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Magazine - Year 1984 - Version 2

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First 40 42 Last
काय चेतना के परिष्कृत एवं विकास हेतु चेतना के तीनों ही स्तर ऊँचे उठाने होते हैं। साधना, उपासना, आराधना का त्रिविधि उपक्रम अपना कर प्रज्ञा परिजन पूज्य गुरुदेव की सूक्ष्मीकरण साधना, जो युग धर्म की माँग पूरी करने हेतु उन्होंने प्रचण्ड तप पुरुषों के रूप में आरम्भ की है, के अंग बन सहज की श्रेयाधिकारी बन सकते हैं।

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