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Magazine - Year 1975 - Version 2

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First 10 12 Last
हे मानव जाति के आदर्शों की पोषक भारत भूमि तुझे नमस्कार है। शताब्दियों तक अगणित आक्रमण सहते रहने पर भी तेरी गरिमा न तो मलीन हुई और न कलुषित। तेरा स्वागत है। हे श्रद्धा, प्रेम, कला और विज्ञान की जन्म दात्री तुझे नमस्कार है।

-लुई जेकोलिमेट

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Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

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