• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • सत्य-तप और वैराग्य का समन्वय
    • गुरुदेव का भावी क्रिया कलाप, जो उनने बताया
    • लोगों की क्या मान्यता है
    • ‘उपासना’ की सफलता ‘साधना’ पर निर्भर है।
    • सन्त फलीज बिन अयाज
    • प्रगति और सफलता के लिए समर्थ सहयोग की आवश्यकता
    • Quotation
    • Quotation
    • ‘प्रशिक्षण’ क्रम की समाप्ति-’प्रत्यावर्तन’ का आरम्भ
    • सन्त दाऊद को बाप की विरासत में तीस दीनार मिले
    • अपने को पहिचानें-आत्मबल सम्पादित करें
    • ईश्वर का अस्तित्व
    • बड़प्पन की नहीं, महानता की आकाँक्षा जागृत करें
    • समाज एवं राष्ट्र का विकास,
    • लोक मानस के परिष्कार पर अवलम्बित
    • खुदा की दी हुई हर चीज बहुत प्यारी है
    • नवयुग का अवतरण सुनिश्चित है और सन्निकट
    • मंगलमय भविष्य का प्रतीक
    • सूर्योदय हो चला अब प्रकाश फैलना ही बाकी है।
    • क्राँति की भविष्यवाणी करना असंभव है
    • आत्मोत्कर्ष के लिए उपासना की अनिवार्य आवश्यकता
    • मुक्ति प्राप्त करने में वेशभूषा बाधक नहीं
    • मनोभूमि के परिष्कृत करने के लिए यह साधन क्रम अपनायें।
    • आत्म-शुद्धि के लिए तप
    • परिजनों से गुरुदेव की आशा और अपेक्षा
    • खुदा बन्दे से कब राजी होता है
    • भावी लोकनायकों के लिए तीन मास का प्रशिक्षण
    • लोकशिक्षण का एक सरल किन्तु अति प्रभावी आधार
    • भारतीय संस्कृति
    • राजनीति से बढ़कर समाज सेवा की दिशा
    • राष्ट्र मन्दिर का निर्माण
    • शाखा संगठनों का उत्साह एवं प्रयत्न शिथिल न होने पाये
    • शान्तिकुञ्ज अन्ततः शक्ति केन्द्र के रूप में परिणत होगा।
    • परिजन अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें
    • Quotation
    • गायत्री महाविद्या के अमूल्य ग्रन्थरत्न
    • प्रज्ञामय बलिदानी
    • प्रज्ञामय बलिदानी (Kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • सत्य-तप और वैराग्य का समन्वय
    • गुरुदेव का भावी क्रिया कलाप, जो उनने बताया
    • लोगों की क्या मान्यता है
    • ‘उपासना’ की सफलता ‘साधना’ पर निर्भर है।
    • सन्त फलीज बिन अयाज
    • प्रगति और सफलता के लिए समर्थ सहयोग की आवश्यकता
    • Quotation
    • Quotation
    • ‘प्रशिक्षण’ क्रम की समाप्ति-’प्रत्यावर्तन’ का आरम्भ
    • सन्त दाऊद को बाप की विरासत में तीस दीनार मिले
    • अपने को पहिचानें-आत्मबल सम्पादित करें
    • ईश्वर का अस्तित्व
    • बड़प्पन की नहीं, महानता की आकाँक्षा जागृत करें
    • समाज एवं राष्ट्र का विकास,
    • लोक मानस के परिष्कार पर अवलम्बित
    • खुदा की दी हुई हर चीज बहुत प्यारी है
    • नवयुग का अवतरण सुनिश्चित है और सन्निकट
    • मंगलमय भविष्य का प्रतीक
    • सूर्योदय हो चला अब प्रकाश फैलना ही बाकी है।
    • क्राँति की भविष्यवाणी करना असंभव है
    • आत्मोत्कर्ष के लिए उपासना की अनिवार्य आवश्यकता
    • मुक्ति प्राप्त करने में वेशभूषा बाधक नहीं
    • मनोभूमि के परिष्कृत करने के लिए यह साधन क्रम अपनायें।
    • आत्म-शुद्धि के लिए तप
    • परिजनों से गुरुदेव की आशा और अपेक्षा
    • खुदा बन्दे से कब राजी होता है
    • भावी लोकनायकों के लिए तीन मास का प्रशिक्षण
    • लोकशिक्षण का एक सरल किन्तु अति प्रभावी आधार
    • भारतीय संस्कृति
    • राजनीति से बढ़कर समाज सेवा की दिशा
    • राष्ट्र मन्दिर का निर्माण
    • शाखा संगठनों का उत्साह एवं प्रयत्न शिथिल न होने पाये
    • शान्तिकुञ्ज अन्ततः शक्ति केन्द्र के रूप में परिणत होगा।
    • परिजन अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें
    • Quotation
    • गायत्री महाविद्या के अमूल्य ग्रन्थरत्न
    • प्रज्ञामय बलिदानी
    • प्रज्ञामय बलिदानी (Kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1972 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


आत्म-शुद्धि के लिए तप

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 23 25 Last
महाभाग कौत्स कठोर तप साधना में संलग्न थे। देवराज इन्द्र उनके पास गये और पूछा-किस प्रयोजन के लिए आपका तप है भगवन्, मुझे आज्ञा दीजिये कि आपका अभीष्ट प्रस्तुत करूं। कौत्स ने कहा-देव, केवल आत्म-शुद्धि के लिए तप कर रहा हूँ। यह आन्तरिक अशुद्धि ही अभावों और कामनाओं से जीव को संतप्त करती है।

First 23 25 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • सत्य-तप और वैराग्य का समन्वय
  • गुरुदेव का भावी क्रिया कलाप, जो उनने बताया
  • लोगों की क्या मान्यता है
  • ‘उपासना’ की सफलता ‘साधना’ पर निर्भर है।
  • सन्त फलीज बिन अयाज
  • प्रगति और सफलता के लिए समर्थ सहयोग की आवश्यकता
  • Quotation
  • Quotation
  • ‘प्रशिक्षण’ क्रम की समाप्ति-’प्रत्यावर्तन’ का आरम्भ
  • सन्त दाऊद को बाप की विरासत में तीस दीनार मिले
  • अपने को पहिचानें-आत्मबल सम्पादित करें
  • ईश्वर का अस्तित्व
  • बड़प्पन की नहीं, महानता की आकाँक्षा जागृत करें
  • समाज एवं राष्ट्र का विकास,
  • लोक मानस के परिष्कार पर अवलम्बित
  • खुदा की दी हुई हर चीज बहुत प्यारी है
  • नवयुग का अवतरण सुनिश्चित है और सन्निकट
  • मंगलमय भविष्य का प्रतीक
  • सूर्योदय हो चला अब प्रकाश फैलना ही बाकी है।
  • क्राँति की भविष्यवाणी करना असंभव है
  • आत्मोत्कर्ष के लिए उपासना की अनिवार्य आवश्यकता
  • मुक्ति प्राप्त करने में वेशभूषा बाधक नहीं
  • मनोभूमि के परिष्कृत करने के लिए यह साधन क्रम अपनायें।
  • आत्म-शुद्धि के लिए तप
  • परिजनों से गुरुदेव की आशा और अपेक्षा
  • खुदा बन्दे से कब राजी होता है
  • भावी लोकनायकों के लिए तीन मास का प्रशिक्षण
  • लोकशिक्षण का एक सरल किन्तु अति प्रभावी आधार
  • भारतीय संस्कृति
  • राजनीति से बढ़कर समाज सेवा की दिशा
  • राष्ट्र मन्दिर का निर्माण
  • शाखा संगठनों का उत्साह एवं प्रयत्न शिथिल न होने पाये
  • शान्तिकुञ्ज अन्ततः शक्ति केन्द्र के रूप में परिणत होगा।
  • परिजन अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें
  • Quotation
  • गायत्री महाविद्या के अमूल्य ग्रन्थरत्न
  • प्रज्ञामय बलिदानी
  • प्रज्ञामय बलिदानी (Kavita)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj