• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • अनुशासन सीखिये
    • भावनाएँ भक्तिमार्ग में नियोजित की जायें
    • Quotation
    • उच्चस्तरीय अध्यात्म साधना के तीन चरण
    • अपनी आत्मा सर्वत्र बिखरी पड़ी हैं।
    • महात्मा गाँधी तब वर्धा में थे (Kahani)
    • मनुष्य की तेजस्विता का अंतर्निहित स्रोत भंडार
    • जीवन स्वेच्छा से वरण करते है (Kahani)
    • मूर्ति पूजा का औचित्य
    • मनुष्य में अलौकिक क्षमतायें भरी पड़ी हैं।
    • Quotation
    • समाज सेवा में परमार्थ ही नहीं स्वार्थ भी सन्निहित है।
    • महानता के साथ अवरोध भी जुड़े हुए हैं
    • रुचि के अनुरूप ढाला है (Kahani)
    • Quotation
    • आनुवांशिकी प्रगति में आत्मबल का प्रयोग करना होगा
    • नोबेल पुरस्कार विजेता (Kahani)
    • भीड़ का नहीं- न्याय का राज्य चले
    • पं. मोती लाल नेहरू (Kahani)
    • संगठन और सहयोग पर सृष्टि-व्यवस्था टिकी है।
    • टामस कूपर (Kahani)
    • हम आत्म गरिमा का अनुभव करे और किसी से न डरें
    • क्या हम जीवित है? क्या हम जीवितों जैसे काम करते है?
    • पादरी आशीर्वाद देना भूल गया (Kahani)
    • जिन्दगी जीनी हो तो इस तरह जिये
    • विवाद उठ खड़ा हुआ (Kahani)
    • संगीत शब्द ब्रह्म की स्वर साधना
    • भजन में लीन हुआ मन (Kahani)
    • दीर्घायु और सरस जीवन की पगडंडी
    • वाणी सोच समझकर और विचार पूर्वक बोलें
    • Quotation
    • अब्राहमलिंकन दैनिक कार्यों से (Kahani)
    • स्वाध्याय और मनन मानसिक परिष्कार के दो साधन
    • कानून न्याय की आत्मा का हनन न करने पाये
    • Quotation
    • बरगद का विशाल वृक्ष (Kahani)
    • प्रत्यक्षवादी मान्यताएँ भी सर्वथा सत्य कहाँ है?
    • श्री गोपालचन्द्र घोष (Kahani)
    • धर्म को दिमागी बीमारी बताने वाली भ्रान्त मनोवृत्ति
    • Quotation
    • वृद्ध माता-पिता यह करुण विलाप करते पाये जाते हैं (Kahani)
    • Quotation
    • मंत्रों की सफलता वाक् पर निर्भर है।
    • अपनों से अपनी बात
    • गुरु और शिष्य (Kahani)
    • तरने वाले कहाँ है?
    • तरने वाले कहाँ है? (Kahani)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • अनुशासन सीखिये
    • भावनाएँ भक्तिमार्ग में नियोजित की जायें
    • Quotation
    • उच्चस्तरीय अध्यात्म साधना के तीन चरण
    • अपनी आत्मा सर्वत्र बिखरी पड़ी हैं।
    • महात्मा गाँधी तब वर्धा में थे (Kahani)
    • मनुष्य की तेजस्विता का अंतर्निहित स्रोत भंडार
    • जीवन स्वेच्छा से वरण करते है (Kahani)
    • मूर्ति पूजा का औचित्य
    • मनुष्य में अलौकिक क्षमतायें भरी पड़ी हैं।
    • Quotation
    • समाज सेवा में परमार्थ ही नहीं स्वार्थ भी सन्निहित है।
    • महानता के साथ अवरोध भी जुड़े हुए हैं
    • रुचि के अनुरूप ढाला है (Kahani)
    • Quotation
    • आनुवांशिकी प्रगति में आत्मबल का प्रयोग करना होगा
    • नोबेल पुरस्कार विजेता (Kahani)
    • भीड़ का नहीं- न्याय का राज्य चले
    • पं. मोती लाल नेहरू (Kahani)
    • संगठन और सहयोग पर सृष्टि-व्यवस्था टिकी है।
    • टामस कूपर (Kahani)
    • हम आत्म गरिमा का अनुभव करे और किसी से न डरें
    • क्या हम जीवित है? क्या हम जीवितों जैसे काम करते है?
    • पादरी आशीर्वाद देना भूल गया (Kahani)
    • जिन्दगी जीनी हो तो इस तरह जिये
    • विवाद उठ खड़ा हुआ (Kahani)
    • संगीत शब्द ब्रह्म की स्वर साधना
    • भजन में लीन हुआ मन (Kahani)
    • दीर्घायु और सरस जीवन की पगडंडी
    • वाणी सोच समझकर और विचार पूर्वक बोलें
    • Quotation
    • अब्राहमलिंकन दैनिक कार्यों से (Kahani)
    • स्वाध्याय और मनन मानसिक परिष्कार के दो साधन
    • कानून न्याय की आत्मा का हनन न करने पाये
    • Quotation
    • बरगद का विशाल वृक्ष (Kahani)
    • प्रत्यक्षवादी मान्यताएँ भी सर्वथा सत्य कहाँ है?
    • श्री गोपालचन्द्र घोष (Kahani)
    • धर्म को दिमागी बीमारी बताने वाली भ्रान्त मनोवृत्ति
    • Quotation
    • वृद्ध माता-पिता यह करुण विलाप करते पाये जाते हैं (Kahani)
    • Quotation
    • मंत्रों की सफलता वाक् पर निर्भर है।
    • अपनों से अपनी बात
    • गुरु और शिष्य (Kahani)
    • तरने वाले कहाँ है?
    • तरने वाले कहाँ है? (Kahani)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1973 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
SCAN TEXT


Quotation

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 2 4 Last
विवेकहीन उत्साह तूफान से घिरे जहाज की तरह है जिसके डूबने की आशंका हर क्षण बसी रहेगी।

First 2 4 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • अनुशासन सीखिये
  • भावनाएँ भक्तिमार्ग में नियोजित की जायें
  • Quotation
  • उच्चस्तरीय अध्यात्म साधना के तीन चरण
  • अपनी आत्मा सर्वत्र बिखरी पड़ी हैं।
  • महात्मा गाँधी तब वर्धा में थे (Kahani)
  • मनुष्य की तेजस्विता का अंतर्निहित स्रोत भंडार
  • जीवन स्वेच्छा से वरण करते है (Kahani)
  • मूर्ति पूजा का औचित्य
  • मनुष्य में अलौकिक क्षमतायें भरी पड़ी हैं।
  • Quotation
  • समाज सेवा में परमार्थ ही नहीं स्वार्थ भी सन्निहित है।
  • महानता के साथ अवरोध भी जुड़े हुए हैं
  • रुचि के अनुरूप ढाला है (Kahani)
  • Quotation
  • आनुवांशिकी प्रगति में आत्मबल का प्रयोग करना होगा
  • नोबेल पुरस्कार विजेता (Kahani)
  • भीड़ का नहीं- न्याय का राज्य चले
  • पं. मोती लाल नेहरू (Kahani)
  • संगठन और सहयोग पर सृष्टि-व्यवस्था टिकी है।
  • टामस कूपर (Kahani)
  • हम आत्म गरिमा का अनुभव करे और किसी से न डरें
  • क्या हम जीवित है? क्या हम जीवितों जैसे काम करते है?
  • पादरी आशीर्वाद देना भूल गया (Kahani)
  • जिन्दगी जीनी हो तो इस तरह जिये
  • विवाद उठ खड़ा हुआ (Kahani)
  • संगीत शब्द ब्रह्म की स्वर साधना
  • भजन में लीन हुआ मन (Kahani)
  • दीर्घायु और सरस जीवन की पगडंडी
  • वाणी सोच समझकर और विचार पूर्वक बोलें
  • Quotation
  • अब्राहमलिंकन दैनिक कार्यों से (Kahani)
  • स्वाध्याय और मनन मानसिक परिष्कार के दो साधन
  • कानून न्याय की आत्मा का हनन न करने पाये
  • Quotation
  • बरगद का विशाल वृक्ष (Kahani)
  • प्रत्यक्षवादी मान्यताएँ भी सर्वथा सत्य कहाँ है?
  • श्री गोपालचन्द्र घोष (Kahani)
  • धर्म को दिमागी बीमारी बताने वाली भ्रान्त मनोवृत्ति
  • Quotation
  • वृद्ध माता-पिता यह करुण विलाप करते पाये जाते हैं (Kahani)
  • Quotation
  • मंत्रों की सफलता वाक् पर निर्भर है।
  • अपनों से अपनी बात
  • गुरु और शिष्य (Kahani)
  • तरने वाले कहाँ है?
  • तरने वाले कहाँ है? (Kahani)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj