• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • जीवन क्षेत्र को ज्योतिर्मय बनाने वाला आत्म-प्रकाश
    • आत्मबल ही सर्वतोमुखी समर्थता का मूल है
    • ईश्वर की दिव्य सत्ता जो श्रद्धा करने योग्य है
    • धर्म का उद्देश्य सदाचार एवं र्कत्तव्य पालन
    • स्वप्न और उनका रहस्यवाद
    • आत्मा को उत्कृष्ट वातावरण का लाभ दिया जाय
    • अतीन्द्रीय क्षमता में जैव ऊर्जा का योगदान
    • स्थूल से परे शरीर और भी है
    • अपने रहने की अपनी दुनिया आप बनायें
    • अतृष्ट आकांक्षाओं से पीड़ित भूत-प्रेत
    • मोह सीमा बद्ध होता है, प्रेम नहीं
    • प्रकृति के अनुदान अन्य प्राणियों को भी मिले है
    • मैत्री करुणा, मुदिता और उपेक्षा
    • अगले दिनों ब्रह्माण्ड भर के प्राणी एक होंगे
    • विचारों में क्रम-व्यवस्था एवं एकाग्रता बनाये रहें
    • मंत्र शक्ति के आधार स्रोत
    • अपनों से अपनी बात- युग निर्माण परिवार का पुनर्गठन
    • जलन-दर्द (कविता) -मंगल विजय
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • जीवन क्षेत्र को ज्योतिर्मय बनाने वाला आत्म-प्रकाश
    • आत्मबल ही सर्वतोमुखी समर्थता का मूल है
    • ईश्वर की दिव्य सत्ता जो श्रद्धा करने योग्य है
    • धर्म का उद्देश्य सदाचार एवं र्कत्तव्य पालन
    • स्वप्न और उनका रहस्यवाद
    • आत्मा को उत्कृष्ट वातावरण का लाभ दिया जाय
    • अतीन्द्रीय क्षमता में जैव ऊर्जा का योगदान
    • स्थूल से परे शरीर और भी है
    • अपने रहने की अपनी दुनिया आप बनायें
    • अतृष्ट आकांक्षाओं से पीड़ित भूत-प्रेत
    • मोह सीमा बद्ध होता है, प्रेम नहीं
    • प्रकृति के अनुदान अन्य प्राणियों को भी मिले है
    • मैत्री करुणा, मुदिता और उपेक्षा
    • अगले दिनों ब्रह्माण्ड भर के प्राणी एक होंगे
    • विचारों में क्रम-व्यवस्था एवं एकाग्रता बनाये रहें
    • मंत्र शक्ति के आधार स्रोत
    • अपनों से अपनी बात- युग निर्माण परिवार का पुनर्गठन
    • जलन-दर्द (कविता) -मंगल विजय
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1977 - Version 1

Media: SCAN
Language: HINDI
TEXT SCAN


जीवन क्षेत्र को ज्योतिर्मय बनाने वाला आत्म-प्रकाश

1 Last
1 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • जीवन क्षेत्र को ज्योतिर्मय बनाने वाला आत्म-प्रकाश
  • आत्मबल ही सर्वतोमुखी समर्थता का मूल है
  • ईश्वर की दिव्य सत्ता जो श्रद्धा करने योग्य है
  • धर्म का उद्देश्य सदाचार एवं र्कत्तव्य पालन
  • स्वप्न और उनका रहस्यवाद
  • आत्मा को उत्कृष्ट वातावरण का लाभ दिया जाय
  • अतीन्द्रीय क्षमता में जैव ऊर्जा का योगदान
  • स्थूल से परे शरीर और भी है
  • अपने रहने की अपनी दुनिया आप बनायें
  • अतृष्ट आकांक्षाओं से पीड़ित भूत-प्रेत
  • मोह सीमा बद्ध होता है, प्रेम नहीं
  • प्रकृति के अनुदान अन्य प्राणियों को भी मिले है
  • मैत्री करुणा, मुदिता और उपेक्षा
  • अगले दिनों ब्रह्माण्ड भर के प्राणी एक होंगे
  • विचारों में क्रम-व्यवस्था एवं एकाग्रता बनाये रहें
  • मंत्र शक्ति के आधार स्रोत
  • अपनों से अपनी बात- युग निर्माण परिवार का पुनर्गठन
  • जलन-दर्द (कविता) -मंगल विजय
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj