• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • स्वामी दयानंद सरस्वती
    • साधारण से असाधारण बनने का मार्ग
    • पाखंड खंडिनी पताका
    • शास्त्रार्थ और शास्त्रार्थ
    • स्वामी जी की प्रत्युत्पत्र मति
    • प्रलोभनों को ठुकराया
    • गौ रक्षा के लिए उद्योग
    • स्त्री- शिक्षा का प्रचार
    • स्त्रियों को धार्मिक और सामाजिक अधिकार
    • यह ईंट- पत्थर नहीं- फूलों की वर्षा है
    • विधर्मियों से वाद-विवाद और मांस भक्षण त्याग कराना
    • प्राचीन तथा नवीन का संघर्ष
    • हिन्दी ही राष्ट्रभाषा है
    • अंध परंपराओं का निराकरण
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • स्वामी दयानंद सरस्वती
    • साधारण से असाधारण बनने का मार्ग
    • पाखंड खंडिनी पताका
    • शास्त्रार्थ और शास्त्रार्थ
    • स्वामी जी की प्रत्युत्पत्र मति
    • प्रलोभनों को ठुकराया
    • गौ रक्षा के लिए उद्योग
    • स्त्री- शिक्षा का प्रचार
    • स्त्रियों को धार्मिक और सामाजिक अधिकार
    • यह ईंट- पत्थर नहीं- फूलों की वर्षा है
    • विधर्मियों से वाद-विवाद और मांस भक्षण त्याग कराना
    • प्राचीन तथा नवीन का संघर्ष
    • हिन्दी ही राष्ट्रभाषा है
    • अंध परंपराओं का निराकरण
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Books - स्वामी दयानंद सरस्वती

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


गौ रक्षा के लिए उद्योग

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 6 8 Last
गौ रक्षा की समस्या जिस प्रकार आज जटिल बनी है, वैसी ही लगभग स्वामी जी के समय में थी। वे गौ को मनुष्य जाति के लिए परम हितकारी मानते थे और इसलिए उसकी रक्षा के लिए सदैव प्रेरणा देते रहते थे। वे यह भी समझते थे कि जिस प्रकार अनेक पुराने विचारों के लोग थोडी़- सी बुड्ढी, अपंग और जराजीर्ण गायों को गौशाला में रखकर गौ- रक्षा का नाम कर लेते हैं, वह रास्ता बिल्कुल गलत है। वास्तविक गौ रक्षा तो यह है कि अधिकाधिक दूध देने वाली गौओं और खेती का कार्य उत्तम रीति से कर सकने योग्य बैलों की संख्या में यथाशक्ति वृद्धि की जाए, क्योंकि भारतवासियों के जीवन निर्वाह का आधार मुख्यतः अन्ना और दूध, ये दो ही पदार्थ हैं। इस विषय का सविस्तार विवेचन स्वामी जी ने "गौ करुणानिधि" नामक पुस्तक में किया था और इस संबंध में एक विज्ञापन छपवाकर उस पर सहस्त्रों हस्ताक्षर कराकर महारानी विक्टोरिया की सेवा में भेजा था। उसका कुछ अंश इस प्रकार था- 
           विश्व भर में जीवन के मूल दो ही पदार्थ हैं- एक अन्न और दूसरा पान। मनुष्यों को खान- पान भरपूर प्राप्त हो, इस अभिप्राय से आर्यावर्त के शिरोमणि राजा- महाराजा और प्रजा के लोग महोपकारक गाय आदि अशुओंका न तो आप वध करते थे और न किसी दूसरे को करने देते थे। इनकी रक्षा से अन्न- पान की बहुत वृद्धि होती है, जिससे सर्व साधारण का सुखपूर्वक निर्वाह हो सकता है। राजा- प्रजा की जितनी हानि इसकी हत्या से होती है, उतनी किसी भी दूसरे कर्म से नहीं होती हैं। एक गाय के वध से चार लाख और एक भैंस के वध से बीससहस्त्र मनुष्यों की हानि होती है- इसका निर्णय हमने 'गो- करुणानिधि' नामक पुस्तक में अति विस्तार से किया है। इसलिए हम सब मिलकर प्रजा हितैषिणी श्रीमती राजेशवरी महारानी विक्टोरिया की सेवा में प्रार्थना करें और उनको न्याय पद्धति में, जो गौ- हत्या रूप अन्याय हो रहा है, उसे बंद कराकर प्रसन्नता का लाभ प्राप्त करें। 
           "देखिए तो सही, अनेक गुणयुक्त गाय आदि पशुओं के वध के दूध घी कितने महँगे हो गये हैं। किसानों की कितनी बडी़ हानि हो रही हैं, जिसका फल राजा प्रजा सभी भोग रहे हैं। नित्य प्रति हानि की मात्रा बढ़ती ही चली जाती है। जब कोई अनुष्य पक्षपात को छोड़कर देखता है तो परोपकार को ही धर्म और पर- हानि को ही अधर्म जानता है। जिससे अधिकांश मनुष्यों का अधिक उपकार हो उसका नाश कभी नहीं करना चाहिए" 
           इस प्रकार स्वामी जी ने जन कल्याण की दृष्टि से एक आवश्यक विषय की ओर सर्व साधारण का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने गौ रक्षा का प्रश्न उसके 'गौ माता' होने अथवा उसकी सहायता से परलोक में वैतरणी पार कर सकने की दृष्टि से नहीं उठाया, 
           वरन् आर्थिक कारणों से उसका समर्थन किया। हमें खेद से कहना पड़ता है कि आज हिंदू धर्म के 'नेता' बनने वाले सज्जन गो- रक्षा आंदोलन के इस वास्तविक आधार को छोड़कर दलबंदी अथवा राजनीतिक सफलता की दृष्टि से गौ की हत्या और रक्षा का शोर मचा रहे हैं। हमको तो उनके इस प्रदर्शन से गौ जाति का अभी तक कोई भला होता दिखाई नहीं देता। जैसा स्वामी दयानंदजी ने गौ की आर्थिक उपयोगिता बतलाकर उसकी रक्षा और वृद्धि की तरफ जनता और शासक- वर्ग का ध्यान आकर्षित किया था, यदि उस मार्ग पर चला जाता तो कुछ लोकहित अवश्य पूरा हो सकता था। 

First 6 8 Last


Other Version of this book



स्वामी दयानंद सरस्वती
Type: TEXT
Language: HINDI
...

સ્વામી દયાનંદ સરસ્વતી
Type: SCAN
Language: GUJRATI
...

स्वामी दयानंद सरस्वती
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books



Pragya Puran Stories -2
Type: TEXT
Language: ENGLISH
...

Pragya Puran Stories -2
Type: TEXT
Language: ENGLISH
...

Pragya Puran Stories -2
Type: TEXT
Language: ENGLISH
...

संत विनोबा भावे
Type: SCAN
Language: HINDI
...

संत विनोबा भावे
Type: SCAN
Language: HINDI
...

संत विनोबा भावे
Type: SCAN
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

अन्तर्जगत् की यात्रा का ज्ञान-विज्ञान -1
Type: TEXT
Language: HINDI
...

प्रेरणाप्रद भरे पावन प्रसंग
Type: TEXT
Language: HINDI
...

प्रेरणाप्रद भरे पावन प्रसंग
Type: TEXT
Language: HINDI
...

युग कि मांग प्रतिभा परिष्कार भाग-२
Type: SCAN
Language: EN
...

युग कि मांग प्रतिभा परिष्कार भाग-२
Type: SCAN
Language: EN
...

जीवन देवता की साधना आराधना
Type: SCAN
Language: EN
...

जीवन देवता की साधना आराधना
Type: SCAN
Language: EN
...

ચિર યૌવનનું રહસ્યોદ્દઘાટન
Type: SCAN
Language: GUJRATI
...

ચિર યૌવનનું રહસ્યોદ્દઘાટન
Type: SCAN
Language: GUJRATI
...

जीवन साधना के स्वर्णिम सूत्र
Type: SCAN
Language: EN
...

जीवन साधना के स्वर्णिम सूत्र
Type: SCAN
Language: EN
...

मनस्थिति बदलें तो परिस्थिति बदले
Type: SCAN
Language: EN
...

मनस्थिति बदलें तो परिस्थिति बदले
Type: SCAN
Language: EN
...

सृष्टा का परम प्रसाद प्रखर प्रज्ञा
Type: SCAN
Language: EN
...

सृष्टा का परम प्रसाद प्रखर प्रज्ञा
Type: SCAN
Language: EN
...

भाव संवेदना की गंगोत्री
Type: SCAN
Language: EN
...

Pragya Puran Stories -2
Type: TEXT
Language: ENGLISH
...

Articles of Books

  • स्वामी दयानंद सरस्वती
  • साधारण से असाधारण बनने का मार्ग
  • पाखंड खंडिनी पताका
  • शास्त्रार्थ और शास्त्रार्थ
  • स्वामी जी की प्रत्युत्पत्र मति
  • प्रलोभनों को ठुकराया
  • गौ रक्षा के लिए उद्योग
  • स्त्री- शिक्षा का प्रचार
  • स्त्रियों को धार्मिक और सामाजिक अधिकार
  • यह ईंट- पत्थर नहीं- फूलों की वर्षा है
  • विधर्मियों से वाद-विवाद और मांस भक्षण त्याग कराना
  • प्राचीन तथा नवीन का संघर्ष
  • हिन्दी ही राष्ट्रभाषा है
  • अंध परंपराओं का निराकरण
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj