वर्तमान की कठिन परिस्थितियों को सुखी समुंनत उज्ज्वल भविष्य में बदलने के लिए चरित्र निर्माण, व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण की अनिवार्य आवश्यकता है।
वर्तमान की कठिन परिस्थितियों को सुखी समुंनत उज्ज्वल भविष्य में बदलने के लिए चरित्र निर्माण, व्यक्ति निर्माण, परिवार निर्माण, समाज निर्माण की अनिवार्य आवश्यकता है।