• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • अन्तज्र्योति को प्रदीप्त रखें
    • आत्मज्ञान से देवत्व की प्राप्ति
    • अपरिमित सार्मथ्य का स्वामी है मनुष्य
    • सतयुगी गरिमा को प्रतिभाएँ जीवन्त करेंगी
    • योगत्रयी का मर्म एवं विधि-व्यवस्था
    • परोक्ष जगत के अस्तित्व को स्वीकारना ही पड़ेगा
    • विचित्र विलक्षण यह सृष्टि
    • त्रिविध भव बन्धन एवं उनसे मुक्ति
    • सहिष्णुता से हृदय जीता
    • मानवी गरिमा से जुड़ी सभ्यता-सुसंस्कारिता
    • मिथ्या प्रदर्शन संकट को आमन्त्रण
    • भाव सम्वेदनाओं की गंगोत्री सूखने न पाए
    • आत्मविश्वास की महती शक्ति सार्मथ्य
    • लय व तालबद्ध है मानव का जीवनक्रम
    • सुपात्र कौन?
    • मनुष्य पर्यावरण से जुड़े तो व्यक्तित्व का बिखराव रुके
    • एकान्त सेवन की तपश्चर्या
    • आत्मिकी का प्रवेश द्वार ध्यानयज्ञ
    • भ्रान्तियों के घटाटोप में रह रहे हम सब
    • बुद्धि विपर्यय से विचारक्रान्ति निपटेगी
    • युगसन्धि की द्विधा नियति-परिणति
    • आ रहा है एकता और समता का नवयुग
    • भव्य भवन का छोटा मॉडल
    • अपनों से अपनी बात ः युगसन्धि महापुरश्चरण प्रयोजन और प्रयास
    • दीप चाहिए ऐसे -गीत
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • अन्तज्र्योति को प्रदीप्त रखें
    • आत्मज्ञान से देवत्व की प्राप्ति
    • अपरिमित सार्मथ्य का स्वामी है मनुष्य
    • सतयुगी गरिमा को प्रतिभाएँ जीवन्त करेंगी
    • योगत्रयी का मर्म एवं विधि-व्यवस्था
    • परोक्ष जगत के अस्तित्व को स्वीकारना ही पड़ेगा
    • विचित्र विलक्षण यह सृष्टि
    • त्रिविध भव बन्धन एवं उनसे मुक्ति
    • सहिष्णुता से हृदय जीता
    • मानवी गरिमा से जुड़ी सभ्यता-सुसंस्कारिता
    • मिथ्या प्रदर्शन संकट को आमन्त्रण
    • भाव सम्वेदनाओं की गंगोत्री सूखने न पाए
    • आत्मविश्वास की महती शक्ति सार्मथ्य
    • लय व तालबद्ध है मानव का जीवनक्रम
    • सुपात्र कौन?
    • मनुष्य पर्यावरण से जुड़े तो व्यक्तित्व का बिखराव रुके
    • एकान्त सेवन की तपश्चर्या
    • आत्मिकी का प्रवेश द्वार ध्यानयज्ञ
    • भ्रान्तियों के घटाटोप में रह रहे हम सब
    • बुद्धि विपर्यय से विचारक्रान्ति निपटेगी
    • युगसन्धि की द्विधा नियति-परिणति
    • आ रहा है एकता और समता का नवयुग
    • भव्य भवन का छोटा मॉडल
    • अपनों से अपनी बात ः युगसन्धि महापुरश्चरण प्रयोजन और प्रयास
    • दीप चाहिए ऐसे -गीत
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1988 - Version 1

Media: SCAN
Language: HINDI
SCAN TEXT


अन्तज्र्योति को प्रदीप्त रखें

2 Last
2 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • अन्तज्र्योति को प्रदीप्त रखें
  • आत्मज्ञान से देवत्व की प्राप्ति
  • अपरिमित सार्मथ्य का स्वामी है मनुष्य
  • सतयुगी गरिमा को प्रतिभाएँ जीवन्त करेंगी
  • योगत्रयी का मर्म एवं विधि-व्यवस्था
  • परोक्ष जगत के अस्तित्व को स्वीकारना ही पड़ेगा
  • विचित्र विलक्षण यह सृष्टि
  • त्रिविध भव बन्धन एवं उनसे मुक्ति
  • सहिष्णुता से हृदय जीता
  • मानवी गरिमा से जुड़ी सभ्यता-सुसंस्कारिता
  • मिथ्या प्रदर्शन संकट को आमन्त्रण
  • भाव सम्वेदनाओं की गंगोत्री सूखने न पाए
  • आत्मविश्वास की महती शक्ति सार्मथ्य
  • लय व तालबद्ध है मानव का जीवनक्रम
  • सुपात्र कौन?
  • मनुष्य पर्यावरण से जुड़े तो व्यक्तित्व का बिखराव रुके
  • एकान्त सेवन की तपश्चर्या
  • आत्मिकी का प्रवेश द्वार ध्यानयज्ञ
  • भ्रान्तियों के घटाटोप में रह रहे हम सब
  • बुद्धि विपर्यय से विचारक्रान्ति निपटेगी
  • युगसन्धि की द्विधा नियति-परिणति
  • आ रहा है एकता और समता का नवयुग
  • भव्य भवन का छोटा मॉडल
  • अपनों से अपनी बात ः युगसन्धि महापुरश्चरण प्रयोजन और प्रयास
  • दीप चाहिए ऐसे -गीत
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj