• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • मन की प्रचंड शक्ति
    • मानसिक बल और उसका विकास
    • निग्रहीत मन की चमत्कारी क्षमता
    • मन को अपना मित्र बनाएं
    • मनःशक्तियों का सदुपयोग
    • मनोबल न गिरायें, साहस प्रदान करें
    • मनोयस्य वशे तस्य भवेत्सर्वं जगद्वशे
    • नियति की चुनौती स्वीकार करें
    • चेतनाशक्ति का भांडागार—मानव मन
    • मनोविकार हमारे सबसे बड़े शत्रु
    • मन को दुर्बल न बनने दें
    • मानसिक परिष्कार के दो साधन
    • मानसिक सुख-शांति के उपाय
    • मानसिक शांति इस तरह बर्बाद न करें
    • सुखाकांक्षा में भटकती अविकसित मनःस्थिति
    • मानसिक असंतुलन स्वास्थ्य संकट का मूल कारण
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • मन की प्रचंड शक्ति
    • मानसिक बल और उसका विकास
    • निग्रहीत मन की चमत्कारी क्षमता
    • मन को अपना मित्र बनाएं
    • मनःशक्तियों का सदुपयोग
    • मनोबल न गिरायें, साहस प्रदान करें
    • मनोयस्य वशे तस्य भवेत्सर्वं जगद्वशे
    • नियति की चुनौती स्वीकार करें
    • चेतनाशक्ति का भांडागार—मानव मन
    • मनोविकार हमारे सबसे बड़े शत्रु
    • मन को दुर्बल न बनने दें
    • मानसिक परिष्कार के दो साधन
    • मानसिक सुख-शांति के उपाय
    • मानसिक शांति इस तरह बर्बाद न करें
    • सुखाकांक्षा में भटकती अविकसित मनःस्थिति
    • मानसिक असंतुलन स्वास्थ्य संकट का मूल कारण
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Books - मन की प्रचंड शक्ति

Media: TEXT
Language: HINDI
SCAN TEXT


नियति की चुनौती स्वीकार करें

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 7 9 Last

आगत कठिनाइयों को देखकर निढाल हो बैठना और रोते-कलपते समय गंवाना, विपत्ति को दूना करने के समान है। हमें यह मानकर ही चलना पड़ेगा कि जीवन आरोह-अवरोध के ताने-बाने से बुना गया है। धूप, छांह की तरह सफलताओं और असफलताओं की उभयपक्षी हलचलें होती ही रहती हैं और होती ही रहेंगी। सर्वथा सुख-सुविधाओं से भरा जीवन क्रम कदाचित् ही कोई जीता है। ज्वार-भाटों की तरह उठाने और गिराने वाली परिस्थितियां अपने ढंग से आती और अपनी राह चली जाती हैं। तट पर बैठकर उतार-चढ़ाव का आनंद लेने वाले ही जीवन नाटक के अनुभवी कलाकार कहे जा सकते हैं।
सदा दिन ही बना रहे रात कभी आये ही नहीं, भला यह कैसे हो सकता है? जन्मोत्सव ही मनाए जाते रहें, मरण का रुदन सुनने को न मिले यह कैसे संभव है। सुख की घड़ियां ही सामने रहें, दुख के दिन कभी न आयें – यह मानकर चलना यथार्थता की ओर से आंखें मूंद लेने के समान है। बुद्धिमान वे हैं जो सुखद परिस्थितियों का समुचित लाभ उठाते हैं और दुख की घड़ी आने पर उसका सामना करने के लिए आवश्यक शौर्य और साधन इकट्ठा करते रहते हैं।
ऐसे ईर्ष्यालु इस दुनिया में कम नहीं जो किसी का सुख-संतोष फूटी आंखों नहीं देख सकते। जिनके अंधेर-अनाचार में बाधा पड़ती है वे भी शत्रु बन बैठते हैं। अनुचित लाभ उठाने के उत्सुक भी शोषण एवं आक्रमण से बाज कहां आते हैं। इन आसुरी अस्तित्व अनादि काल से रहा है और अनंत काल तक रहेगा। उनसे बच निकलना कठिन है। हां, इतना हो सकता है कि अपना शौर्य-साहस इतना विकसित कर लिया जाय कि उन्हें छेड़छाड़ करने का साहस ही न हो व्यक्तिगत समर्थता के अतिरिक्त अपने साथी-सहकारी बढ़ाकर भी आततायियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सकता है। प्रतिरोध और प्रतिकार की शक्ति बढ़ाकर ही आक्रमणकारियों से अपनी आंशिक सुरक्षा हो सकती है। उनका सामना ही न करना पड़े, कुछ अनुचित-अवांछनीय सामने आये ही नहीं, ऐसा सोचना आकाश कुसुम पाने जैसी बात या कल्पना है। अवरोधों से जूझने और संघर्षों के बीच अपना रास्ता बनाने के अतिरिक्त यहां और कोई रास्ता है ही नहीं।
परिस्थितियों की अनुकूलता और प्रतिकूलताओं से इन्कार नहीं किया जा सकता। शारीरिक संकट उठ खड़ा हो, कोई अप्रत्याशित रोग घेर ले यह असंभव नहीं। परिवार के सरल क्रम में से कोई साथी बिछुड़ जाये और शोक-संताप के आंसू बहाने पड़े यह भी कोई अनहोनी बात नहीं है। ऐसे दुर्दिन हर परिवार में आते हैं और हर व्यक्ति को कभी न कभी सहन करने पड़ते हैं। मनचाही सफलताएं किसे मिली हैं। मनोकामनाओं को सदा पूरी करते रहने वाला कल्पवृक्ष किसके आंगन में उगा है? ऐसे तूफान आते ही रहते हैं जो संजोई हुई साध के घोंसले उड़ाकर कहीं से कहीं फेंक दें और एक-एक तिनका बीनकर बनाए गए उस घरौंदे का अस्तित्व ही आकाश में छितरा दें, ऐसे अवसर पर दुर्बल मनःस्थिति के लोक टूट जाते हैं।
नियति क्रम से हर वस्तु का, हर व्यक्ति का अवसान होता है। मनोरथ और प्रयास भी सर्वदा सफल कहां होते हैं। यह सब अपने ढंग से चलता रहे पर मनुष्य भीतर से टूटने न पाए इसी में उसका गौरव है। समुद्र तट पर जमी हुई चट्टानें चिर अतीत से अपने स्थान पर जमी-अड़ी बैठी हैं। हिलोरों ने अपना टकराना बंद नहीं किया सो ठीक है, पर यह भी कहां गलत है कि चट्टान ने हार नहीं मानी।
न हमें टूटना चाहिए और न हार माननी चाहिए। नियति की चुनौती स्वीकार करना और उससे दो-दो हाथ करना ही मानवी गौरव को स्थिर रख सकने वाला आचरण है।
First 7 9 Last


Other Version of this book



मन की प्रचण्ड शक्ति
Type: SCAN
Language: HINDI
...

मन की प्रचंड शक्ति
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books



21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

त्योहार और व्रत
Type: SCAN
Language: HINDI
...

त्योहार और व्रत
Type: SCAN
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

गर पूछे कोई मुझसे तो मैं कहूँ कि स्वर्ग बस यहीं है
Type: TEXT
Language: EN
...

गर पूछे कोई मुझसे तो मैं कहूँ कि स्वर्ग बस यहीं है
Type: TEXT
Language: EN
...

गर पूछे कोई मुझसे तो मैं कहूँ कि स्वर्ग बस यहीं है
Type: TEXT
Language: EN
...

गर पूछे कोई मुझसे तो मैं कहूँ कि स्वर्ग बस यहीं है
Type: TEXT
Language: EN
...

चेतना सहज स्वभाव स्नेह-सहयोग
Type: SCAN
Language: HINDI
...

चेतना सहज स्वभाव स्नेह-सहयोग
Type: SCAN
Language: HINDI
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

Articles of Books

  • मन की प्रचंड शक्ति
  • मानसिक बल और उसका विकास
  • निग्रहीत मन की चमत्कारी क्षमता
  • मन को अपना मित्र बनाएं
  • मनःशक्तियों का सदुपयोग
  • मनोबल न गिरायें, साहस प्रदान करें
  • मनोयस्य वशे तस्य भवेत्सर्वं जगद्वशे
  • नियति की चुनौती स्वीकार करें
  • चेतनाशक्ति का भांडागार—मानव मन
  • मनोविकार हमारे सबसे बड़े शत्रु
  • मन को दुर्बल न बनने दें
  • मानसिक परिष्कार के दो साधन
  • मानसिक सुख-शांति के उपाय
  • मानसिक शांति इस तरह बर्बाद न करें
  • सुखाकांक्षा में भटकती अविकसित मनःस्थिति
  • मानसिक असंतुलन स्वास्थ्य संकट का मूल कारण
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj