• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • शिष्टाचार और सहयोग
    • सहयोग की आवश्यकता
    • सहयोग से मैत्री भावना का उदय
    • सहयोग और शिष्टाचार का संबंध
    • बातचीत करने की कला का महत्त्व
    • सच्ची और खरी बात कहिए, पर नम्रता के साथ
    • दूसरों से वार्तालाप करने के विशेष नियम
    • मिलने-जुलने का शिष्टाचार
    • शिष्टाचार के कुछ साधारण नियम
    • शिष्ठाचार और सदभावना
    • शिष्टाचार और सहृदयता
    • शिष्टाचार और सभ्यता
    • शिष्टाचार की प्रवृत्ति बाल्यावस्था से ही डालिए
    • शिष्टाचार, सहयोग और परोपकार
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • शिष्टाचार और सहयोग
    • सहयोग की आवश्यकता
    • सहयोग से मैत्री भावना का उदय
    • सहयोग और शिष्टाचार का संबंध
    • बातचीत करने की कला का महत्त्व
    • सच्ची और खरी बात कहिए, पर नम्रता के साथ
    • दूसरों से वार्तालाप करने के विशेष नियम
    • मिलने-जुलने का शिष्टाचार
    • शिष्टाचार के कुछ साधारण नियम
    • शिष्ठाचार और सदभावना
    • शिष्टाचार और सहृदयता
    • शिष्टाचार और सभ्यता
    • शिष्टाचार की प्रवृत्ति बाल्यावस्था से ही डालिए
    • शिष्टाचार, सहयोग और परोपकार
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Books - शिष्टाचार और सहयोग

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


शिष्टाचार और सहृदयता

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 10 12 Last
सद्भावना की तरह हमारे व्यवहार में सहृदयता की भी आवश्यकता है । सच पूछा जाए तो सहृदय व्यक्ति ही सद्भावना का व्यवहार करने वाला होता है । सहृदय व्यक्ति परिचितों के साथ ही नहीं अपरिचितों से भी प्रेम पूर्ण भाषण करता है, सहानुभूति प्रकट करता है और इस प्रकार वह सबका मन आकर्षित कर लेता है । सहृदयता के बिना मनुष्य के अनेक गुण निरर्थक हो जाते हैं और उसे प्राय: मित्रहीन, एकाकीपन का जीवन ही बिताना पड़ता है ।

रूखापन जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन है । कई आदमियों का स्वभाव बडा़ नीरस, रूखा, शुष्क, निष्ठुर, कठोर और अनुदार होता है । उनका आत्मीयता का दायरा बहुत ही छोटा और संकुचित होता है । उस दायरे से हानि-लाभ, उन्नति-अवनति, खुशी-रंज, अच्छाई-बुराई से उन्हें कुछ मतलब नहीं होता । अपने अत्यंत ही छोटे दायरे में स्त्री, पुत्र, तिजोरी, मोटर मकान आदि में उन्हें थोड़ा रस जरूर होता है बाकी की अन्य वस्तुओं के प्रति उनके मन में बहुत ही अनुदारतापूर्ण रुखाई होती है ।

जिसने अपनी विचारधारा और भावनाओं को शुष्क नीरस और कठोर बना रखा है, वह मानव जीवन के वास्तविक रस का आस्वादन करने से वंचित ही रहेगा । उस बेचारे ने व्यर्थ ही जीवन धारण किया और वृथा ही मनुष्य शरीर को कलंकित किया । आनंद का स्रोत सरसता की अनुभूतियों में है । परमात्मा को आनंदमय कहा जाता है । क्यों ? इसलिए कि वह सरस है, प्रेममय है । श्रुति कहती है- "रसो वै सः'' अर्थात वह परमात्मा रसमय है । भक्ति द्वारा, प्रेम द्वारा परमात्मा को प्राप्त करना संभव बताया गया है । निस्संदेह जो वस्तु जैसी हो उसको उसी प्रकार प्राप्त किया जा सकता है । परमात्मा दीनबंधु, करुणासिंधु, रसिकबिहारी, प्रेम का अवतार, दयानिधान, भक्तवत्सल है । उसे प्राप्त करने के लिए अपने अंदर वैसी ही लचीली, कोमल, स्निग्ध, सरस भावनाएँ पैदा करनी पड़ती हैं । भगवान भक्त के वश में हैं, जिनका हृदय कोमल है, भावुक है, परमात्मा उनसे दूर नहीं है । आप अपने हृदय को कोमल, द्रवित, पसीजने वाला, दयालु, प्रेमी और सरस बनाइए । संसार के पदार्थों में जो सरसता का अपार भंडार भरा हुआ है उसे ढूँढना और प्राप्त करना सीखिए ।
First 10 12 Last


Other Version of this book



शिष्टाचार और सहयोग
Type: TEXT
Language: HINDI
...

શિષ્ટાચાર અને સહયોગ
Type: SCAN
Language: GUJRATI
...

शिष्टाचार और सहयोग
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books



गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

21st Century The Dawn Of The Era Of Divine Descent On Earth
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

Divine Message of Vedas Part 4
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

Divine Message of Vedas Part 4
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

Divine Message of Vedas Part 4
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

Divine Message of Vedas Part 4
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

The Absolute Law of Karma
Type: SCAN
Language: ENGLISH
...

Pragya Puran Stories -2
Type: TEXT
Language: ENGLISH
...

Pragya Puran Stories -2
Type: TEXT
Language: ENGLISH
...

Pragya Puran Stories -2
Type: TEXT
Language: ENGLISH
...

Pragya Puran Stories -2
Type: TEXT
Language: ENGLISH
...

गहना कर्मणोगतिः
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Articles of Books

  • शिष्टाचार और सहयोग
  • सहयोग की आवश्यकता
  • सहयोग से मैत्री भावना का उदय
  • सहयोग और शिष्टाचार का संबंध
  • बातचीत करने की कला का महत्त्व
  • सच्ची और खरी बात कहिए, पर नम्रता के साथ
  • दूसरों से वार्तालाप करने के विशेष नियम
  • मिलने-जुलने का शिष्टाचार
  • शिष्टाचार के कुछ साधारण नियम
  • शिष्ठाचार और सदभावना
  • शिष्टाचार और सहृदयता
  • शिष्टाचार और सभ्यता
  • शिष्टाचार की प्रवृत्ति बाल्यावस्था से ही डालिए
  • शिष्टाचार, सहयोग और परोपकार
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj