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Magazine - Year 1969 - Version 2

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First 7 9 Last
संयमित जीवन बिताकर भी मैं रोगी हूँ, महात्मन्! ऐसा क्यों? एक ग्रामीण ने महात्मा कन्फ्यूशियस से प्रश्न किया। कन्फ्यूशियस से थोड़ा विचार किया और बोले-”भाई, तुम शरीर से संयमित हो पर मन से नहीं। अब बाघ्रो और ईर्ष्या-द्वेष करना बन्द कर दो तो तुम्हें संयम का पूर्ण लाभ मिलेगा।”

First 7 9 Last


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Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
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Version 2
Type: TEXT
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Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

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