• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • प्राणघातक व्यसन
    • मदिरा प्रकृति के प्रतिकूल है
    • तंबाकू का हानिकारक प्रभाव
    • बीडी़, सिगरेट, हुक्का पीने से हानियाँ
    • न से चरित्रहीनता की वृद्धि होती है
    • सभ्यता का विष चाय
    • भाँग, गाँजा और चरस की नाशकारी कुटेव
    • अफीम का चातक दुर्व्यसन
    • कोकेन का घातक व्यसन
    • हमारी सभ्यता का कलंक नैतिक चरित्रहीनता
    • सिनेमा विनाश या मनोरंजन
    • अश्लील उत्तेजक विचार
    • अभक्ष्य पदार्थों का सेवन
    • अंडे खाना स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • प्राणघातक व्यसन
    • मदिरा प्रकृति के प्रतिकूल है
    • तंबाकू का हानिकारक प्रभाव
    • बीडी़, सिगरेट, हुक्का पीने से हानियाँ
    • न से चरित्रहीनता की वृद्धि होती है
    • सभ्यता का विष चाय
    • भाँग, गाँजा और चरस की नाशकारी कुटेव
    • अफीम का चातक दुर्व्यसन
    • कोकेन का घातक व्यसन
    • हमारी सभ्यता का कलंक नैतिक चरित्रहीनता
    • सिनेमा विनाश या मनोरंजन
    • अश्लील उत्तेजक विचार
    • अभक्ष्य पदार्थों का सेवन
    • अंडे खाना स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Books - प्राणघातक व्यसन

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


कोकेन का घातक व्यसन

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 7 9 Last
कोकेन में अन्य घातक पदार्थों के साथ−साथ भयंकर विष होते हैं, जो डॉ. बेनेट के मतानुसार अंतड़ियों, श्वास प्रणाली, ग्रंथि प्रणाली और रक्त प्रवाह प्रणाली पर घातक प्रभाव डालते हैं । इसका उपयोग प्राय: उच्च वर्ग के व्यक्ति करते हैं, जो सामाजिक बंधनों के कारण शराब या अफीम को खुला उपयोग नहीं कर पाते । भारत में वेश्याओं के यहाँ इसकी अधिक खपत है । व्यभिचारी व्यक्ति प्राय: इसका प्रयोग क्षणिक उत्तेजना के लिए किया करते हैं । इसके नशे में वे सत-असत विवेक बुद्धि को भूल जाते हैं ।

कोकेन के दुष्परिणाम बड़े भयंकर हैं, इससे पक्वाशय के स्नायु तथा ज्ञानतंतु अकर्मण्य हो जाते हैं । फलतः दो- दो, तीन-तीन दिन क्षुधा प्रतीत नहीं होती । शरीर कृश हो जाता है । आरंभ में कोकेन के प्रयोग से ज्ञानतंतु और स्नायु के उद्गम स्थान पुर कुछ झनझनाहट और वेग प्रतीत होता है, परंतु यह आवेग आधे घंटे से अधिक शेष नहीं रहता । उतार प्रारंभ होने पर हृदय डूबता सा मालूम होता है । संपूर्ण शरीर पर आलस्य एवं नैराश्य की भावना छा जाती है । एक प्रकार का शैथिल्य एवं शारीरिक निर्बलता सर्वत्र छा जाती है ।

कोकेन खाने की आदत अन्य मादक वस्तुओं की अपेक्षा अधिक लुभावनी है, परंतु बड़ी भयानक भी है । इससे शारीरिक, मानसिक और आचारिक निर्बलता उत्पन्न हो जाती है । थोड़े समय तक इसका अभ्यास करने से इसके खाने और प्रभाव देखने की एक अनियंत्रित इच्छा प्रकट होने लगती है, सो किसी प्रकार तृप्त नहीं हो पाती और बिना जान लिए नहीं शांत होती । कोकेन वास्तव में ईश्वरीय कोप स्वरूप है, जिसके फंदे में फँसने से अकथनीय दुर्गति होती है ।

First 7 9 Last


Other Version of this book



प्राणघातक व्यसन
Type: TEXT
Language: HINDI
...

प्राणघातक व्यसन
Type: SCAN
Language: HINDI
...

પ્રાણઘાતક વ્યસન
Type: SCAN
Language: GUJRATI
...


Releted Books



गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

विश्व की महान नारियाँ-1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

विश्व की महान नारियाँ-1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

विश्व की महान नारियाँ-1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

विश्व की महान नारियाँ-1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

संत विनोबा भावे
Type: SCAN
Language: HINDI
...

संत विनोबा भावे
Type: SCAN
Language: HINDI
...

त्योहार और व्रत
Type: SCAN
Language: HINDI
...

त्योहार और व्रत
Type: SCAN
Language: HINDI
...

ऋगवेद भाग 2-A
Type: SCAN
Language: EN
...

ऋगवेद भाग 2-A
Type: SCAN
Language: EN
...

ऋगवेद भाग 2-A
Type: SCAN
Language: EN
...

ऋगवेद भाग 2-A
Type: SCAN
Language: EN
...

दहेज दानव से सामाजिक लड़ाई लड़ी जाय
Type: SCAN
Language: HINDI
...

दहेज दानव से सामाजिक लड़ाई लड़ी जाय
Type: SCAN
Language: HINDI
...

दहेज दानव से सामाजिक लड़ाई लड़ी जाय
Type: SCAN
Language: HINDI
...

दहेज दानव से सामाजिक लड़ाई लड़ी जाय
Type: SCAN
Language: HINDI
...

दहेज दानव से सामाजिक लड़ाई लड़ी जाय
Type: SCAN
Language: HINDI
...

दहेज दानव से सामाजिक लड़ाई लड़ी जाय
Type: SCAN
Language: HINDI
...

दहेज दानव से सामाजिक लड़ाई लड़ी जाय
Type: SCAN
Language: HINDI
...

दहेज दानव से सामाजिक लड़ाई लड़ी जाय
Type: SCAN
Language: HINDI
...

गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Articles of Books

  • प्राणघातक व्यसन
  • मदिरा प्रकृति के प्रतिकूल है
  • तंबाकू का हानिकारक प्रभाव
  • बीडी़, सिगरेट, हुक्का पीने से हानियाँ
  • न से चरित्रहीनता की वृद्धि होती है
  • सभ्यता का विष चाय
  • भाँग, गाँजा और चरस की नाशकारी कुटेव
  • अफीम का चातक दुर्व्यसन
  • कोकेन का घातक व्यसन
  • हमारी सभ्यता का कलंक नैतिक चरित्रहीनता
  • सिनेमा विनाश या मनोरंजन
  • अश्लील उत्तेजक विचार
  • अभक्ष्य पदार्थों का सेवन
  • अंडे खाना स्वास्थ्य के लिए हितकर नहीं
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj