• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
  • About Us
    • Gayatri Teerth Shantikunj
    • Patron Founder
    • Mission Vision
    • Present Mentor
    • Blogs & Regional sites
    • DSVV
    • Organization
    • Dr. Chinmay Pandya - Our pioneering youthful representative
    • Our Establishments
  • Initiatives
    • Spiritual
    • Environment Protection
    • Social Development
    • Education with Wisdom
    • Health
    • Corporate Excellence
    • Disaster Management
    • Training/Shivir/Camps
    • Research
    • Programs / Events
  • Read
    • Books
    • Akhandjyoti Magazine
    • News
    • E-Books
    • Events
    • Gayatri Panchang
    • Geeta Jayanti 2023
    • Motivational Quotes
    • Lecture Summery
  • Spiritual WIsdom
    • Thought Transformation
    • Revival of Rishi Tradition
    • Change of Era - Satyug
    • Yagya
    • Life Management
    • Foundation of New Era
    • Gayatri
    • Indian Culture
    • Scientific Spirituality
    • Self Realization
    • Sacramental Rites
  • Media
    • Social Media
    • Video Gallery
    • Audio Collection
    • Photos Album
    • Pragya Abhiyan
    • Mobile Application
    • Gurukulam
    • News and activities
    • Blogs Posts
    • Yug Pravah Video Magazine
  • Contact Us
    • India Contacts
    • Global Contacts
    • Shantikunj - Headquarter
    • Join us
    • Write to Us
    • Spiritual Guidance FAQ
    • Magazine Subscriptions
    • Shivir @ Shantikunj
    • Contribute Us
  • Login

Media   >   Social Media   >   Daily Update

Monday 28, April 2025

शुक्ल पक्ष प्रथमा, बैशाख 2025




पंचांग 28/04/2025 • April 28, 2025

बैशाख शुक्ल पक्ष प्रतिपदा, कालयुक्त संवत्सर विक्रम संवत 2082, शक संवत 1947 (विश्वावसु संवत्सर), बैशाख | प्रतिपदा तिथि 09:11 PM तक उपरांत द्वितीया | नक्षत्र भरणी 09:37 PM तक उपरांत कृत्तिका | आयुष्मान योग 08:02 PM तक, उसके बाद सौभाग्य योग | करण किस्तुघन 11:05 AM तक, बाद बव 09:11 PM तक, बाद बालव |

अप्रैल 28 सोमवार को राहु 07:19 AM से 08:58 AM तक है | 02:53 AM तक चन्द्रमा मेष उपरांत वृषभ राशि पर संचार करेगा |

 

सूर्योदय 5:41 AM सूर्यास्त 6:48 PM चन्द्रोदय 5:37 AM चन्द्रास्त 7:46 PM अयन उत्तरायण द्रिक ऋतुग्री ष्म

 

  1. विक्रम संवत - 2082, कालयुक्त
  2. शक सम्वत - 1947, विश्वावसु
  3. पूर्णिमांत - बैशाख
  4. अमांत - बैशाख

तिथि

  1. शुक्ल पक्ष प्रतिपदा   - Apr 28 01:01 AM – Apr 28 09:11 PM
  2. शुक्ल पक्ष द्वितीया   - Apr 28 09:11 PM – Apr 29 05:31 PM

नक्षत्र

  1. भरणी - Apr 28 12:38 AM – Apr 28 09:37 PM
  2. कृत्तिका - Apr 28 09:37 PM – Apr 29 06:47 PM


×

Ep:-07 आप आत्मोन्नति की ओर अधिक ध्यान रखें

Ep:-07 आप आत्मोन्नति की ओर अधिक ध्यान रखें

2 likes 7398 views 1 shares
Like
Share
Comment



आहार, संयम और अन्नमय कोश का जागरण | Aahar Sanyam Aur Annamay Kosh Ka Jagran

आहार, संयम और अन्नमय कोश का जागरण | Aahar Sanyam Aur Annamay Kosh Ka Jagran

2 likes 7424 views 2 shares
Like
Share
Comment



गायत्री मन्त्र का अर्थ |Gayatri Mantra Ka Arth

गायत्री मन्त्र का अर्थ |Gayatri Mantra Ka Arth

2 likes 7454 views 3 shares
Like
Share
Comment



!!ऑस्ट्रेलिया में डॉ. चिन्मय पंड्या जी के सघन जनसंपर्क अभियान से विस्तारित आत्मीयता का संदेश !!

!!ऑस्ट्रेलिया में डॉ. चिन्मय पंड्या जी के सघन जनसंपर्क अभियान से विस्तारित आत्मीयता का संदेश !!

2 likes 7490 views 2 shares
Like
Share
Comment



ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में युवा प्रोफेशनल्स संग डॉ. चिन्मय पंड्या जी का आत्मीय संवाद

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में युवा प्रोफेशनल्स संग डॉ. चिन्मय पंड्या जी का आत्मीय संवाद

2 likes 7490 views 1 shares
Like
Share
Comment



मन को अस्वस्थ न रहने दिया जाए | Man ko Aswasth Na Rehne Diya Jaye

मन को अस्वस्थ न रहने दिया जाए | Man ko Aswasth Na Rehne Diya Jaye

2 likes 7501 views 2 shares
Like
Share
Comment



ब्रह्मविद्या का प्रचार प्रसार फिर से होना चाहिए | Bhramahavidya Ka Prachar Prasar Phir Se Hona Chahiye

ब्रह्मविद्या का प्रचार प्रसार फिर से होना चाहिए | Bhramahavidya Ka Prachar Prasar Phir Se Hona Chahiye

17 likes 10206 views 1 shares
Like
Share
Comment



संसार क्या है और हम कैसा जीवन जिये? | Sansaar Kya Hai Aur Hum Kaisa Jeevan Jiyen | Dr Chinmay Pandya

संसार क्या है और हम कैसा जीवन जिये? | Sansaar Kya Hai Aur Hum Kaisa Jeevan Jiyen | Dr Chinmay Pandya

13 likes 10205 views 3 shares
Like
Share
Comment



गायत्रीतीर्थ शांतिकुंज, नित्य दर्शन

गायत्री माता
Image गायत्री माता
24 likes 10500 views 1 comments 46 shares
Like
Share
Download
Comment
गायत्री माता - अखंड दीपक
Image गायत्री माता - अखंड दीपक
20 likes 10413 views 1 comments 17 shares
Like
Share
Download
Comment
चरण पादुका
Image चरण पादुका
19 likes 10413 views 1 comments 6 shares
Like
Share
Download
Comment
चरण पादुका
Image चरण पादुका
20 likes 10419 views 1 comments 6 shares
Like
Share
Download
Comment
सजल श्रद्धा - प्रखर प्रज्ञा (समाधि स्थल)
Image सजल श्रद्धा - प्रखर प्रज्ञा (समाधि स्थल)
19 likes 10458 views 10 shares
Like
Share
Download
Comment
प्रज्ञेश्वर महादेव - देव संस्कृति विश्वविद्यालय
Image प्रज्ञेश्वर महादेव - देव संस्कृति विश्वविद्यालय
19 likes 10423 views 1 comments 15 shares
Like
Share
Download
Comment
शिव मंदिर - शांतिकुंज
Image शिव मंदिर - शांतिकुंज
21 likes 10417 views 14 shares
Like
Share
Download
Comment
हनुमान मंदिर - शांतिकुंज
Image हनुमान मंदिर - शांतिकुंज
19 likes 10399 views 11 shares
Like
Share
Download
Comment

आज का सद्चिंतन (बोर्ड)

Image हिंदी बोर्ड
17 likes 10425 views 17 shares
Like
Share
Download
Comment
Image हिंदी बोर्ड
14 likes 10410 views 18 shares
Like
Share
Download
Comment
Image अंग्रेजी बोर्ड
9 likes 10403 views 4 shares
Like
Share
Download
Comment
Image अंग्रेजी बोर्ड
12 likes 10405 views 4 shares
Like
Share
Download
Comment

आज का सद्वाक्य

Image हिंदी सद्वाक्य
12 likes 10423 views 12 shares
Like
Share
Download
Comment
Image हिंदी सद्वाक्य
12 likes 10418 views 10 shares
Like
Share
Download
Comment
Image अंग्रेजी सद्वाक्य
11 likes 10416 views 10 shares
Like
Share
Download
Comment
Image अंग्रेजी सद्वाक्य
12 likes 10419 views 12 shares
Like
Share
Download
Comment



नित्य शांतिकुंज वीडियो दर्शन


!! शांतिकुंज दर्शन 28 April 2025 !! !! गायत्री तीर्थ शांतिकुञ्ज हरिद्वार !!

15 likes 10407 views 8 shares
Like
Share
Comment



Reel_1 ईश्वरचंद्र विद्यासागर का जीवन 1.mp4

14 likes 10286 views
Like
Share
Comment







परम् पूज्य गुरुदेव का अमृत संदेश



भगवान की कृपा खाई नहीं जा सकती। भगवान की कृपा के आधार पर मैं लोगों से बताता रहता हूँ, भाई, तुम्हें भगवान की कृपा से फायदा कराना हो तो इसकी अपेक्षा तो ये अच्छा है कि तुम नौकरी कर लो, धंधा कर लो। नहीं साहब, उसमें कम फायदा होता है। तो बेटे, चोरी कर ले। चल, चोरी करेगा, छह महीने की सजा तो हो जाएगी, तुझसे पिण्ड तो छूटेगा। भगवान की कृपा से ले करके नहीं। बेटा, भगवान की कृपा से लिया हुआ जो है, नहीं साहब, परमार्थ के लिए होता है, लोकहित के लिए होता है। उससे जो मिलती है, उससे भगवान की कृपा से सुख नहीं मिला है, शांति मिली है। हर एक को सुख नहीं मिला है, किसी को शांति मिली है। सुख किसी को नहीं मिला है, शांति मिली है। ये शांति की जरूरत हो तो भगवान की कृपा के चक्कर में फंस और तुझे सुख की जरूरत हो तो भगवान से दूर रह। भगवान से दूर रह। भगवान से दूर रहने वालों को जितने भी तेरे पास सुख दिखाई पड़ते हैं, हर आदमी सांसारिक दृष्टि से हर आदमी गरीब दिखाई पड़ते हैं, कंगाल दिखाई पड़ते हैं। तो महाराज जी, कंगाल कर देते। हाँ, नहीं बेटे, कंगाल नहीं कर देता, पर ये बात है कि क्योंकि मन इतने उदार हो जाते हैं कि वो खा नहीं सकते, खिला सकते हैं। खा नहीं सकते, खिला के रहते हैं।

ईश्वरचंद्र विद्यासागर को 500 रुपये महीने की नौकरी मिलती थी। 500 रुपये महीने में से जब 500 रुपये सामने आते तो उनको वो अपनी जिंदगी के दृश्य खड़े हो जाते कि हम आखों के, हमको बिजली की अभाव में, रोशनी के अभाव में, सड़क के किनारे खड़ा होना पड़ता था। सड़क के किनारे वाली जो बत्तियाँ जलती हैं, उसके नीचे से किताब पढ़नी पड़ती थी। तो सारे विद्यार्थी जो सड़क के किनारे खड़े होते थे, आ के आगे खड़े हो जाते थे। पिता जी, आपको तो 500 रुपये तनख्वाह मिलती है, 500 रुपये तनख्वाह मिलती है, 500 रुपये तनख्वाह मिलती है। तो देखिए, जब आप पढ़ा करते थे और आपके पास चार आने महीने अगर होते तो आप देखिए, मिट्टी के तेल की बत्ती लेकर के अपने घर पे पढ़ सकते थे। चार आने महीने का आपके पास इंतजाम नहीं था। हाँ बेटे, नहीं था हमारे पास, इसीलिए तो आप सड़क पर पढ़ते थे। हाँ, सड़क पर पढ़ते थे। तो हमारी भी वही हालत है। आज आप हमको मदद नहीं कर सकते, उसमें से बच्चे आ करके सामने उनके खड़े हो जाते और ये कहते कि हमारी मदद कीजिए, हमारी मदद कीजिए।

बस, ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने निश्चय कर लिया था, हम 50 रुपये महीने से अपना गुजारा करेंगे और 450 रुपये महीना उन लोगों के लिए सुरक्षित रखेंगे जिनको, जिनको फीस की जरूरत है, जिनको किताबों की जरूरत है, जिनको दूसरी चीजों की जरूरत है। हजारों आदमी आ करके लाभ उठाते रहते और अपने 50 रुपये में अपना गुजारा करते रहते हैं। महाराज जी, ये तो गरीब है, अमीर तो नहीं बना। नहीं बेटे, अमीर नहीं बना सकता। संत अमीर नहीं हो सकते। भगवान के भक्त के हिस्से में अमीरी नहीं आई है। अमीर, अमीर बना तो सकता है, पर स्वयं अमीर नहीं हो सकता।

10 likes 10278 views
Like
Share
Comment




अखण्ड-ज्योति से



अयोग्य विद्यार्थी का न तो कोई वर्तमान होता है और न भविष्य। वह निकम्मा, चाहे दुःख हो, चाहे प्रसन्न कोई अन्तर नहीं पड़ता। इस प्रकार पतन द्वारा पाई असफलता तो दुःख का हेतु है, किन्तु पुरुषार्थ से अलंकृत प्रयत्न की असफलता दुःख खेद का नहीं, चिन्तन−मनन और अनुभव का विषय है। आशा, उत्साह, साहस और धैर्य की परीक्षा का प्रसंग है। प्रयत्न की असफलता स्वयं एक परीक्षा है। मनुष्य को उसे स्वीकार करना और उत्तीर्ण करना ही चाहिए।

 प्रायः आर्थिक उतार लोगों को बहुत दुःखी बना देता है। जिसका लंबा−चौड़ा व्यापार चलता हो। लाखों रुपये वर्ष की आमदनी होती हो, सहसा उसका रोजगार ठप हो जाए, कोई लंबा घाटा पड़ जाए, हैसियत, बिगड़ जाए और वह असाधारण से साधारण स्थिति में आ गिरे तो वह अवश्य ही दुःखी और शोक−ग्रस्त रहने लगेगा। फिर भी इस आर्थिक उतार का शोक करना उचित नहीं। क्योंकि शोक करने से स्थिति में सुधार नहीं हो सकता। यदि शोक करने और दुःखी रहने से स्थिति में सुधार की आशा हो तो एक बार शोक करना और दुःखी रहना उस स्थिति में किसी हद तक उचित कहा जा सकता है। किन्तु यह सभी अच्छी तरह से जानते हैं कि विपन्नता का उपचार दुःखी रहना नहीं, बल्कि उत्साहपूर्वक पुरुषार्थ करना ही है। तथापि लोग उल्टा आचरण करते हैं। यह कम खेद की बात नहीं है।
    
 सम्पन्नता से विपन्नता में आ जाने पर लोग क्यों दुःखी रहते हैं? इसके अनेक कारण होते हैं। इसका एक कारण तो है अपनी वर्तमान स्थिति से विगत स्थिति की तुलना करना। दूसरा कारण है दूसरों की संपन्न स्थिति को सामने रखकर अपनी स्थिति देखना। तीसरा कारण है, सामाजिक अप्रतिष्ठा की आशंका करना चौथा कारण है लज्जा और आत्म−हीनता का भाव रखना। और पाँचवाँ कारण है, विगत वैभव का व्यामोह। यह और इसी प्रकार के अन्य कारणोंवश लोग अपने आर्थिक उतार पर दुःखी और शोकग्रस्त रहा करते हैं। किन्तु यदि इन कारणों पर गहराई से विचार किया जाए तो पता चलेगा कि इन कारणों को सामने रखकर अपनी विपन्नता पर शोक करना बड़ी हल्की और निरर्थक बात है। इनमें से कोई कारण तो ऐसा नहीं, जिसे शोक का उचित सम्पादक माना जा सके।

.... क्रमशः जारी
 पं श्रीराम शर्मा आचार्य
 अखण्ड ज्योति जनवरी 1970 पृष्ठ 56

11 likes 10285 views 1 shares
Like
Share
Comment



×
Popup Image
❮ ❯
Like Share Link Share Download
Newer Post Home Older Post


View count

79335338



Archive

About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj