• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • साधना का रहस्य
    • सृष्टि का ज्ञान-विज्ञान - वेद का विज्ञान : प्रतिकात्मक ज्ञान
    • कठोर अनुबंधों के सहारे (Kahani)
    • है कोई अदृश्य शक्ति, जो जड़ को प्रभावित करती हैं
    • महाकाल का संदेश (Kahani)
    • अंधों में मात्र एक नेत्रवान्
    • जहाँ विवेक रहता हैं, चिंतन में श्रेष्ठता रहती है(Kahani)
    • प्रेम साधना और उसकी परिणति
    • Quotation
    • सभी स्वीकार करते है पुनर्जन्म के सत्य को
    • बच्चे की प्राण रक्षा (Kahani)
    • कैसे हो साक्षी भाव की सिद्धि
    • अपने ही विनाश पर तुले हुए हम
    • Quotation
    • विश्व पटल पर छाती जा रही हैं नारी शक्ति
    • सत्य का विस्मरण (Kahani)
    • झपकी लें, स्वस्थ रहें
    • सारी स्त्रियाँ मेरी माँ के समान (Kahani)
    • प्रतिध्वनि का दर्शन
    • प्रगति में अवरोध (Kahani)
    • नीर-क्षीर विवेक की अनिवार्यता
    • प्रवासी पक्षियों की ये नैसर्गिक यात्राएँ
    • स्वर्ग और नरक की परिभाषा (Kahani)
    • आलौकिक चेतना में रमा-बसा दिव्य तीर्थ धाम
    • ऋषियों की मूर्ति में प्रतिष्ठित हैं गुरुचेतना का अंश
    • सही विभूतियों को महत्व (Kahani)
    • गुरुगीता- 5 - गुरु चरण व रज का माहात्म्य
    • यश, सम्मान और जीवन से भी हाथ धोना पड़ा(Kahani)
    • अंतर्जगत की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान - योग फलित होता है सम्यक् ज्ञान से
    • स्वर्णिम अक्षरों में (Kahani)
    • परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी - ध्यान क्यों करें? कैसे करें? - 2
    • युग गीता - 38 - कर्त्ताभाव से मुक्त द्रष्टा स्तर का दिव्यकर्मी
    • रावण का सपरिवार विनाश (Kahani)
    • जा पर कृपा तुम्हारी होई, ता पर कृपा करें सब कोई -
    • सौ प्रतिशत छूट का लाभ लें, दैवी अनुदानों के अधिकारी बनें
    • अब कमर कस ही लें व ज्ञानयज्ञ में भावभरी भागीदारी करें
    • अपनों से अपनी बात - मथुरा में आयोजित हुआ साधकों का महाकुँभ
    • VigyapanSuchana
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • साधना का रहस्य
    • सृष्टि का ज्ञान-विज्ञान - वेद का विज्ञान : प्रतिकात्मक ज्ञान
    • कठोर अनुबंधों के सहारे (Kahani)
    • है कोई अदृश्य शक्ति, जो जड़ को प्रभावित करती हैं
    • महाकाल का संदेश (Kahani)
    • अंधों में मात्र एक नेत्रवान्
    • जहाँ विवेक रहता हैं, चिंतन में श्रेष्ठता रहती है(Kahani)
    • प्रेम साधना और उसकी परिणति
    • Quotation
    • सभी स्वीकार करते है पुनर्जन्म के सत्य को
    • बच्चे की प्राण रक्षा (Kahani)
    • कैसे हो साक्षी भाव की सिद्धि
    • अपने ही विनाश पर तुले हुए हम
    • Quotation
    • विश्व पटल पर छाती जा रही हैं नारी शक्ति
    • सत्य का विस्मरण (Kahani)
    • झपकी लें, स्वस्थ रहें
    • सारी स्त्रियाँ मेरी माँ के समान (Kahani)
    • प्रतिध्वनि का दर्शन
    • प्रगति में अवरोध (Kahani)
    • नीर-क्षीर विवेक की अनिवार्यता
    • प्रवासी पक्षियों की ये नैसर्गिक यात्राएँ
    • स्वर्ग और नरक की परिभाषा (Kahani)
    • आलौकिक चेतना में रमा-बसा दिव्य तीर्थ धाम
    • ऋषियों की मूर्ति में प्रतिष्ठित हैं गुरुचेतना का अंश
    • सही विभूतियों को महत्व (Kahani)
    • गुरुगीता- 5 - गुरु चरण व रज का माहात्म्य
    • यश, सम्मान और जीवन से भी हाथ धोना पड़ा(Kahani)
    • अंतर्जगत की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान - योग फलित होता है सम्यक् ज्ञान से
    • स्वर्णिम अक्षरों में (Kahani)
    • परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी - ध्यान क्यों करें? कैसे करें? - 2
    • युग गीता - 38 - कर्त्ताभाव से मुक्त द्रष्टा स्तर का दिव्यकर्मी
    • रावण का सपरिवार विनाश (Kahani)
    • जा पर कृपा तुम्हारी होई, ता पर कृपा करें सब कोई -
    • सौ प्रतिशत छूट का लाभ लें, दैवी अनुदानों के अधिकारी बनें
    • अब कमर कस ही लें व ज्ञानयज्ञ में भावभरी भागीदारी करें
    • अपनों से अपनी बात - मथुरा में आयोजित हुआ साधकों का महाकुँभ
    • VigyapanSuchana
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 2002 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
SCAN TEXT


विश्व पटल पर छाती जा रही हैं नारी शक्ति

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 14 16 Last
इक्कीसवीं सदी नारी जीवन में सुखद सम्भावनाओं की सदी है। इस के उदीयमान स्वर्णिम प्रभात की झांकियां अभी से दिखने लगी हैं। महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे आने लगी हैं। समाज हो या राजनीति,विज्ञान हो या सेना,साहित्य,संगीत हो अथवा खेल की दुनिया महिलाएँ सभी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का ध्वज लहरा रही हैं। पुरुषों के एकाधिकार समझे जाने वाले पद, प्रतिष्ठान एवं व्यवसाय में भी महिलाओं ने अपनी नवीन भूमिका से सबको आश्चर्यचकित कर दिया है। इक्कीसवीं सदी की नारी अब जाग्रत् एवं सक्रिय हो चुकी है। युग द्रष्ट स्वामी विवेकानंद ने ठीक ही कहा है-”नारी जब अपने ऊपर थोपे गए बेड़ियों एवं कड़ियों को तोड़ने लगेगी तो विश्व की कोई शक्ति उसे रोक नहीं सकेगी।”

आमतौर से विमान सेवा का क्षेत्र पुरुषों के आधिपत्य में है एवं वही इसके सक्षम उत्तराधिकारी समझे जाते हैं। परन्तु पिछले एक दशक के दौरान इस प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान में महिलाओं का पदार्पण हुआ है। 8 मार्च 1998 में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिला चालक सदस्यों वाली दो विमान सेवाओं ने दिल्ली और मुम्बई से प्रथम उड़ानें भरीं। कैप्टन संगीता काबरा और कैप्टन अनुपमा कोहली ने एयर बस-320 मुम्बई से कराची और फिर कराची से मुम्बई तक उड़ायी। प्रथम महिला कमाण्डर इन्द्राणी सिंह ने सह चालक कैप्टन अवन्तिका मित्तल के साथ एयर बस-300 दिल्ली से काठमाण्डू की उड़ान भरी। इससे पूर्व भी जनवरी 1986 में कैप्टन सौदामिनी देशमुख ओर उनकी सहयोगी चालक कैप्टन निवेदिता भसीन के नेतृत्व में एक अखिल भारतीय महिला चालक दल ने एफ-27 विमान द्वारा कलकत्ता से सिलचर की उड़ान भरी थी। 1989 में इसी दल ने बोइग-737 को मुम्बई से गोवा तक उड़ाया था। कैप्टन सौदामिनी व इन्द्राणी सिंह ने प्रथम महिला कमाण्डर होने का गौरव पाया है। सन् 1966 में दुबई बेनर्जी ने पुरुषों के इस आरक्षित क्षेत्र में प्रवेश करके पुरुषों के एकाधिकार को तोड़ा था। अपने देश के विमान सेवा के विभिन्न भागों में 13 प्रतिशत महिलाएँ कार्यरत हैं। वर्तमान समय में भारतीय विमान में एक एक्जीक्यूटिव पायलट और 17 लाइन पायलट हैं। इनकी संख्या में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। इसराइल एयर लाइंस के प्रवक्ता नेकेमेन क्लाएमेन ने कहा है कि इसराइल में भी महिलाएँ विमान सेवा में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं ।

सशस्त्र सेनाओं में कभी पुरुषों को प्राथमिकता दी जाती थी परन्तु यह रिकार्ड भी अब टूटने लगा है। कुछ साल पूर्व भारतीय वायुसेना में महिला लड़ाकू पायलट का एक दल शामिल किया गया था। स्कूल व विश्व विद्यालय स्तर पर एन.सी.सी. महिलाओं की सेना में प्रवेश में विशेष योगदान प्रदान करती है। सेना की मेडिकल विंग में महिलाओं का योगदान उल्लेखनीय है। सशस्त्र सेना के मेडिकल कॉलेज पुणे में लड़कियाँ अपने कौशल से सबको पीछे छोड़ दी हैं। इसरायली एयर फोर्स ने महिला सैनिकों को युद्ध प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया है। तीस महिला सैनिकों के एक दल को इस साल विमानरोधी बैटरियाँ चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। इसी वर्ष इसराइल की ही दो महिला पायलटों ने युद्ध पायलट प्रशिक्षण की परीक्षा सफलतापूर्वक प्राप्त की। वहाँ अस्सी के दशक के अंतिम वर्षों से महिला सैनिक युद्ध प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। ब्रिटेन की वायुसेना तथा नौसेना में महिलाओं को युद्ध क्षेत्र में काम करने की पहले ही अनुमति दी जा चुकी है। ‘सण्डे टाइम्स’ के अनुसार ब्रिटेन की नयी सरकार ने तोपखाना इंजीनियर्स की नयी शाखाएँ खोलने और टैंक व इंफेण्ट्री में महिलाओं की भागीदारी लेने की अनुशंसा की है। लन्दन की रॉयल जलसेना के 300 साल की प्राचीन परम्परा को तोड़ते हुए लेफ्टिनेंट सुमूरी और मील रीस ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी संभाली है। इनकी दोनों नौका में 12-12 सदस्य हैं। सैन्य बल मंत्री जानरीड के अनुसार महिलाओं की यह भागीदारी उनकी उच्च दक्षता एवं कार्यकुशलता के लिए प्रदान की गयी है।

अमेरिकी सेना ने भी महिलाओं को भर्ती का सुअवसर दिया है। अमेरिका की रैड्स नेशनल डिफैन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार 1993 से 1994 के दौरान सैन्य सेवाओं के तहत 815 महिलाओं को प्रवेश दिया गया। अमेरिका में महिलाओं को थलसेना में सम्मिलित करना निषिद्ध है। इसके बावजूद थल सेनाओं की कुछ आवश्यक इकाइयों और प्रशासनिक पदों में कुछ महिलाएँ कार्यरत हैं। कनाडा और यूरोप के कई छोटे देशों में महिलाओं की साहसिकता एवं युद्ध कौशल के कारण उन्हें जमीनी युद्ध में लड़ने की अनुमति दी गई है।

नारी साहस एवं शौर्य का स्रोत है। समय आने पर इसे अपने जीवन में जीवन्त एवं क्रियान्वित भी कर सकती है। नोबेल शान्ति पुरस्कार विजेता जोड़ी विलियम्स ऐसी ही एक साहसी महिला है। इनका लक्ष्य है कि संसार में बारूदी सुरंगों का पूर्ण सफाया हो, क्योंकि इससे लाखों व्यक्ति मारे जाते हैं। इस प्रयास में वह सारे विश्व का दौरा कर रही हैं। उन्होंने अपने एकाकी प्रयासों से दक्षिण कोरिया के बारूदी सुरंगों पर प्रतिबंध की संधि पर हस्ताक्षर करने और विसैन्यीकृत क्षेत्र की बारूदी सुरंगों को हटाने के लिए भी समर्थन जुटाने का प्रयास किया है। सुश्री जीडी को नोबेल पुरस्कार बारूदी सुरंगों के विरुद्ध अन्तर्राष्ट्रीय अभियान में समन्वय स्थापित करने के प्रयास के लिए सन् 1996 दिसम्बर में प्रदान किया गया था।

घर की चार दिवारी से निकलकर ऊँची-ऊँची पर्वतों की चोटियाँ हों या विशाल अन्तरिक्ष यात्रा अथवा विज्ञान व टेक्नालॉजी का क्षेत्र, महिलाओं ने सभी जगह आगे आकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। ऐसा ही एक नाम है कल्पना चावला। जिन्होंने अन्तरिक्ष में उड़कर प्रथम एशियाई महिला होने का गौरव प्राप्त किया है। हरियाणा के करनाल जिले में 1961 में जन्मी कल्पना चावला 19-20 नवम्बर की रात अमेरिकी अन्तरिक्ष यान कोलम्बिया में एक पाँच पुरुषों के अभियान दल के साथ अन्तरिक्ष यात्रा के लिए प्रस्थान की थी। वह 6 दिसम्बर 1996 को इस महत्त्वपूर्ण अभियान से सकुशल धरती पर लौट आयी। अमेरिकी अन्तरिक्ष यान कार्यक्रम के इतिहास में यह पहला अवसर है जब 41 वर्षीय सुश्री कोलिन को अन्तरिक्ष यान का नेतृत्व सौंपा गया है। सुश्री कोलिन अमेरिका की पहली महिला अन्तरिक्ष पायलट की प्रोन्नति प्राप्त कर एक अन्तरिक्ष मिशन का कमाण्डर बन गयी है। कोलिन ने 1995 में पहली महिला अन्तरिक्ष यान पायलट होने का सम्मान प्राप्त किया। मई 1997 में वह दूसरी बार अन्तरिक्ष उड़ान पर गयी थी तब उसने रूसी अन्तरिक्ष स्टेशन मीर पर 419 से भी अधिक दिन बितायी।

विज्ञान के अनुसंधान एवं अन्वेषण में भी महिलाएँ पीछे नहीं रही हैं। सरला सुब्बाराव वे मलेशिया पर विशेष एवं महत्त्वपूर्ण शोध की है। उनकी इसी विशेषता एवं दक्षता के कारण न्यूयार्क एवं कैलीफोर्निया की प्रतिष्ठित संस्थाओं ने उन्हें आमंत्रित किया है। सरला ने इलियास यूनिवर्सिटी में जेनेटीक में पी-एच.डी. की। सन् 1991 में उन्हें आई.सी.एम.आर. अयंगा पुरस्कार प्रदान किया गया। सरला सुब्बाराव विज्ञान जगत् की दैदीप्यमान नक्षत्र हैं। कृषि टेक्नालॉजी को विकसित करने में पुरुषों का योगदान होता है। परन्तु देहरादून के कृषि शोध संस्थान में स्वर्णलता आर्य की महान् उपलब्धियों को नहीं भुलाया जा सकता। विज्ञान के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट उपलब्धियों के लिए अब तक नौ महिलाओं को नोबेल पुरस्कार प्राप्त हो चुका है- सन् 1903 में मैरी क्यूरी, 1935 में आयरन जेलियट (रसायन), 1963 में मैरिया सियोपाट मायर (भौतिकी), 1964 में डोर्थी सी होटसीन (रसायन),तथा चिकित्सा में 1967 जटी डी कोरी,1977 राँसलीन एस यालोव, 1983 बारबरा मैग्लिटॉक, 1986 रीता लेवी मण्टाल सिनी तथा 1988 में जटरुडी पी. एलिपन को यह सम्मान प्राप्त हुआ।

साहित्य के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट योगदान के लिए भी महिलाओं ने नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया है। 1909 में सेल्मा वागरलोफ, 1926 में ग्रेसिया डेलेटा, 1928 में सिग्रिडे डण्डसेट, 1938 में पर्ल बक, 1945 में ग्रेब्रीलो मिस्डूल, 1966 में नेली चोक्स, 1992 में नर्डिन गार्डिमर तथा 1993 में डोनी मारिसन को साहित्य का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। भारत में ज्ञानपीठ पुरस्कार साहित्य के विशेष उपलब्धि के कारण दिया जाता है। सन् 1976 में आशापूर्णा देवी, 1981 में अमृता प्रीतम, 1982 में महादेवी वर्मा, 1996 में महाश्वेता देवी को यह प्रतिष्ठ दी गई। कृष्णा सोबती को मैथिलीशरण सम्मान एवं महासुन्दरी देवी को ‘कबीर’ अलंकरण से अलंकृत किया जा चुका है। विख्यात इतिहासकार रोमिला थापर को अन्तर्राष्ट्रीय ऐकेडेमिक एवार्ड मिल चुका है। वह जापान द्वारा प्रदत्त इस पुरस्कार को पाने वाली प्रथम भारतीय महिला हैं। इस कड़ी में ‘द गाड ऑफ स्माल थिंग’ की उपन्यासकार अरुंधती राय ने तो इतिहास ही रच दिया है। इस उपन्यास को साहित्य गगन का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। विश्व के 16 भाषाओं में अनुवाद होकर इस उपन्यास की लाखों प्रतियाँ बिक चुकी हैं। कला द्वारा संवेदना एवं भावनाओं को रेखाँकित एवं प्रतिबिम्बित किया जाता है। इस क्षेत्र में महिलाओं को महारथ प्राप्त है। 1996 में कालिदास सम्मान नर्तकी शाँताराव को मिला। स्वर साम्राज्ञी लता मंगेश्कर को सन् 1989 में दादासाहब फाल्के पुरस्कार तथा 1995 में आदित्य बिड़ला पुरस्कार प्राप्त हुआ। डॉ. श्रीमती अबान ई. मिस्त्री प्रथम महिला तबलावादक हैं। इसकी कठिन लयकारियों के कारण इस वाद्य में पुरुषों का वर्चस्व माना जाता है, परन्तु चार दशक पूर्व अबान ई. मिस्त्री ने इस वाद्य पर अधिकार कर भारत के संगीतज्ञों में अपना स्थान बनाया। इन्हें ‘लालमणि’ की उपाधि प्राप्त है। भारत रत्न का गौरव कलाकारों को बहुत कम मिला है। एस. सुब्बालक्ष्मी इस सम्मान को प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय कलाकार हैं। 82 वर्षीया सुब्बालक्ष्मी ने कर्नाटक शैली में अपने शास्त्रीय और अर्धशास्त्रीय गायन द्वारा मानवीय अनुभूतियों का गहरा अहसास कराया है। उनके भक्ति संगीत से मिलने वाली शाँति के इच्छुक महात्मा गाँधी थे। उनके गायन के अन्य प्रशंसक थे- राजाजी, पं. नेहरू एवं सरोजनी नायडू। लार्ड माउण्ड बेटन उनके इतने प्रशंसक थे कि 1947 में उनकी फिल्म मीरा को उन्होंने ही रिलीज किया था। इस तरह संगीत एवं कला के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान अभूतपूर्व रहा है।

खेल का क्षेत्र पुरुष एकाधिकार के अंतर्गत आता है। परन्तु यह मिथक टूटने लगा है। अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के अध्यक्ष जुआन एण्टोनियो समाराँव की घोषणा महिला जगत् के लिए अभूतपूर्व है। इनके अनुसार भविष्य में ओलम्पिक में उन्हीं खेलों को शामिल किया जायेगा, जिनमें महिलाओं की भागीदारी होगी। महिलाएँ ओलम्पिक में वाटरपोलो, भारोत्तोलन, पेंटाघालन, गोल्फ, बाउलिंग, स्कवैश, रावी आदि पुरुष प्रधान खेलों में भी सम्मिलित होंगी। मेलबोर्न क्रिकेट क्लब जैसे प्रतिष्ठित क्लबों में महिला खिलाड़ियों को स्थायी सदस्य बनाने का विचार किया जा रहा है। न्यूजीलैण्ड के क्रिकेट क्लब में महिला एवं पुरुष दोनों की सदस्यता बराबर है। न्यूजीलैण्ड के क्रिक्रेट इतिहास में पहली बार पुरुष क्रिकेटरों की उपस्थिति में किसी महिला क्रिकेटर को ‘न्यूजीलैण्ड क्रिकेट ऑफ द ईयर’ चुना गया है। यह सम्मान रन मशीन के तौर पर प्रसिद्ध डेबी हाकल को मिला है। लार्ड्स के मैदान पर महिला क्रिकेट के अन्तर्राष्ट्रीय मैचों के साथ 211 साल का पुराना इतिहास टूट गया। यहाँ न तो महिलाओं को मेरिलि बेन क्रिकेट क्लब (एम.सी.सी) की सदस्यता हासिल थी और न ही यहाँ महिलाओं को पुरुषों के साथ बैठकर मैच देखने की इजाजत। अब यह प्रथा टूट गयी है।

टेनिस जगत् में मार्टिना हिंगीस, मोनिका सेलेस, स्टेफीग्राफ, फ्राँस ओपन की विजेता अरान्ता साँचेज विकारियो आदि विख्यात नाम हैं। इस साल भारत में नीत दैवेया को प्रथम महिला टेनिस प्रशिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। बीस वर्षीया अर्पणा पोपट ने इस वर्ष बैडमिण्टन का राष्ट्रीय महिला खिताब जीता। बैडमिण्टन जगत् में इण्डोनेशिया की सुश्री सुशान्ति प्रसिद्ध ख्याति प्राप्त नाम है। इन्होंने अनेकों बार विश्व बैडमिण्टन खिताब जीता। भारोत्तलन में 29 वर्षीया कुँजारानी देवी अब तक 42 पदक जीत चुकी हैं। मल्लेश्वरी ने एशियाई महिला भारोत्तलन प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है। सात साल की केतकी कुलकर्णी ने आठ वर्ष की कम उम्र की लड़कियों की ब्रिटिश शतरंज चैंपियनशिप जीती।

आज विश्व धार्मिक कट्टरता से जूझ रहा है। इसका सर्वाधिक प्रभाव महिलाओं पर पड़ रहा है। धर्म के क्षेत्र में भी महिलाओं के बढ़ते कदम नूतन युग का सूत्रपात करते हैं। जून 1990 में इंग्लैण्ड के एक चर्च में पेन्नी जोमीशन को प्रथम महिला विशप के रूप में नियुक्त किया गया। पेन्नी के विशप बनाने की घटना को मार्टिन लूथर किंग की धार्मिक क्राँति से जोड़ा जा रहा है। यहाँ अद्भुत क्राँति है कि किसी महिला को विशप नियुक्त किया गया। मजहबी कठोरता के मामले में मुस्लिम समाज कुछ ज्यादा ही सख्त एवं कठोर समझा जाता है। किन्तु रूढ़िवादी कट्टरता भी टूटने दरकने लगी है। फरवरी 1998 में मुस्लिम महिला संगठनों और केरल विधान सभा की भूतपूर्व अध्यक्षा नफीसन बीबी के नेतृत्त्व में केरल के तिरुअनन्तपुरम स्थित पालायम मस्जिद में नमाज अदा की। महिलाओं द्वारा मस्जिद में नमाज अदायगी की एक और पहल लखनऊ में हुई थी। लखनऊ में 15 अगस्त 1997 को शिया समुदाय की महिलाओं ने आसफी इमामबाड़े में जुमे की नमाज अदा की। पुरुष समुदाय के घोर एवं तीव्र विरोध के बावजूद यह घटनाएँ महिलाओं के लिए सुखद एवं शुभसंदेश हैं।

मिश्र में में भी कई ऐसे प्रगतिशील कदम उठाए गए हैं। धीरे-धीरे सारे मुस्लिम मुल्कों की महिलाएँ अपने अधिकारों के प्रति सचेष्ट हो रही हैं। इस मामले में जार्डन की महिलाएँ विशेष उल्लेखनीय हैं। जार्डन में महिलाओं ने सदन में उन्हें प्रतिनिधित्व दिये जाने के लिए कोटा निर्धारण करने की माँग की है। वहाँ की एक महिला संगठन की एक सदस्या नारिया शामरुख ने अपनी माँग के लिए दस लाख महिलाओं का हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है। बंगलादेश की राजनीति में यूँ तो प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजिद और विपक्ष की नेता खालिदा जिया शीर्ष पर हैं, परन्तु वहाँ पिछले दिनों सम्पन्न हुए यूनियन परिषद् के चुनावों ने महिला वर्ग में जागृति और सजगता का एक नया अध्याय जोड़ा। इन चुनावों में 26' महिलाओं ने अपने विरुद्ध खड़े पुरुष प्रत्याशियों को हराकर देश के राजनीतिक परिदृश्य में आ रहे बदलाव व परिवर्तन को उद्घाटित किया। इस चुनाव ने यह सिद्ध कर दिया है कि बंगलादेश की रूढ़िवादी व्यवस्था की कड़ियाँ टूटने एवं दरकन के कगार पर हैं। महिलाओं ने कट्टरपंथियों के फतवों, फरमानों को नजरअन्दाज कर यह जीत प्राप्त की।

विश्व में सभी संसदों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 11.7' है। उसमें से 7.1 ' महिलाएँ संसदीय अध्यक्ष हैं। 10.8' राजनैतिक दलों में नेतृत्व पदों पर हैं। सन् 1989 में स्थापित फ्राँस के प्रजातंत्र में अब महिला साँसदों का पदार्पण प्रारम्भ हो गया है। अमेरिकी संसद में 10.9' तथा ब्रिटेन की पार्लियामेण्ट में 9.5' महिला साँसद हैं। भारत में 11 वीं लोकसभा में 36 महिला साँसद चुनी गई हैं। अमेरिका की विदेश मंत्री मेडिलिन अलब्राइट, भारत की सूचना प्रसारण मंत्री सुषमा स्वराज, श्रीलंका की प्रधानमंत्री चंद्रिका कुमारतुँगे, पाकिस्तान की विपक्षी नेता बेनजीर भुट्टो, भारत की सोनिया गाँधी, नेपाल की महिला एवं समाज विकास मंत्री सहाना प्रधान, न्यूजीलैण्ड की मंत्री मार्गेट शील्ड तथा आस्ट्रेलिया की महिला नेता रोसेमरी क्राउली जैसी महिलाएँ राजनीति के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।

यू.एन.डी.पी. की 1997 की रिपोर्ट के अनुसार औद्योगिक देशों के प्रशासनिक और व्यापारिक प्रबंधन में कार्यरत महिलाओं का प्रतिशत 27.4 है। यह संख्या अमेरिका में 42.2', कनाडा में 40' है। सिंगापुर, थाईलैण्ड, श्रीलंका, मलेशिया और चीन में महिला अफसरों का अनुपात 11 से 34' के बीच है। बाँग्ला देश में 5', पाकिस्तान में 3.5' तथा भारत में 2.5' है। इसी कारण शिक्षा के क्षेत्र में भी जबर्दस्त परिवर्तन आ रहा है। इस वर्ष केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी दसवीं कक्षा का परिणाम सामाजिक सोच में आए बदलाव को रेखाँकित करता है। छात्राएँ बहुत तेजी से आगे बढ़ रही हैं। बारहवीं कक्षा में छात्राओं का प्रतिशत 78.5 है जबकि छात्रों का 68.3' आया है। यह भारत के सभी बड़े महानगरों में देखा जा सकता है। केरल में महिलाओं की शिक्षा दर 86.2' है।

पुरुषों के व्यवसाय में भी महिलाओं का प्रवेश होने लगा है। आमतौर से हजामत का कार्य पुरुष वर्ग करता है। परन्तु समाज के इस मिथक को तोड़कर साहसिक कदम रखने वाली एक महिला है थंगम्मा जो केरल के कोंडिचेरी के मीनमही गाँव में अपने पति के नाई की दुकान में पूर्णकालिक एवं नियमित रूप से पुरुष ग्राहकों के बाल काटती हैं तथा उनकी दाढ़ियाँ बनाती हैं। 50 वर्षीया थंगम्मा इसे अपनी एक बड़ी उपलब्धि मानती हैं। अमेरिका की शैला कोन्नोर्स ने न्यूयार्क के सबसे भव्य व महंगे प्लाजा होटल में दरबान की नौकरी कर होटल की दुनिया में प्रथम महिला दरबान होने का गौरव प्राप्त किया है। होटल के दरवाजे पर खड़ी 5 फुट 6 इंच लम्बी 31 साल की शैला पूर्व पुलिस अधिकारी हैं और होटल के 107 सालों के इतिहास में पहली महिला दरबान है।

आज विश्व के सभी क्षेत्रों में नारी क्राँति का शंखनाद होने लगा है। यह इक्कीसवीं सदी उज्ज्वल भविष्य बनाम नारी सदी की उद्घोषणा है। अतः हममें से प्रत्येक को अभी से नारी को सम्मान, सहयोग, स्नेह देकर उसे साथ लेकर बढ़ने का प्रयास पुरुषार्थ करना चाहिए।

First 14 16 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • साधना का रहस्य
  • सृष्टि का ज्ञान-विज्ञान - वेद का विज्ञान : प्रतिकात्मक ज्ञान
  • कठोर अनुबंधों के सहारे (Kahani)
  • है कोई अदृश्य शक्ति, जो जड़ को प्रभावित करती हैं
  • महाकाल का संदेश (Kahani)
  • अंधों में मात्र एक नेत्रवान्
  • जहाँ विवेक रहता हैं, चिंतन में श्रेष्ठता रहती है(Kahani)
  • प्रेम साधना और उसकी परिणति
  • Quotation
  • सभी स्वीकार करते है पुनर्जन्म के सत्य को
  • बच्चे की प्राण रक्षा (Kahani)
  • कैसे हो साक्षी भाव की सिद्धि
  • अपने ही विनाश पर तुले हुए हम
  • Quotation
  • विश्व पटल पर छाती जा रही हैं नारी शक्ति
  • सत्य का विस्मरण (Kahani)
  • झपकी लें, स्वस्थ रहें
  • सारी स्त्रियाँ मेरी माँ के समान (Kahani)
  • प्रतिध्वनि का दर्शन
  • प्रगति में अवरोध (Kahani)
  • नीर-क्षीर विवेक की अनिवार्यता
  • प्रवासी पक्षियों की ये नैसर्गिक यात्राएँ
  • स्वर्ग और नरक की परिभाषा (Kahani)
  • आलौकिक चेतना में रमा-बसा दिव्य तीर्थ धाम
  • ऋषियों की मूर्ति में प्रतिष्ठित हैं गुरुचेतना का अंश
  • सही विभूतियों को महत्व (Kahani)
  • गुरुगीता- 5 - गुरु चरण व रज का माहात्म्य
  • यश, सम्मान और जीवन से भी हाथ धोना पड़ा(Kahani)
  • अंतर्जगत की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान - योग फलित होता है सम्यक् ज्ञान से
  • स्वर्णिम अक्षरों में (Kahani)
  • परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी - ध्यान क्यों करें? कैसे करें? - 2
  • युग गीता - 38 - कर्त्ताभाव से मुक्त द्रष्टा स्तर का दिव्यकर्मी
  • रावण का सपरिवार विनाश (Kahani)
  • जा पर कृपा तुम्हारी होई, ता पर कृपा करें सब कोई -
  • सौ प्रतिशत छूट का लाभ लें, दैवी अनुदानों के अधिकारी बनें
  • अब कमर कस ही लें व ज्ञानयज्ञ में भावभरी भागीदारी करें
  • अपनों से अपनी बात - मथुरा में आयोजित हुआ साधकों का महाकुँभ
  • VigyapanSuchana
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj