथा-वेदना
महाप्रयाण (कविता)-बलराम सिंह परिहार
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Year 1969 - Version 1
Media: SCAN
Language: HINDI
नये युग के तीन आधार- सत्य, साम्य और एक्य
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Other Version of this book
Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...
Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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हम महान् ईश्वर के महान् पुत्र हैं
सर्वोपरि और सर्वशक्तिमान सत्ता-परमात्मा
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