• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • महानता से नाता जोड़ने की सूझबूझ
    • धर्म शाश्वत है, चरित्र अविनाशी
    • VigyapanSuchana
    • समर्पण, तादात्म्य ही उपासना का मर्म
    • विवाह का अर्थ (Kahani)
    • “क्षमा” ने कर दिया पापी का हृदय परिवर्तन
    • VigyapanSuchana
    • मन और हाथी (Kahani)
    • साधना से सिद्धि के मूलभूत सिद्धान्त
    • आन्तरिक वरिष्ठता (Kahani)
    • विपत्ति की पाठशाला में शिक्षा
    • पराधीन सपनेहु सुख नाहीं
    • सब दिन नाहिं बराबर जात (Kahani)
    • औरों में अच्छाइयाँ देखने से ही आत्मविकास संभव
    • पुण्यतोया भागीरथी भारत के लिए एक विशिष्ट अनुदान
    • चण्ड अशोक का आत्म-बोध
    • आन्तरिक वरिष्ठता (Kahani)
    • पुनर्प्रकाशित विशेष लेखमाला-3 - अध्यात्म क्षेत्र की वरिष्ठता विनम्रता पर निर्भर
    • यज्ञ रूप प्रभु का लाभ (Kahani)
    • गायत्री परिवार द्वारा एक ही समय-एक साथ - उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना
    • हेमाद्रि संकल्प और उससे जुड़े अनुशासन - परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी
    • परमपूज्य गुरुदेव की लेखनी से एक विशिष्ट मार्गदर्शन - त्रिपदा के तीन प्रयोग और आदर्श
    • मातृ सत्ता की पुण्य तिथि पर विशेष-1 - वंदनीय माताजी द्वारा वर्णित अपने आराध्य की जीवन गीता
    • गुरु हमें आत्मोन्मुख करने के लिए दिखाता है आइना
    • गुरू कथामृत-2 - अलौकिकताओं से भरी लीलापुरुष की जीवनयात्रा
    • महापूर्णाहुति समीप आ पहुँची, समझ लें हमें क्या करना है।
    • युगपरिवर्तन की वेला में आया है यह महायज्ञ - धर्मतंत्र सँभालें भावनात्मक परिष्कार की महती जिम्मेदारी
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • महानता से नाता जोड़ने की सूझबूझ
    • धर्म शाश्वत है, चरित्र अविनाशी
    • VigyapanSuchana
    • समर्पण, तादात्म्य ही उपासना का मर्म
    • विवाह का अर्थ (Kahani)
    • “क्षमा” ने कर दिया पापी का हृदय परिवर्तन
    • VigyapanSuchana
    • मन और हाथी (Kahani)
    • साधना से सिद्धि के मूलभूत सिद्धान्त
    • आन्तरिक वरिष्ठता (Kahani)
    • विपत्ति की पाठशाला में शिक्षा
    • पराधीन सपनेहु सुख नाहीं
    • सब दिन नाहिं बराबर जात (Kahani)
    • औरों में अच्छाइयाँ देखने से ही आत्मविकास संभव
    • पुण्यतोया भागीरथी भारत के लिए एक विशिष्ट अनुदान
    • चण्ड अशोक का आत्म-बोध
    • आन्तरिक वरिष्ठता (Kahani)
    • पुनर्प्रकाशित विशेष लेखमाला-3 - अध्यात्म क्षेत्र की वरिष्ठता विनम्रता पर निर्भर
    • यज्ञ रूप प्रभु का लाभ (Kahani)
    • गायत्री परिवार द्वारा एक ही समय-एक साथ - उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना
    • हेमाद्रि संकल्प और उससे जुड़े अनुशासन - परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी
    • परमपूज्य गुरुदेव की लेखनी से एक विशिष्ट मार्गदर्शन - त्रिपदा के तीन प्रयोग और आदर्श
    • मातृ सत्ता की पुण्य तिथि पर विशेष-1 - वंदनीय माताजी द्वारा वर्णित अपने आराध्य की जीवन गीता
    • गुरु हमें आत्मोन्मुख करने के लिए दिखाता है आइना
    • गुरू कथामृत-2 - अलौकिकताओं से भरी लीलापुरुष की जीवनयात्रा
    • महापूर्णाहुति समीप आ पहुँची, समझ लें हमें क्या करना है।
    • युगपरिवर्तन की वेला में आया है यह महायज्ञ - धर्मतंत्र सँभालें भावनात्मक परिष्कार की महती जिम्मेदारी
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1995 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


गायत्री परिवार द्वारा एक ही समय-एक साथ - उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 19 21 Last
पदार्थ विज्ञान के विशेषज्ञों ने मनुष्य मात्र के लिए बहुमूल्य सम्पत्तियाँ और सुविधाएँ जुटा दी हैं। यदि इनका विवेकपूर्ण और सद्भावयुक्त उपयोग हो सके तो धरती पर सतयुग जैसी-स्वर्ग परिस्थितियाँ पैदा करना कठिन नहीं है। विवेक और सद्भाव जैसी दिव्य क्षमताएँ मनुष्य के अन्दर जगाने का उत्तरदायित्व अध्यात्म के चेतना विज्ञान के विशेषज्ञों पर आता है। इसके लिए पूज्य गुरुदेव ने सद्विवेक और सद्भाव जगाने का एक ऐसा प्रयोग हमें सौंपा है जो मनुष्य मात्र के लिए विश्व स्तर पर स्वीकार किये जाने योग्य है। गायत्री परिवार उस कार्य को देवसंस्कृति के प्रति आस्थावानों, उदार विचारशीलों के सहयोग से सफलतापूर्वक आगे बढ़ा रहा है। युग संधि महापुरश्चरण उसी आध्यात्मिक प्रयोग का व्यवस्थित अनुष्ठान है। युग संधि महापुरश्चरण की अर्धपूर्णाहुति के इस वर्ष में सर्व हितकारी प्रयोग की गूँज जन-जन तक, हर मन मस्तिष्क तक पहुँचाने की आवश्यकता है।

क्या करें कैसे करें-

युग निर्माण योजना-गायत्री परिवार की प्रत्येक संगठित इकाई में सप्ताह में एक बार उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना सहित, अपने द्वारा किये जा रहे सेवा कार्यों पर समीक्षात्मक चर्चा होती है, जिसमें आस्थावान् सदस्य तथा क्षेत्र के सद्भाव सम्पन्न नर-नारी भाग लेते हैं। अब प्रति गुरुवार विभिन्न क्षेत्रों में यह प्रयोग एक ही समय, एक साथ, सारे भारत में की जाने वाली प्रार्थना के रूप में जोड़ दिया जाय।

-उपासना की दृष्टि से विभिन्न विश्वासों मतों, पथों व संप्रदायों के विचारशील व्यक्तियों तथा उस वर्ग के प्रमुखों से संपर्क करके सार्वजनिक स्थानों पर यह सामूहिक प्रार्थना एवं ध्यान प्रयोग अलग से भी सम्पन्न किये कराये जायें।

-जहाँ कहीं भी सज्जनों का कोई भी छोटा-बड़ा सम्मेलन हो, वहाँ 10 मिनट इस सामूहिक प्रार्थना प्रयोग को शामिल करने-कराने के लिए उन्हें सहमत किया जाए।

-प्रारम्भ से 5 मिनट में उन्हें मनुष्य मात्र के लिए उज्ज्वल भविष्य की कामना सहित की जाने वाली इस प्रार्थना का महत्व समझाया जाए।

-उसके बाद निर्धारित प्रार्थना बोल कर उनसे खण्ड-खण्ड में दुहरवायी जाये। यह प्रार्थना इस प्रकार है-

हे सर्वज्ञ! हम सबको सद्बुद्धि प्रदान करें। हे सर्वव्यापी!

मनुष्य मात्र को उज्ज्वल भविष्य के लक्ष्य तक पहुँचाने वाले मार्ग हमें दिखायें।

हे सर्वशक्तिमान्! हमें उज्ज्वल भविष्य के उस मार्ग पर दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ायें।

हमारा स्वभाव ऐसा बनायें कि-हम आपसे दिव्य प्रेम पायें और दूसरों को बाँटे।

-हम आपसे दिव्य सम्पदाएँ पायें और सब तक पहुँचाएँ।

-इस श्रेष्ठ मार्ग पर हम स्वयं चलें और दूसरों को चलाएँ।

-हम आपके अनुदानों तथा अपनी मेहनत के संयोग से अपने अन्दर देवत्व जगाने और आस-पास स्वर्ग जैसी परिस्थितियाँ बनाने में समर्थ हो सकें।

प्रार्थना बोली जाने के बाद सब लोग 5 मिनट तक मौन प्रार्थना एवं ध्यान करें।

-उक्त प्रार्थना के भाव मन में दुहराते हुए भावना करें कि हम सब की भावशक्ति-संकल्पशक्ति ऊपर अंतरिक्ष में एकत्रित हो रही है। उसके साथ हमारे इष्ट का सर्वशक्तिमान् सत्ता का अनुदान-आशीर्वाद जुड़ रहा है।

-अन्तरिक्ष में एक दिव्य प्रवाह उमड़कर सभी मनुष्यों पर बरस रहा है जिससे उनमें सद्भाव-सद्विवेक एवं सत्कर्म की सामर्थ्य विकसित हो रही है।

इस मौन प्रार्थना एवं ध्यान का रूप सभी को प्रार्थना दुहरवाने से पहले ही समझा दिया जाय।

अन्त में सब लोग हाथ जोड़ कर फिर सस्वर प्रार्थना करें।

विश्वानिदेव सवितुर्दुरितानि परासुव। यद्भद्रं तन्न आसुव॥

“ हे संसार को उत्पन्न करने वाले, सबको हर बुराई से बचायें और हर अच्छाई से जोड़ते रहें।” इस प्रार्थना के पश्चात् युग निर्माण सत्संकल्प का पाठ कर शाँतिपाठ कराया जाय।

ठस सामूहिक प्रार्थना के अनेक प्रत्यक्ष एवं परोक्ष लाभ होंगे, जैसे-

-युगसंधि महापुरश्चरण साधना में सूक्ष्म जगत से आने वाले दैवी प्रवाह में अभिवृद्धि होगी।

-सभी वर्गों, यज्ञों, सम्प्रदायों के लोग इस प्रयोग के साथ जुड़ेंगे तो उनके जीवन में नया प्रकाश उभरेगा।

-राष्ट्रीय स्तर पर दुर्भावों को मिटाकर सद्भाव एवं सहयोग का वातावरण बनेगा जिसकी कि आज अत्याधिक आवश्यकता है। "

First 19 21 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • महानता से नाता जोड़ने की सूझबूझ
  • धर्म शाश्वत है, चरित्र अविनाशी
  • VigyapanSuchana
  • समर्पण, तादात्म्य ही उपासना का मर्म
  • विवाह का अर्थ (Kahani)
  • “क्षमा” ने कर दिया पापी का हृदय परिवर्तन
  • VigyapanSuchana
  • मन और हाथी (Kahani)
  • साधना से सिद्धि के मूलभूत सिद्धान्त
  • आन्तरिक वरिष्ठता (Kahani)
  • विपत्ति की पाठशाला में शिक्षा
  • पराधीन सपनेहु सुख नाहीं
  • सब दिन नाहिं बराबर जात (Kahani)
  • औरों में अच्छाइयाँ देखने से ही आत्मविकास संभव
  • पुण्यतोया भागीरथी भारत के लिए एक विशिष्ट अनुदान
  • चण्ड अशोक का आत्म-बोध
  • आन्तरिक वरिष्ठता (Kahani)
  • पुनर्प्रकाशित विशेष लेखमाला-3 - अध्यात्म क्षेत्र की वरिष्ठता विनम्रता पर निर्भर
  • यज्ञ रूप प्रभु का लाभ (Kahani)
  • गायत्री परिवार द्वारा एक ही समय-एक साथ - उज्ज्वल भविष्य की प्रार्थना
  • हेमाद्रि संकल्प और उससे जुड़े अनुशासन - परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी
  • परमपूज्य गुरुदेव की लेखनी से एक विशिष्ट मार्गदर्शन - त्रिपदा के तीन प्रयोग और आदर्श
  • मातृ सत्ता की पुण्य तिथि पर विशेष-1 - वंदनीय माताजी द्वारा वर्णित अपने आराध्य की जीवन गीता
  • गुरु हमें आत्मोन्मुख करने के लिए दिखाता है आइना
  • गुरू कथामृत-2 - अलौकिकताओं से भरी लीलापुरुष की जीवनयात्रा
  • महापूर्णाहुति समीप आ पहुँची, समझ लें हमें क्या करना है।
  • युगपरिवर्तन की वेला में आया है यह महायज्ञ - धर्मतंत्र सँभालें भावनात्मक परिष्कार की महती जिम्मेदारी
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj