• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • प्रगति और विपत्ति में सभी सहभागी
    • ज्ञान प्राप्ति का मार्ग
    • तो क्या यह संसार झूठ है
    • सुन्दर अनुपम सुन्दर यह सृष्टि
    • अपना स्वंय ही बनायें
    • दिव्यशक्तियों की उपलब्धि
    • उपलब्धियों से अधिक महत्वपूर्ण उनका सदुपयोग
    • मृत्यु जीव का अन्त या नये जीवन की तैयारी
    • बाह्य जगत, अन्तर्जगत का प्रतिबिम्ब
    • भावनाओं से घुला हुआ विष और अमृत
    • सेवा साधना में जीवन की सार्थकता
    • सहयोग सदभाव भरी उदार दिव्य आत्माएँ
    • सत्प्रयतन संयुक्त रूप से किये जाँय
    • यह संसार केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं है
    • संस्कृति के तीन आधार काय, वाक् एवं चित्त संस्कार
    • शरीर से पहले मन का उपचार करें
    • समूचे व्यक्तित्त्व को ही सम्मोहक बनाएँ
    • हरिद्वार कुम्भ पर्व पर प्रगतिशील जातीय सम्मेलनों की धूम
    • सन् ८१ के सौरविस्फोट और उनका धरती पर प्रभाव
    • निकट भविष्य की अशुभ सम्भावनाएँ
    • नियति के परिवर्तन में अध्यात्म शक्ति का उपयोग
    • आज में जो जिया सो जिया (कविता) -लाखन सिंह भदौरिया
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • प्रगति और विपत्ति में सभी सहभागी
    • ज्ञान प्राप्ति का मार्ग
    • तो क्या यह संसार झूठ है
    • सुन्दर अनुपम सुन्दर यह सृष्टि
    • अपना स्वंय ही बनायें
    • दिव्यशक्तियों की उपलब्धि
    • उपलब्धियों से अधिक महत्वपूर्ण उनका सदुपयोग
    • मृत्यु जीव का अन्त या नये जीवन की तैयारी
    • बाह्य जगत, अन्तर्जगत का प्रतिबिम्ब
    • भावनाओं से घुला हुआ विष और अमृत
    • सेवा साधना में जीवन की सार्थकता
    • सहयोग सदभाव भरी उदार दिव्य आत्माएँ
    • सत्प्रयतन संयुक्त रूप से किये जाँय
    • यह संसार केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं है
    • संस्कृति के तीन आधार काय, वाक् एवं चित्त संस्कार
    • शरीर से पहले मन का उपचार करें
    • समूचे व्यक्तित्त्व को ही सम्मोहक बनाएँ
    • हरिद्वार कुम्भ पर्व पर प्रगतिशील जातीय सम्मेलनों की धूम
    • सन् ८१ के सौरविस्फोट और उनका धरती पर प्रभाव
    • निकट भविष्य की अशुभ सम्भावनाएँ
    • नियति के परिवर्तन में अध्यात्म शक्ति का उपयोग
    • आज में जो जिया सो जिया (कविता) -लाखन सिंह भदौरिया
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1980 - Version 1

Media: SCAN
Language: HINDI
SCAN TEXT


प्रगति और विपत्ति में सभी सहभागी

1 Last
1 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • प्रगति और विपत्ति में सभी सहभागी
  • ज्ञान प्राप्ति का मार्ग
  • तो क्या यह संसार झूठ है
  • सुन्दर अनुपम सुन्दर यह सृष्टि
  • अपना स्वंय ही बनायें
  • दिव्यशक्तियों की उपलब्धि
  • उपलब्धियों से अधिक महत्वपूर्ण उनका सदुपयोग
  • मृत्यु जीव का अन्त या नये जीवन की तैयारी
  • बाह्य जगत, अन्तर्जगत का प्रतिबिम्ब
  • भावनाओं से घुला हुआ विष और अमृत
  • सेवा साधना में जीवन की सार्थकता
  • सहयोग सदभाव भरी उदार दिव्य आत्माएँ
  • सत्प्रयतन संयुक्त रूप से किये जाँय
  • यह संसार केवल मनुष्यों के लिए ही नहीं है
  • संस्कृति के तीन आधार काय, वाक् एवं चित्त संस्कार
  • शरीर से पहले मन का उपचार करें
  • समूचे व्यक्तित्त्व को ही सम्मोहक बनाएँ
  • हरिद्वार कुम्भ पर्व पर प्रगतिशील जातीय सम्मेलनों की धूम
  • सन् ८१ के सौरविस्फोट और उनका धरती पर प्रभाव
  • निकट भविष्य की अशुभ सम्भावनाएँ
  • नियति के परिवर्तन में अध्यात्म शक्ति का उपयोग
  • आज में जो जिया सो जिया (कविता) -लाखन सिंह भदौरिया
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj