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Magazine - Year 1998 - Version 2

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मलिन विचारों वाले हृदय में ईश्वर भक्ति कैसे रहेंगी (Kahani)

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First 26 28 Last
एक व्यक्ति सन्त सुकरात के पास गुरुदीक्षा लेने पहुँचा। सुकरात ने उसे देखकर कच्चे घड़े की ओर इशारा किया और कहा-इस बर्तन में कुएँ से पानी ला दो? ”उस आदमी ने कहा-महात्मन् आपको इतना भी पता नहीं कि इसमें पानी नहीं टिकेगा। ”सुकरात हँसते हुए बोले-यही तो मैं भी कहता हूँ कि मलिन विचारों वाले हृदय में ईश्वर भक्ति कैसे रहेंगी?”

First 26 28 Last


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