
पहले इस पृष्ठ को पढ़ लीजिए।
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
आगामी वर्ष के संबंध में कुछ आवश्यक जानकारियाँ
सन् 47 के आरंभिक आरंभिक अंकों में अखण्ड-ज्योति अपने पाठकों को बड़ी अमूल्य पाठ्य सामग्री भेंट कर रही है। अखण्ड-ज्योति संपादक ने विगत बीस वर्षों में जो आध्यात्मिक शोधें की हैं उनका निचोड़ इन अंकों में होगा। ऐसी अद्भुत एवं अपूर्व सामग्री पाठकों के लिए कितनी उपयोगी होगी इसका कुछ अनुमान नीचे दी हुई लेखों की सूची से लगाया जा सकता है।
जनवरी के अंक में निम्न लिखित लेख रहेंगे-
जीवन का सर्वोपरि लाभ, (2) ब्रह्म विद्या के सात सिद्धाँत, (3) साधन का विज्ञान, (4) साधनाओं का उद्देश्य, (5) शक्ति से सिद्धि, (6) सम्पन्नता के चार आधार (7) आत्मबल की अकूत शक्ति, (8) योग शक्तियों का उद्गम, (9) प्रत्यक्ष अष्ट सिद्धियाँ, (10) निरर्थक मृगतृष्णा।
फरवरी के अंक में- अध्यात्म के नाम पर जो धूर्तता, ठगी, छल, माया कर होता है, उसकी विवेचना होगी। इस अंक में निम्न लेख रहेंगे।
(1) दड़ा एवं सट्टा बताने वाले पीर, (2) सोना बनाने वाले सिद्ध, (3) त्रिकाल जानने वाले शक्ति, (4) पेशाब से दिया जलाने वाले योगी, (5) मूक प्रश्न बताने वाले ज्योतिषी, (6) भूतों के ऐजेन्ट, (7) भविष्य वक्ताओं की धूर्तता, (8) दिव्यदर्शी तान्त्रिक, (9) मंत्र बल से वस्तुएं मँगाने वाले महात्मा, (10) शाप से अन्धा बनाने वाले और वरदान से नेत्र ज्योति देने वाले अवधूत, (11) सब रोगों को दूर करने वाला कुआँ, (12) भगवान का प्रत्यक्ष दर्शन कराने वाले संत, (13) निष्कलंक के अवतार, (14) जलती अग्नि पर चलने वाले योगिराज (15) छाया पुरुष एवं योगिनी वाले सिद्ध जी, (16) मंत्र बल से अग्नि प्रकट करने वाले वेदपाठी।
मार्च के अंक में- जादू के लगभग 50 खेलों का रहस्य होगा। यह लेख एक से एक बढ़कर हैरतअंगेज हैं इनमें से दो चार जानने वाला भी पूरा जादूगर बन जाता है। फिर इन सब को जानने वाले के लिए कहना ही क्या है। इन खेलों के रहस्य ऐसी अच्छी तरह समझाये जायेंगे जिससे पाठकों को उनकी पोल भली-भाँति समझ में आ जायगी।
अप्रैल का अंक जनवरी के अंक का उत्तरार्ध होगा। जनवरी के अंक में अध्यात्मवाद का वैज्ञानिक आधार समझाया जायगा। अप्रैल के अंक में चौरासी प्रकार के योगों में से चुन-चुन कर ऐसी साधनाएं पाठकों के सामने उपस्थित की जायगी, जिनका अभ्यास करके अपरिमित लाभ उठाया जा सकता है। कार्यव्यस्त लोग भी उन साधनों पर ऊंची आध्यात्म भूमिकाओं में पहुँच सकते हैं और लोक तथा परलोक के महत्तम लाभों को प्राप्त कर सकते हैं।
स्मरण रखिए, अंक नियत संख्या में छपेंगे और सामग्री अत्यधिक महत्वपूर्ण होने से वह थोड़े ही दिन में समाप्त हो जायेंगे। इसलिए जो पाठक चंदा भेजने में देर करेंगे उन्हें इस अमूल्य पाठ्य सामग्री से वंचित रहना पड़ेगा।