
वीरता इनकी सराही जायेगी
Listen online
View page note
Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
वीरता इनकी सराही जायेगी :-
पिछले वर्ष नई दिल्ली में असाधारण वीरता के लिए जिन वीर पुरुषों को तृतीय श्रेणी के अशोक चक्र मिले है, उनमें श्री अमृतलाल नामक एक 16 वर्षीय एन.सी.सी. का छात्र भी है। गत वर्ष मार्च में उक्त बालक ने अपने प्राणों पर खेलकर एक कुख्यात डाकू को पकड़ लिया। संघर्ष करते समय डाकू की मृत्यु हो गई। उक्त घटना पंचमड़ी की है। वीरता का भाव बड़ों की तरह बालकों में भी हो सकता है। बालकों का गौरव उनके साहस में है, शौर्य में है। कायर ओर डरपोक मनुष्य आत्म रक्षा तक नहीं कर सकता, फिर उससे अपने वेश और धर्म की तो रक्षा ही क्या बन पड़ेंगी?
जबलपुर का समाचार है। ग्यारह वर्षीय आदिवासी गडेरिया बालक शिवदीन ने छिगडवाडा गाँव में एक तेंदुए को साहस से पत्थरों के प्रहार से मार डाला। वह तेंदुआ सदैव मवेशियों को उठा ले जाता था। कहा जाता है कि जब शिवदीन छिन्दवाडा जिले में पीपलपानी गाँव के जंगल में कुछ मवेशियों को चराने गया, तो अचानक घनी झाड़ियों में से एक तेंदुआ निकलकर मवेशियों पर झपट पड़ा। मवेशियों को बचाने के लिए उस गड़रिये बालक ने अपनी लाठी से साहस कर उस हिंसक का सामना किया। जब वह दूर हटा तो शिवदीन भारी भारी पत्थर मारता रहा। यहाँ तक कि एक बड़े पत्थर से वह मर गया। साहस हारने वाले सब कुछ हार जाते है, पर जो पुरुषार्थ करने खड़े हो जाते है और साहस से काम लेते हैं, उसकी ईश्वर भी सहायता करता है।
बिल्ली सिम्बी कालोनी के कुएं में एक छः वर्षीय बालक एकाएक गिर पड़ा। जब बालक बचाओ! बचाओ!! चिल्लाया, तब हायर सेकेन्डरी के चौदह वर्षीय परमानन्द नामक छात्र ने उक्त बालक को कुएं में कूद कर उसे मरने से बचा लिया। उक्त छात्र को इस साहस के काम के लिए कालोनी के लोगों ने पुरस्कार दिया और बड़ी प्रशंसा की। जीवन में पथ- पथ पर साहस और शक्ति की आवश्यकता है। आने वाली कठिनाइयों का आप उत्साह से स्वागत करें।