• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • उदार जीवन यात्रा
    • विचारों की प्रचण्ड शक्ति और प्रतिक्रिया
    • सैन्ट फ्रैन्सिस (kahani)
    • जीवन क्या है? एक अनबूझ पहेली
    • क्या स्वर्ग और अपवर्ग धरती पर ही थे?
    • संसार और भगवान दोनों को देखते हुए चलो (kahani)
    • मानसिक विकृतियों का शरीर पर प्रभाव
    • सूक्ष्म की शक्ति को समझा जाय
    • हारमोन सूक्ष्म शक्ति यों के केन्द्र
    • विज्ञान के साथ सद्ज्ञान के समन्वय की आवश्यकता
    • मानसिक अस्वस्थता की उपेक्षा न की जाय
    • स्नेह और सहयोग भरी पितर आत्माएँ
    • दोषारोपण से घृणा−घृणा से युयुत्सा
    • बढ़ती हुई पैशाचिकता हमारा सर्वनाश करेगी
    • धरती और सूरज जरा−जीर्ण हो चुके अब मरने ही वाले हैं।
    • एक नई दुनिया अब हाथ लगने ही वाली है।
    • प्रौढ़ शिक्षा का महत्व समझा जाय और उस पर जोर दिया जाय
    • न्याय की कमाई का दान श्रेष्ठ दान
    • तरलता और सरलता का स्रोत सूखने न दें
    • अपने को पहचानें और विकसित करें
    • परिवर्तन और आदान प्रदानसृष्टि के सुदृढ़ नियम
    • अपने हाथों अपना श्राद्ध नेत्रदान
    • एकाग्रता के लिए, ध्यान योग की साधना
    • गौ दुग्ध की उपयोगिता समझी जाय
    • मानवी व्यक्ति त्व एवं चुम्बक
    • मधुर निद्रा में सबसे बड़ी बाधा चिन्ता
    • अनिद्रा के अभिशाप का कारण और निवारण
    • अवाँछनीय संग्रह का दुर्भाग्यपूर्ण अंत
    • अपनों से अपनी बात - अगले वर्ष के दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम
    • मनुष्य (kahani)
    • गायत्री विद्या के अमूल्य ग्रन्थरत्न
    • कामना
    • कामना (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • उदार जीवन यात्रा
    • विचारों की प्रचण्ड शक्ति और प्रतिक्रिया
    • सैन्ट फ्रैन्सिस (kahani)
    • जीवन क्या है? एक अनबूझ पहेली
    • क्या स्वर्ग और अपवर्ग धरती पर ही थे?
    • संसार और भगवान दोनों को देखते हुए चलो (kahani)
    • मानसिक विकृतियों का शरीर पर प्रभाव
    • सूक्ष्म की शक्ति को समझा जाय
    • हारमोन सूक्ष्म शक्ति यों के केन्द्र
    • विज्ञान के साथ सद्ज्ञान के समन्वय की आवश्यकता
    • मानसिक अस्वस्थता की उपेक्षा न की जाय
    • स्नेह और सहयोग भरी पितर आत्माएँ
    • दोषारोपण से घृणा−घृणा से युयुत्सा
    • बढ़ती हुई पैशाचिकता हमारा सर्वनाश करेगी
    • धरती और सूरज जरा−जीर्ण हो चुके अब मरने ही वाले हैं।
    • एक नई दुनिया अब हाथ लगने ही वाली है।
    • प्रौढ़ शिक्षा का महत्व समझा जाय और उस पर जोर दिया जाय
    • न्याय की कमाई का दान श्रेष्ठ दान
    • तरलता और सरलता का स्रोत सूखने न दें
    • अपने को पहचानें और विकसित करें
    • परिवर्तन और आदान प्रदानसृष्टि के सुदृढ़ नियम
    • अपने हाथों अपना श्राद्ध नेत्रदान
    • एकाग्रता के लिए, ध्यान योग की साधना
    • गौ दुग्ध की उपयोगिता समझी जाय
    • मानवी व्यक्ति त्व एवं चुम्बक
    • मधुर निद्रा में सबसे बड़ी बाधा चिन्ता
    • अनिद्रा के अभिशाप का कारण और निवारण
    • अवाँछनीय संग्रह का दुर्भाग्यपूर्ण अंत
    • अपनों से अपनी बात - अगले वर्ष के दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम
    • मनुष्य (kahani)
    • गायत्री विद्या के अमूल्य ग्रन्थरत्न
    • कामना
    • कामना (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1975 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


स्नेह और सहयोग भरी पितर आत्माएँ

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 11 13 Last
मरण समय में विक्षुब्ध मनःस्थिति लेकर करने वाले अक्सर भूत−प्रेत की योनि भुगतते हैं, पर कई बार सद्भाव संपन्न आत्माएँ भी शान्ति और सुरक्षा के सदुद्देश्य लेकर अपने जीवन भर सम्बन्धित व्यक्ति यों को सहायता देते—परिस्थितियों को संभालते तथा प्रिय वस्तुओं की सुरक्षा के लिए अपने अस्तित्व का परिचय देते रहते हैं। ऐसी आत्माएं ‘पितर’ कहलाती हैं। पितृवत् स्नेह, दुलार और सहयोग देना भर उनका कार्य होता है। सुकरात को—विक्रमादित्य को ऐसी ही दिव्य आत्माओं का सहयोग प्राप्त बताया जाता है और वे उनके सहारे कई प्रकार की अदृश्य सुविधाएँ प्राप्त करते थे।

अमेरिका के राष्ट्रपति भवन में समय−समय पर जिन पितरों के अस्तित्व अनुभव में आते रहते हैं उनके आधार पर यह मान्यता बन गई है कि वहाँ पिछले कई राष्ट्रपतियों की प्रेतात्माएँ डेरा डाले पड़ी हैं। इनमें अधिक बार अपने अस्तित्व का परिचय देने वाली आत्मा अब्राहमलिंकन की है।

राष्ट्रपति टूमैन ने एक टेलीविजन वार्ता पर अपनी बेटी को बताया कि एक रात तीन बजे के करीब किसी ने जोर से दरवाजा खटखटाया। मैं उठा और दरवाजा खोला तो कोई तेज कदम बढ़ता हुआ दूसरी ओर चला गया। पीछा करने पर भी उसे पकड़ा न जा सका। उनकी पत्नी ने भी कई बार लिंकन का प्रेत खिड़की के पास खड़े होकर बरजीनियाँ की पहाड़ियों को देखते हुए पाया है।

लिंकन स्वयं प्रेतवाद पर बहुत विश्वास करते थे। इसके उन्हें कई अनुभव भी थे। उन्होंने अपनी मृत्यु पूर्वाभास का सपना अपने परिवार और मित्र मण्डली को कई बार सुना दिया था और वह अन्ततः सच होकर रहा। लिंकन ने एक दिन सपना देखा—वे राष्ट्रपति भवन में अपनी जगह सोये हुए हैं—पास के कमरे से रोने की आवाज आ रही है—वे उठकर जाते हैं−देखते हैं कि एक लाश सुसज्जित रूप से अन्तिष्ठ कर्म के लिए तैयार की जा रही है—उसका उपस्थित अफसर लोग शाही सत्कार के साथ वन्दन कर रहे हैं—लिंकन पूछते हैं—राष्ट्रपति भवन में यह कौन मर गया—एक अफसर जवाब देता है—यह राष्ट्रपति लिंकन हैं उनकी हत्या कर दी गई है। सपना उनकी निकट भविष्य में होने वाली मृत्यु सूचना का स्पष्ट आभास था।

राष्ट्रपति भवन में और भी कई आत्माओं के अस्तित्व पाये गये हैं। राष्ट्रपति एडम्स ने अपनी मृत पत्नी को बगल के कमरे में कपड़े सँभालते हुए देखा था।

राष्ट्रपति जैक्सन को अक्सर ठहाका मारकर हँसते हुए सुना जाता था। कई नौकर डरकर नौकरी छोड़ गये थे और कई संभ्रांत अतिथियों ने उस महल में प्रेतात्माओं द्वारा की गई छेड़खानी का विवरण बताकर अपना बिस्तर अन्यत्र ले जाने का प्रबन्ध किया था।

राष्ट्रपति मेडीसन की मृत पत्नी अपने हाथ के लगाये गये गुलाबों को बहुत प्यार करती थीं और उनके रख रखाव के बारे में मालियों को कई तरह के परामर्श देती थी।

प्रेतात्माएं क्या हो सकती हैं इस संदर्भ में कई तरह की विवेचनाएँ की जाती रहती हैं। नवीनतम वैज्ञानिक ऊहापोह में ‘एक्ट्रोप्लाज्म’ नामक तत्व के साथ जुड़ी हुई जीव चेतना के रूप में निरूपित किया गया है।

सर आर्थर कानन डायल ने अपने प्रसिद्ध ग्रन्थ ‘शर लाक होम्स’ में प्रेतलोक को एक अपनी जैसी दुनिया के रूप में ही प्रतिपादित किया है और कहा है कि जिस प्रकार हम शरीरधारियों की एक जीवनयापन पद्धति है वैसी ही अदृश्य प्राणी भी अपनी दुनिया में अपने ढंग से गुजारा करते हैं। उनमें से बहुत से हम दृश्य प्राणियों के साथ सम्बन्ध रखने के भी इच्छुक होते हैं।

First 11 13 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • उदार जीवन यात्रा
  • विचारों की प्रचण्ड शक्ति और प्रतिक्रिया
  • सैन्ट फ्रैन्सिस (kahani)
  • जीवन क्या है? एक अनबूझ पहेली
  • क्या स्वर्ग और अपवर्ग धरती पर ही थे?
  • संसार और भगवान दोनों को देखते हुए चलो (kahani)
  • मानसिक विकृतियों का शरीर पर प्रभाव
  • सूक्ष्म की शक्ति को समझा जाय
  • हारमोन सूक्ष्म शक्ति यों के केन्द्र
  • विज्ञान के साथ सद्ज्ञान के समन्वय की आवश्यकता
  • मानसिक अस्वस्थता की उपेक्षा न की जाय
  • स्नेह और सहयोग भरी पितर आत्माएँ
  • दोषारोपण से घृणा−घृणा से युयुत्सा
  • बढ़ती हुई पैशाचिकता हमारा सर्वनाश करेगी
  • धरती और सूरज जरा−जीर्ण हो चुके अब मरने ही वाले हैं।
  • एक नई दुनिया अब हाथ लगने ही वाली है।
  • प्रौढ़ शिक्षा का महत्व समझा जाय और उस पर जोर दिया जाय
  • न्याय की कमाई का दान श्रेष्ठ दान
  • तरलता और सरलता का स्रोत सूखने न दें
  • अपने को पहचानें और विकसित करें
  • परिवर्तन और आदान प्रदानसृष्टि के सुदृढ़ नियम
  • अपने हाथों अपना श्राद्ध नेत्रदान
  • एकाग्रता के लिए, ध्यान योग की साधना
  • गौ दुग्ध की उपयोगिता समझी जाय
  • मानवी व्यक्ति त्व एवं चुम्बक
  • मधुर निद्रा में सबसे बड़ी बाधा चिन्ता
  • अनिद्रा के अभिशाप का कारण और निवारण
  • अवाँछनीय संग्रह का दुर्भाग्यपूर्ण अंत
  • अपनों से अपनी बात - अगले वर्ष के दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम
  • मनुष्य (kahani)
  • गायत्री विद्या के अमूल्य ग्रन्थरत्न
  • कामना
  • कामना (kavita)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj