"हमारी वसीयत और विरासत" (भाग 1)...

इस जीवन यात्रा के गम्भीरता पूर्वक पर्यवेक्षण की आवश्यकता जिन्हें भले या बुरे क्षेत्रों में विशिष्ट व्यक्ति समझा जाता है, उनकी जीवनचर्या के साथ जुड़े हुए घटनाक्रमों को भी जानने की इच्छा होती है। कौतूहल के अतिरिक्त इसमें एक भाव ऐसा भी होता है, जिसके सहारे कोई अपने काम आने वाली बात मिल सके। जो हो, कथा...

May 16, 2025, 10:15 a.m.

हमारी वसीयत और विरासत (भाग 1)...

इस जीवनयात्रा के गंभीरतापूर्वक पर्यवेक्षण की आवश्यकता जिन्हें भले या बुरे क्षेत्रों में विशिष्ट व्यक्ति समझा जाता है, उनकी जीवनचर्या के साथ जुड़े हुए घटनाक्रमों को भी जानने की इच्छा होती है। कौतूहल के अतिरिक्त इसमें एक भाव ऐसा भी होता है, जिसके सहारे कोई अपने काम आने वाली बात मिल सके। जो हो कथा-साह...

May 16, 2025, 9:56 a.m.

गहना कर्मणोगति: (अन्तिम भाग) ...

दुःख का कारण पाप ही नहीं है  दूसरे लोग अनीति और अत्याचार करके किसी निर्दोष व्यक्ति को सता सकते हैं। शोषण, उत्पीड़ित और अन्याय का शिकार कोई व्यक्ति दुःख पा सकता है। अत्याचारी को भविष्य में उसका दण्ड मिलेगा, पर इस समय तो निर्दोष को ही कष्ट सहना पड़ा। ऐसी घटनाओं में उस दुःख पाने वाले व्यक्ति के कर्मों क...

May 15, 2025, 9:29 a.m.

युवा प्रकोष्ठ कौशाम्बी के माध्यम से विद्...

अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में युवा प्रकोष्ठ कौशाम्बी की टीम ने कौशाम्बी जनपद के एन डी कॉन्वेंट स्कूल एंड स्वर्गीय श्री समाधि महाराज बाबा सूरजपाल दास इंटर कॉलेज, नसीरपुर मूरतगंज में छात्र छात्राओं के लिए एक दिवसीय संस्कारशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानाच...

May 6, 2025, 9:37 a.m.

भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में उत्कृष...

कौशाम्बी जनपद के भरवारी नगर में नव निर्मित गायत्री चेतना केंद्र भरवारी में सोमवार को भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के उत्कृष्ट प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। जनपद के अनेक विद्यालयों के बच्चों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में जनपद स्तर के प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाल...

Feb. 25, 2025, 11:11 p.m.

पचपेड़वा में प. पू. गु. का आध्यात्मिक जन...

आज *बसंत पंचमी* (गुरुदेव का आध्यात्मिक जन्म दिवस) के पावन पर्व पर गायत्री शक्तिपीठ पचपेड़वा में यज्ञ हवन के साथ सरस्वती पूजन उल्लास पूर्ण/बासंती वातावरण में संपन्न हुआ. श्री अंगद प्रसाद प्रजापति और परिव्राजक रामकुमार जी द्वारा बसंत पंचमी पूजन संपन्न कराया गया. इसी क्रम में शांतिकुंज से आगामी दिनों म...

Feb. 2, 2025, 5:04 p.m.

प्रयागराज महाकुम्भ में 13 जनवरी से प्रार...

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ हो रहे विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ में गायत्री परिवार द्वारा शिविर 13 जनवरी से प्रारंभ होकर 26 फरवरी 2025 तक रहेगा। महाकुम्भ क्षेत्र में सेक्टर 10 में गदा माधव मार्ग पर गायत्री परिवार का शिविर लगाया गया है। शिविर में मिशन से जुड़ी ...

Jan. 9, 2025, 5:59 p.m.

वीर बाल दिवस के अवसर पर साहिबजादे क्विज ...

कौशाम्बी: उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जनपद में भरवारी नगर पालिका के सिंधिया में गुरुवार 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के अवसर पर बाल संस्कारशाला सिंघिया द्वारा सामूहिक प्रश्नोत्तरी (क्विज) प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन गोल्डन बाल विद्यालय सिंघिया में सायं 3 बजे से किया गया। आयोजन में 50...

Dec. 26, 2024, 10:46 p.m.

कौशाम्बी जनपद में 4 दिवसीय 24 कुण्डीय शक...

●  28 नवंबर को सायंकालीन 2400 दीपों से दीपयज्ञ का हुआ आयोजन ● सैकड़ों परिजनों ने यज्ञ के साथ कराए विभिन्न संस्कार, महिलाओं ने धारण किया यज्ञोपवीत ●  प्रतिदिन प्रातः 6 बजे से प्रज्ञायोग, ध्यान साधना के साथ प्रारंभ होता था कार्यक्रम  कौशाम्बी: उत्तर प्रदेश से मां शीतला शक्तिपीठ का तीर्थक्षेत्र, भगवान ब...

Dec. 1, 2024, 1:45 p.m.

24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ को लेकर जोर श...

कौशाम्बी जनपद के करारी नगर में अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन होने जा रहा है। कार्यक्रम 26 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा। कार्यक्रम की तैयारियां कार्यक्रम स्थल पर समय के साथ जोर शोर से चल रही हैं। आयोजन स्थल पर साफ सफाई कार्य करते हुए और किनारों ...

Nov. 13, 2024, 7:47 p.m.

रीगा, लातविया में गायत्री यज्ञ—संस्कृति ...

अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी के मार्गदर्शन में रीगा (लातविया) में गायत्री यज्ञ का दिव्य आयोजन संपन्न हुआ। यह यज्ञ भारत माता के अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करने, प्रवासी भारतीयों को एक सूत्र में जोड़ने तथा भारतीय...

May 15, 2025, 3:53 p.m.

लातविया में भारत की नवनियुक्त राजदूत श्र...

यूरोप प्रवास लातविया यूरोप प्रवास में अखिल विश्व गायत्री परिवार के युवा प्रतिनिधि एवं देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने लातविया में भारत की नवनियुक्त राजदूत आदरणीय श्रीमती नम्रता कुमार जी से आत्मीय भेंट की। इस अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में स्...

May 14, 2025, 11:12 a.m.

राजस्थान में प्रज्ञा अभियान का विस्तार: ...

अलवर जिले की राजगढ़ तहसील ने प्रज्ञा अभियान के प्रचार-प्रसार में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत करते आज ३५० नए पाठक जोड़ते  हुए तहसील स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। यह सफलता आदरणीया मीना खंडेलवाल जीजी के अथक प्रयासों और डॉक्टर सरोज गुप्ता दीदी के मार्गदर्शन का प्रतिफल है। साथ ही, अलवर जिले ने 1000+ पाठ...

May 13, 2025, noon

बुध पूर्णिमा पर वेदना निवारण केंद्र, जयप...

बुध पूर्णिमा पर वेदना निवारण केंद्र, जयपुर द्वारा प्रज्ञा अभियान पाक्षिक की 1000 प्रतियों हेतु धनराशि शांतिकुंज, हरिद्वार प्रेषित की गई।  संकल्प— “ज्ञानयज्ञ की ज्योति जलाने, हम घर-घर में जायेंगे"—अब साकार होता दिखाई दे रहा है। प्रज्ञा अभियान केवल एक पत्रिका नहीं, अपितु पूज्य गुरुदेव के विचारों को घर...

May 13, 2025, 11:58 a.m.

श्रद्धा संवर्धन जनसंपर्क अभियान — कोपेनह...

यूरोप प्रवास कोपेनहेगन, डेनमार्क अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने यूरोप प्रवास के शुभारंभ अवसर पर कोपेनहेगन में श्रद्धा संवर्धन जनसंपर्क अभियान के अंतर्गत अनेकों आत्मीय परिजनों के घर पधारकर आत्मीय संवाद स्थापित किया। घर-घर ऋषि संदेश पहुँचाने, युग चेतना का दीप प्र...

May 13, 2025, 11:52 a.m.

यूरोप प्रवास के दौरान डेनमार्क में राजदू...

यूरोप प्रवास कोपेनहेगन, डेनमार्क, 10 मई कोपेनहेगन  अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि *आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी* ने अपने यूरोप प्रवास के अगले चरण में *कोपेनहेगन में भारत के राजदूत आदरणीय श्री मनीष प्रभात जी से सौजन्य भेंट* की। इस अवसर पर भारत और डेनमार्क के बीच सांस्कृतिक सहयोग को सशक्त करने,...

May 12, 2025, 12:55 p.m.

कोपेनहेगन में दीप यज्ञ — वीर शहीदों को श...

10 मई | कोपेनहेगन भारत माता के अमर सपूतों की पावन स्मृति में तथा भारतीय संस्कृति की गौरवमयी विजय पताका को सशक्त बनाने के संकल्प के साथ, 10 मई को कोपेनहेगन में दीप यज्ञ का सफल आयोजन संपन्न हुआ। वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में संवेदनशील माहौल और प्रतिबंधों के बावजूद, बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय भा...

May 12, 2025, 12:47 p.m.

प्रज्ञा अभियान को जन-जन तक पहुँचाने हेतु...

धर्मात्मा और देवतुल्य भाई-बहन अब प्रज्ञा अभियान को घर-घर पहुँचाने के संकल्प के साथ आगे आ रहे हैं। सभी परिजनों तक परम पूज्य गुरुदेव के विचार तथा गायत्री परिवार की सृजनात्मक व रचनात्मक गतिविधियों की जानकारी पहुँचाने हेतु वे ज्ञानयज्ञ में अपनी सक्रिय आहुति प्रदान कर रहे हैं। जयपुर से आदरणीय श्री संजय ग...

May 10, 2025, 9:20 a.m.

Felicitation of Successful Placed BIT, B...

On Campus Recruitment Drive was conducted for BCA, BIT, MCA ( Data Science ) students of Department of Computer Science. Assetplus Consulting a Decision Science Business working in the field of Artificial Intelligence, Machine Learning & Big Data to provide solutions for Solar, Water, Gas & Power Se...

May 8, 2025, 10:51 a.m.

MCA ( Data Science ) Students Earn AWS S...

We are happy to share that the Department of Computer Science, as an Official AWS Academy Member Institution, has guided its MCA (Data Science) 2nd Semester students to successfully earn AWS Skill Badges. These badges are recognized worldwide and show the student's understanding of cloud computing, ...

May 8, 2025, 9:18 a.m.
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गुरुदेव से प्रथम भेंट

15 वर्ष की आयु में— बसंत पंचमी पर्व सन् 1926 को स्वगृह— आँवलखेड़ा (आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत) में पूजास्थल में ही दादागुरु स्वामी सर्वेश्वरानन्द जी के दर्शन एवं मार्गदर्शन के साथ-ही-साथ आत्मसाक्षात्कार हुआ।

अखण्ड दीपक

सन् 1926 से निरंतर प्रज्वलित दीपक, जिसके सान्निध्य में परम पूज्य गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने 24-24 लक्ष के चौबीस गायत्री महापुरश्चरण संपन्न किए, आज भी इसके बस एक झलक भर प्राप्त कर लेने से ही लोगों को दैवीय प्रेरणा और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है। इसके सान्निध्य में अब तक 2400 करोड़ से भी अधिक गायत्री मंत्र का जप किया जा चुका है।

अखण्ड ज्योति पत्रिका

इसका आरंभ सन् 1938 में पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा किया गया था। पत्रिका का मुख्य उद्देश्य— वैज्ञानिक आध्यात्मिकता और 21वीं शताब्दी के धर्म, अर्थात वैज्ञानिक धर्म को बढ़ावा देना है।

गायत्री मन्त्र

दृढ़ निष्ठा से सतत गायत्री साधना करने से मन (अंतःकरण) तीव्र गति और चामत्कारिक प्रकार से पवित्र, निर्मल, व्यवस्थित और स्थिर होता है, जिससे साधक अपने बाह्य भौतिक जीवन की गंभीर परीक्षाओं एवं समस्याओं से जूझते हुए भी अटल आतंरिक शांति और आनंद की अनुभूति करता है।

आचार्य जी ने सिद्धांत और साधना को आधुनिक युग के अनुकूल तर्क व शब्द देकर सामाजिक परिवर्तन का जो मार्ग दिखाया है, उसके लिए आने वाली पीढ़ियाँ युगों-युगों तक कृतज्ञ रहेंगी।

डॉ. शंकर दयाल शर्मा (पूर्व राष्ट्रपति)

मुझे ज्ञात है कि इस विश्वविद्यालय ने स्वतंत्रता सेनानी और लगभग ३००० पुस्तकों के लेखक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्यजी के स्वप्न को साकार रूप दिया है। इन्हें भारत में ज्ञान क्रांति का प्रवर्तक कहना उपयुक्त होगा। आचार्यश्री का विचार था कि अज्ञानता ही निर्धनता और बीमारी आदि सभी समस्याओं की जड़ है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (पूर्व राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक)

आचार्य जी का एकाकी पुरुषार्थ सारे संत समाज की सम्मिलित शक्ति के स्तर का है, उनने गायत्री व यज्ञ को प्रतिबंध रहित करने निमित्त जो कुछ भी किया वह शास्त्रों के अनुसार ही था। मेरा उन्हें बारम्बार नमन है।

स्वामी जयेन्द्रतीर्थ सरस्वती (शंकराचार्य कांची कामकोटि पीठ)

श्रद्धेय आचार्य श्रीराम शर्मा जी ने जो कार्य कर दिखाया वह अद्भुत है, युग के लिए नितांत आवश्यक है। आचार्य जी के साहित्य से मैं बहुत प्रभावित हूँ। प्रज्ञा पुराण ने विशेष रूप से मुझे अपने कार्यों में बहुत बल प्रदान किया है। उनका चिंतन राष्ट्र को शक्तिशाली बनाता और मानव मात्र को सही दिशा प्रदान करता है।

श्री नानाजी देशमुख (संस्थापक ग्रामोदय विश्वविद्यालय)

आचार्य जी द्वारा भाष्य किए गए उपनिषदों का स्वाध्याय करने के बाद उन्होंने कहा कि- ‘‘काश! यह साहित्य मुझे जवानी में मिल गया होता तो मेरे जीवन की दिशाधारा कुछ और ही होती; मैं राजनीति में न जाकर आचार्य श्री के चरणों में बैठा अध्यात्म का ज्ञान ले रहा होता।’’

सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन्

विनोबा जी ने वेदों के पूज्यवर द्वारा किए गए भाष्य को ग्वालियर मेंं एक सार्वजनिक सभा में अपने सिर पर धारण करते हुए कहा- "ये ग्रन्थ किसी व्यक्ति द्वारा नहीं, शक्ति द्वारा लिखे गये हैं।"

आचार्य विनोबा भावे

सुप्रसिद्ध सन्त देवरहा बाबा एक सिद्ध पुरुष थे। उनने एक परिजन से कहा- ‘‘बेटा! उनके बारे में मैं क्या कहूँ? यह समझो कि मैं हृदय से सतत उनका स्मरण करता रहता हूँ। गायत्री उनमें पूर्णतः समा गयी है एवं वे साक्षात् सविता स्वरूप हैं।’’

देवरहा बाबा

‘‘आचार्यश्री ने गायत्री को जन-जन की बनाकर महर्षि दयानन्द के कार्यों को आगे बढ़ाया है। गायत्री और ये एकरूप हो गये हैं।’’

महात्मा आनन्द स्वामी

अपने भावभरे उद्गार पूज्यवर के सम्बन्ध में इस रूप में व्यक्त किए थे- ‘‘आचार्य जी इस युग में गायत्री के जनक हैं। उनने गायत्री को सबकी बना दिया। यदि इसे मात्र ब्राह्मणों की मानकर उन्हीं के भरोसे छोड़ दिया होता तो अब तक गायत्री महाविद्या सम्भवतः लुप्त हो गयी होती।’’

करपात्री जी महाराज