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    • अवरोधों से जूझने में मनुष्य पूर्णतया समर्थ है।
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    • प्रसिद्ध चिकित्सक (kahani)
    • आनन्दित रहने के पर्याप्त कारण हमारे सामने मौजूद हैं।
    • सज्जनता और शालीनता की विजय यात्रा
    • आध्यात्मिकता का स्वरूप प्रयोजन फलितार्थ
    • मृत्यु से क्यों तो डरें और क्यों घबराये?
    • Quotation
    • बुढ़ापा प्रगति में बाधक नहीं होता
    • हिंसा के आतंक पर स्नेह-सौजन्य की विजय
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    • नेता नहीं सृजेता चाहिये
    • हम बिच्छू की तरह अपनी मातृसत्ता को समाप्त न करें
    • हमारी प्रगति का अन्त महामरण में होगा
    • असमर्थता प्रकट करते हुए (kahani)
    • आकाश की तरह हमारी चेतना की उच्च परतें
    • मनुष्य शरीर की चमत्कारी विद्युत शक्ति
    • हल्कापन ही ऊँचाई और गहराई तक ले पहुँचता है.....
    • Quotation
    • अभ्यास किया जाय तो हवा में उड़ा जा सकता है।
    • गुरु कुल के दो छात्र (kahani)
    • अपनों से अपनी बात
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“तू किसी को मत मार, तू मेरे समीप पवित्र मनुष्य हो कर रह। जंगलों के प्राणियों का वध करके उन का माँस मत खा।” -ईसा

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