• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • सार्वभौम सर्वजनीन-माँ की उपासना
    • विनाश का नियम
    • उस परम ज्योति को किससे जानें
    • आत्म-ज्ञान का तत्त्व दर्शन
    • Quotation
    • एक नियम व्यवस्था में बंधे हम सब
    • विचार शक्ति सन्मार्गगामी हो
    • सहृदयता अपनाकर आप भी महान् हो सकते हैं।
    • अपराधी दण्ड से बच नहीं सकता
    • विनाश के कगार पर बैठा है- संसार
    • सन् 1982 के बाद सर्वभक्षी भूकम्पों का सिलसिला
    • नयी सभ्यता के जन्म की प्रसव पीड़ा
    • महाविनाश के बाद स्वर्णिम युग का सूत्रपात
    • Quotation
    • गायत्री साधना से आत्मोद्धार
    • दिव्य अग्नि का प्रज्वलन कुण्डलिनी साधना से
    • सुसंस्कृत मन-दिव्य क्षमताओं का अजस्र भांडागार
    • VigyapanSuchana
    • युग परिवर्तन का ठीक यही समय
    • चुम्बकत्व की सामर्थ्य और उसका उच्चस्तरीय उपयोग
    • चमत्कारी सिद्धियों का यथार्थ
    • आत्मिक प्रगति के लिए आहार शुद्धि की आवश्यकता
    • दीर्घायु एवं समस्त जीवन कैसे प्राप्त करें?
    • VigyapanSuchana
    • अपनों से अपनी बात
    • VigyapanSuchana
    • सच्चा राम भक्त
    • सच्चा राम भक्त (Kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • सार्वभौम सर्वजनीन-माँ की उपासना
    • विनाश का नियम
    • उस परम ज्योति को किससे जानें
    • आत्म-ज्ञान का तत्त्व दर्शन
    • Quotation
    • एक नियम व्यवस्था में बंधे हम सब
    • विचार शक्ति सन्मार्गगामी हो
    • सहृदयता अपनाकर आप भी महान् हो सकते हैं।
    • अपराधी दण्ड से बच नहीं सकता
    • विनाश के कगार पर बैठा है- संसार
    • सन् 1982 के बाद सर्वभक्षी भूकम्पों का सिलसिला
    • नयी सभ्यता के जन्म की प्रसव पीड़ा
    • महाविनाश के बाद स्वर्णिम युग का सूत्रपात
    • Quotation
    • गायत्री साधना से आत्मोद्धार
    • दिव्य अग्नि का प्रज्वलन कुण्डलिनी साधना से
    • सुसंस्कृत मन-दिव्य क्षमताओं का अजस्र भांडागार
    • VigyapanSuchana
    • युग परिवर्तन का ठीक यही समय
    • चुम्बकत्व की सामर्थ्य और उसका उच्चस्तरीय उपयोग
    • चमत्कारी सिद्धियों का यथार्थ
    • आत्मिक प्रगति के लिए आहार शुद्धि की आवश्यकता
    • दीर्घायु एवं समस्त जीवन कैसे प्राप्त करें?
    • VigyapanSuchana
    • अपनों से अपनी बात
    • VigyapanSuchana
    • सच्चा राम भक्त
    • सच्चा राम भक्त (Kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1981 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


Quotation

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 13 15 Last
“निरन्तर देते रहने वाला ही सदैव पाता भी रहता है। न देने वाला तो अपने आपको सड़ा कर स्वयं तो गंदा होकर समाप्त होता ही है साथ ही अपनी दुर्गन्धि से दूसरों को भी अप्रसन्न कर असुविधाजनक स्थिति में डालता है।’’ - कन्फ्यूशंस

First 13 15 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • सार्वभौम सर्वजनीन-माँ की उपासना
  • विनाश का नियम
  • उस परम ज्योति को किससे जानें
  • आत्म-ज्ञान का तत्त्व दर्शन
  • Quotation
  • एक नियम व्यवस्था में बंधे हम सब
  • विचार शक्ति सन्मार्गगामी हो
  • सहृदयता अपनाकर आप भी महान् हो सकते हैं।
  • अपराधी दण्ड से बच नहीं सकता
  • विनाश के कगार पर बैठा है- संसार
  • सन् 1982 के बाद सर्वभक्षी भूकम्पों का सिलसिला
  • नयी सभ्यता के जन्म की प्रसव पीड़ा
  • महाविनाश के बाद स्वर्णिम युग का सूत्रपात
  • Quotation
  • गायत्री साधना से आत्मोद्धार
  • दिव्य अग्नि का प्रज्वलन कुण्डलिनी साधना से
  • सुसंस्कृत मन-दिव्य क्षमताओं का अजस्र भांडागार
  • VigyapanSuchana
  • युग परिवर्तन का ठीक यही समय
  • चुम्बकत्व की सामर्थ्य और उसका उच्चस्तरीय उपयोग
  • चमत्कारी सिद्धियों का यथार्थ
  • आत्मिक प्रगति के लिए आहार शुद्धि की आवश्यकता
  • दीर्घायु एवं समस्त जीवन कैसे प्राप्त करें?
  • VigyapanSuchana
  • अपनों से अपनी बात
  • VigyapanSuchana
  • सच्चा राम भक्त
  • सच्चा राम भक्त (Kavita)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj