• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • गायत्री माता
    • गायत्री माता (Kavita)
    • गायत्री जीवन की एक आवश्यकता
    • गायत्री के अनुभव
    • हमारे सिद्ध पुरुष पूर्वज
    • Quotation
    • बाबा मगनानंद जी की कुछ स्मृतियाँ
    • गायत्री शक्ति और मेरे अनुभव
    • दो बार धारा सभा की मेम्बरी
    • Quotation
    • गायत्री उपासना के कुछ अनुभव
    • गायत्री माता की शाँतिदायक गोद
    • मन्त्र लेखन की साधना
    • तन्दुरुस्ती, प्रतिष्ठा और आजीविका की पुनः प्राप्ति
    • Quotation
    • मृत्यु के मुख में से वापसी
    • गायत्री उपासना से प्रेतबाधा की निवृत्ति
    • संकट में सहायता करने वाली गायत्री माता
    • ऋण के बोझ से छुटकारा मिला।
    • Quotation
    • बाघ को भी परास्त करने वाला अस्त्र
    • आपत्ति ग्रस्तों की सहायता
    • स्वभाव में परिवर्तन
    • प्रारब्ध भोगों का सरल भुगतान
    • गायत्री की शरण से नवजीवन दान
    • महाशक्ति की समीपता
    • जान माल की भयंकर क्षति से बचे
    • उन्नति की ओर प्रगति
    • अनेक आपदाएँ टलीं
    • गायत्री उपासना के अनंत लाभ
    • प्राणघातक संकटों से मुक्ति
    • बच्चों की सुख-शान्ति
    • माँ की कृपा के अनुभव
    • परीक्षा में सफलता
    • गायत्री एक अमोघ अस्त्र
    • पहेली का प्रथम पुरस्कार जीता
    • नरमेध सम्बन्धी स्पष्टीकरण
    • सरस्वती यज्ञ और साँस्कृतिक शिक्षा
    • एक सच्ची घटना
    • कष्ट निवारिणी माता
    • गायत्री महिमा
    • गायत्री महिमा (Kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • गायत्री माता
    • गायत्री माता (Kavita)
    • गायत्री जीवन की एक आवश्यकता
    • गायत्री के अनुभव
    • हमारे सिद्ध पुरुष पूर्वज
    • Quotation
    • बाबा मगनानंद जी की कुछ स्मृतियाँ
    • गायत्री शक्ति और मेरे अनुभव
    • दो बार धारा सभा की मेम्बरी
    • Quotation
    • गायत्री उपासना के कुछ अनुभव
    • गायत्री माता की शाँतिदायक गोद
    • मन्त्र लेखन की साधना
    • तन्दुरुस्ती, प्रतिष्ठा और आजीविका की पुनः प्राप्ति
    • Quotation
    • मृत्यु के मुख में से वापसी
    • गायत्री उपासना से प्रेतबाधा की निवृत्ति
    • संकट में सहायता करने वाली गायत्री माता
    • ऋण के बोझ से छुटकारा मिला।
    • Quotation
    • बाघ को भी परास्त करने वाला अस्त्र
    • आपत्ति ग्रस्तों की सहायता
    • स्वभाव में परिवर्तन
    • प्रारब्ध भोगों का सरल भुगतान
    • गायत्री की शरण से नवजीवन दान
    • महाशक्ति की समीपता
    • जान माल की भयंकर क्षति से बचे
    • उन्नति की ओर प्रगति
    • अनेक आपदाएँ टलीं
    • गायत्री उपासना के अनंत लाभ
    • प्राणघातक संकटों से मुक्ति
    • बच्चों की सुख-शान्ति
    • माँ की कृपा के अनुभव
    • परीक्षा में सफलता
    • गायत्री एक अमोघ अस्त्र
    • पहेली का प्रथम पुरस्कार जीता
    • नरमेध सम्बन्धी स्पष्टीकरण
    • सरस्वती यज्ञ और साँस्कृतिक शिक्षा
    • एक सच्ची घटना
    • कष्ट निवारिणी माता
    • गायत्री महिमा
    • गायत्री महिमा (Kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1954 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


तन्दुरुस्ती, प्रतिष्ठा और आजीविका की पुनः प्राप्ति

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 13 15 Last
(श्री शिव भगवान जी सोमानी, कालियाचक्र)

विराट नगर (नेपाल) से सं0 2007 में, अपने पुत्र की शादी के लिए सीकर आया और फिर वहीं रहने लगा। दैव संयोग से मैं सट्टे की लाइन में पड़ गया और आखिर नतीजा खराब निकला। सट्टे में काफी नुकसान हुआ। यहाँ तक कि मेरी धर्मपत्नी के तथा लड़की के भी सब जेवर उसी में चले गये।

चिन्ता और परेशानी का स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा। शरीर कमजोर हुआ। आखिर राजयक्ष्मा (टी. बी.) तथा भगन्दर के दो प्राणघातक रोगों ने मुझे ग्रसित कर लिया।

मेरे साले शिवरतन जी मारुमाले गाँव [नासिक] में एक प्रसिद्ध साड़ियों के व्यापारी हैं। उन्हें जब मेरी बीमारी का पता लगा तो दौड़े हुए आये। कहाँ कराया जाय इस पर विचार हुआ। बीमारी बढ़ गई थी इसलिए निश्चय हुआ कि सीकर से भाले गाँव जाया जाय। और वहाँ वे शिवरतन जी के साथ बम्बई जाकर इलाज कराया जाय। मेरी स्थिति इतनी गिर गई थी कि चारपाई पर से उठना बैठना मुश्किल हो रहा था। सभी को मेरे जीवन से निराशा होती जा रही थी।

भाले गाँव से हम लोग बम्बई पहुँचे और वहाँ पहुँच कर अनेक सुप्रसिद्ध डाक्टरों से बीमारी का निदान कराया। टी. बी. विशेषज्ञ डॉक्टर बिलमोरिया ने ऐक्सरे, सीना, पेशाब, खून, पाखाना आदि की परीक्षा की और रिपोर्ट लिखकर दी कि बीमारी तीसरी स्टेज को पहुँच चुकी है। 15 दिन में ही बीमार की हालत काबू से बाहर हो जायगी। डॉक्टर ने यह भी कहा कि फेफड़ा गल गया है इसलिए कई पसलियाँ काट कर निकालनी पड़ेंगी।

उस रिपोर्ट का हमारे साले साहब पर बहुत गम्भीर आघात लगा, वे बहुत दुखी थे। उनकी मुखाकृति देखकर स्थिति की गम्भीरता समझने में मुझे भी देर न लगी। आखिर सब बात मालूम हुई। पसलियाँ कट जाने जैसे बड़े आपरेशन को बर्दाश्त करने लायक न तो मेरा स्वास्थ्य था और न साहस।

शिवरतन जी गायत्री के अनन्य उपासक हैं। उन्हें माता की शक्ति पर बहुत भारी विश्वास है। उनने गायत्री महाविज्ञान ग्रन्थ के अनेक स्थल मुझे सुनाये और गायत्री उपासना करने के लिये मुझे से आग्रह किया। प्राण रक्षा के लिए मनुष्य सब कुछ करने को तैयार हो जाता है। फिर गायत्री उपासना जो एक बहुत ही उत्तम और सरल काम है उसके लिए मैं प्रसन्नतापूर्वक तैयार हो गया। माले गाँव लौटकर एक साधारण इलाज चालू करा दिया और पूरी तत्परता के साथ मैं गायत्री उपासना में लग गया।

चारपाई पर पड़े-पड़े पूरे समय मन ही मन गायत्री माता का जप और ध्यान करता रहता। बीज संपुट ‘ऐं’ का प्रत्येक मन्त्र के पश्चात् सम्पुट लगाकर जप करता था। इसी क्रम को चलते हुए 75 दिन हो गये। एक दिन दोपहर के भोजन के बाद मैं अर्ध निद्रा में लेटा हुआ था, देखा कि एक सुन्दर देवी मेरे सिरहाने बैठी है और मेरे बायें हाथ को पकड़कर हस्त रेखा देख रही है। मैंने पूछा पुरुष का तो दाहिना हाथ देखा जाता है। आप मेरा बाँया हाथ क्यों देखती हैं। उत्तर मिला कि रोगी का बाँया हाथ ही देखा जाता है। मैंने फिर पूछा हाथ में आपने क्या देखा? उत्तर मिला कि तुम्हारा कल्याण हो, अब बीमारी अच्छी हो गई है।

आँख-खुली चारों और मैंने ध्यानपूर्वक देखा तो वहाँ कोई स्त्री न थी। मैंने जान लिया कि यह गायत्री माता ही थीं और मुझे अभयदान देने आई थी। प्रसन्नता से मेरा चित्त प्रफुल्लित हो रहा था।

दिन पर दिन हालत सुधरती गई और मैं थोड़े ही समय में इन टी. बी. तथा भगन्दर की प्राणघातक बीमारियों को परास्त करके पूर्ण स्वस्थ हो गया। स्वस्थ होने के बाद कुछ दिन इधर-उधर टक्करें खाने के बाद व्यापार भी ठीक प्रकार जम गया। अब हमारे फार्म में 10 आदमी मुनीम गुमाश्ते काम करते हैं।

मेरी धर्मपत्नी को गायत्री माता पर अनन्य श्रद्धा है। उसकी विशेष साधनाएं, तपश्चर्याएँ, नवरात्रि साधनाएँ चलती रहती हैं। नित्य भी काफी समय तक वह गायत्री उपासना करती हैं।

मैं भी माता को भूला नहीं हूँ। कुछ न कुछ समय उनके चरणों में लगाकर चित्त की शान्ति प्राप्त करता रहता हूँ। मैंने अपनी गई तन्दुरुस्ती, प्रतिष्ठा, आजीविका सभी कुछ माता की कृपा से प्राप्त की हैं जो कुछ प्राप्त करना शेष है, आशा है वह भी प्राप्त हो जावेगा।

First 13 15 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • गायत्री माता
  • गायत्री माता (Kavita)
  • गायत्री जीवन की एक आवश्यकता
  • गायत्री के अनुभव
  • हमारे सिद्ध पुरुष पूर्वज
  • Quotation
  • बाबा मगनानंद जी की कुछ स्मृतियाँ
  • गायत्री शक्ति और मेरे अनुभव
  • दो बार धारा सभा की मेम्बरी
  • Quotation
  • गायत्री उपासना के कुछ अनुभव
  • गायत्री माता की शाँतिदायक गोद
  • मन्त्र लेखन की साधना
  • तन्दुरुस्ती, प्रतिष्ठा और आजीविका की पुनः प्राप्ति
  • Quotation
  • मृत्यु के मुख में से वापसी
  • गायत्री उपासना से प्रेतबाधा की निवृत्ति
  • संकट में सहायता करने वाली गायत्री माता
  • ऋण के बोझ से छुटकारा मिला।
  • Quotation
  • बाघ को भी परास्त करने वाला अस्त्र
  • आपत्ति ग्रस्तों की सहायता
  • स्वभाव में परिवर्तन
  • प्रारब्ध भोगों का सरल भुगतान
  • गायत्री की शरण से नवजीवन दान
  • महाशक्ति की समीपता
  • जान माल की भयंकर क्षति से बचे
  • उन्नति की ओर प्रगति
  • अनेक आपदाएँ टलीं
  • गायत्री उपासना के अनंत लाभ
  • प्राणघातक संकटों से मुक्ति
  • बच्चों की सुख-शान्ति
  • माँ की कृपा के अनुभव
  • परीक्षा में सफलता
  • गायत्री एक अमोघ अस्त्र
  • पहेली का प्रथम पुरस्कार जीता
  • नरमेध सम्बन्धी स्पष्टीकरण
  • सरस्वती यज्ञ और साँस्कृतिक शिक्षा
  • एक सच्ची घटना
  • कष्ट निवारिणी माता
  • गायत्री महिमा
  • गायत्री महिमा (Kavita)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj