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Magazine - Year 1980 - Version 2

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ईसाई धर्म साहित्य में भावी संकट के संकेत

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संसार में आसन्न विपत्तियों ओर संकटो की जब भी चर्चा है तो उसमें विख्यात दिव्यदर्शियों की भविष्यवाणी के साथ बाईबिल की पुरानी संहिता (ओल्ड टेस्टामेंट) का उल्लेख प्रमुख रुप से किया जाता है बाइबिल का यह भ्ज्ञाग ईसा से भी पहले रचा गया था और इसमें ईसा के जन्म से लेकर अब तक की घटनाओँ का सविस्तार उल्लेख मिलता है।

बाइबिल की यह भविष्यवाणियाँ ‘सात समय’ अथवा ‘सेवन टाइम्स’ के नाम से जानी जाती है। इन्हे लेकर कई पुस्तकें लिखी गई, इनकी विवेचनाओँ के लिए सैकड़ो विद्वानों ने अपना समय और श्रम खपाया है। बाइबिल की यह भविरुवाणियाँ ‘डेनियल तथा रिवेलेशन’ अध्यायों में दी गई है। यद्यपि इन सबकी भाषा काफी गूढ है और इन्हे मुख्यतः रुपक शैली में ही लिखा गया है। इन भविष्यवाणियों में कहा गया है जब यह सात समय का जमाना आएगा और नये युग की शुरुआत होगी, उस समय तमाम दुनिया में लडाई-झगड़े फैल जाएगे और प्रकृति इतनी क्रुद्ध हो उठेगी कि उसके कारण बड़ी संख्या में लोग मरने लगेंगे। बाईबिल के “मैथ्यू” अध्याय 24 में इस समय की विभीषिकाओं का चित्रण इन शब्दो में किया गया है, उस वक्त चारो तरफ लडाइयाँ होने लगेंगी और लड़ाई की अफवाहे सुनाई देने लगेंगी। एक मुल्क दूसरे मुल्क के लिखलाफ खड़ा होगा और एक सल्तनत दूसरी सल्तनत के। उस समय अकाल पड़ेगे, महामारी फैलेगी ओर जगह-जगह भूकम्प आऐंगे। यह हालत तो शुरु में होगी और इसके बाद इससे कही ज्यादा कष्ट भोगने पड़ेंगे।

बाइबिल के ‘रिवेलेशन’ अध्याय में महात्मा जान की निम्नलिखित भविष्यवाणियाँ उल्लेखनीय है- जब उसने दूसरी मुहर को तोड़ा तो उसमें से दूसरा जानकर निकला। यह लाल रंग का घोडा था। जो उस पर बैठा था, उसे इस बात की शक्ति दी गई थी कि संसार की शान्ति को भंग कर दे और युद्ध आरम्भ करा दे। उस सवार के हाथ में एक बहुत बड़ी तलवार दी गई थी। (रिवेलेशन अ॰ 6)

लाल रंग का आशय युद्ध से लगाया गया है। यद्यपि इन दिनों प्रकट तौरपन किन्ही देशो में युद्ध नहीं चला रहा, परन्तु इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि विभिन्न देशों में जो आपसी तनातनी, गुटबन्दी ओर गीत युद्ध की-सी स्थिति बनी हुई है, वह कभी भी युद्ध विस्फोट कर सकती है। कब किस बात को लेकर कौन-सा देश युद्ध की घोषणा कर देगा ? इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।

बाइबिल के रिवेलेशन ‘अध्याय छह’ में कहा है-’जब उसने तीसरी मुहर को तोड़ा तो उसमें से तीसरा जानवर निकला। वह एक कोले रंग का घोड़ा था और उसके ऊपर बैठे हुए सवार के हाथ में एक तराजू दी गई थी। मैंने यह आवाज सुनी कि एक सिक्के का एक पैमाना गेहूँ मिलेगा और तीन पैमाने जो का दाम एक सिक्का होगा।

यों मँहगाई और वस्तुओं का अभाव तो पिछले कई वर्षो से चला आ रहा है। किन्तु इन दिनों वस्तुओं के मूल्य जिस तेजी से बढ़ रहे है। उसे वृद्धि ने निश्चित ही अब तक हुए मूल्यों की वृद्धि के हिंसक है। मूल्य वृद्धि का एक कारण वस्तुओं का अभाव भी है। जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती जाएगी वैसे-वैसे अन्न संकट ओर भयंकर होता जायेगा।

बाइबिल ‘लैमेनटेशन’ नामक पुस्तक में इसका वर्णन करते हुए लिखा है-लोगों के चेहरे कोयले की तरह काले हो जाएँगे। वे गलियों में मारे-मारे फिरेंगे। जो लोग तलवार से मारे जाते है वे उन भूख से मरने वालों की अपेक्षा सुख में रहेंगे।

अकाल के अतिरिक्त विनाश की परिस्थितियाँ उत्पन्न करने वाले दूसरे कारणों की ओर संकेत करते हुए रिवेलेशन अध्याय 6 में लिखा गया है-”जब उसने चौथी मोहर को तोड़ा तो उसमें से चौथा जानवर निकला। वह एक पीले रंग का घोड़ा था। उस पर मृत्यु का देवता बैठा था इस देवता को इस बात की ताकत दी गई थी कि वह पृथ्वी के चौथाई भाग में तलवार, प्लेग, अकाल और जंगली जानवरो आदि के द्वारा मनुष्यों का नाश करे।

“जब उसने छठी मोहर को तोड़ा तो मैने एक भयंकर भूकम्प देखा। उस समय सूय काले कपड़े की तरह लाल पड़ गया। आसमान के तारे इस तरह टूटने लगे जिस प्रकार किसी पेड़ को हिलाने से पके फल गिरने लगते है। हर एक पहाड़ और टापू हटने लगा। राजा बादशाह से लेकर गरीब आदमी तक ईश्वर के इस भयंकर कोप से घबड़ाकर पहाडो की गुफाओ ओर चट्टानो में जा छुपे।”

बाइबिल में उल्लेख आता है कि यह वृतान्त लिखते हुए वह स्वयं चौंक पडत्रे और अपने आप से पूछ बैठे ‘हाऊ लाँग शैल इट वी टू द एण्ड आफ दीज वर्न्डस’ अर्थात् ‘ये आर्श्चयजन बाते कितने समय बाद दिखाई पड़ सकें।’

तब एक देवदूत प्रकट होता है और डेनियल को बताता है जब पवित्र जाति वालों का अर्थात् सदाचारी सर्त्कम परायण लोगों का ह्नास होने लगेगा तब ये सब घटनाएँ सही सिद्ध होंगी।” डैनियल ने कहा-मैं आपकी बात सुन रहा हूँ पर मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है। कृपया कर बताइए कि संसार का अन्तिम परिणाम क्या होगा और मनुष्य जाति को आगे चलकर क्या-क्या सहना पड़ेगा ?”

उस समय डैनियल को चुप रहने के लिए कहते हुए देवदूत ने कहा-हे डैनियल! तुम अपने रास्ते पर चलते चले जाओं, क्योंकि भविष्यवाणी के शब्दो का अर्थ गुप्त रखा गया है और उस पर मुहर लगा दी गई है। तब तक के लिए जबकि इस समय का अन्तर आ जाए। जो बुद्धिमान होंगे वे अन्तिम दिनो इसका अर्थ समझ सकेंगे।

सन् 1864 में डाँ. गाँमीग तथा 66 में जेम्स ग्राण्ट ने इस भविष्यवाणियों का अर्थ निकाला और यहूदियों को उनके पुनर्वास का समय आखिरी समय बताया। स्मरणीय है इस शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक यहूदियों के मूल निवास स्थान पर दूसरे देशों का अधिकार था। फ्लेस्टाइन पर तुर्की का राज्य था। सन् 1648 में उन्हे फ्लेस्टाइन में फिर से बसाया गया तथा इजराइल संसार के नक्शे पर एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रुप में उभरा।

प्रसिद्ध पुरातत्व वेत्ता और यहूदियों की प्राचीन भाषा के विद्वान् डाँ. विलियन अलब्राइटने इस घटना का सर्न्दभ बाइबिल की भविष्यवाणियों से जोडते हुए लिखा है कि अब तक सभी भविष्य कथन सही सिद्ध होते आए है। इसमें तुर्की का पतन, हिटलर का उदय, तानाशाही शासको का वर्चस्त्र आदि कई भविष्यवाणियाँ है जो सात समय बीत जाने का लक्षण बताई गई है।

ट्रम्पेट्स या बिगुलों से आशय युद्ध के उद्घोषो का निकाला गया है। इन दिनों जिस तरह के शास्त्रीय और युद्ध में काम आने वाले उपकरण खोज निकाले गए है, उनमें से ज्ञात शस्त्रास्त्रों की ही सहारक क्षमता पढ़-सुनकर ही रोमाँच ही उठता है। स्मरणीय है कि युद्ध वान के क्षेत्र में तिनी भी खोजें ही रही है। उनमें से नब्बे प्रतिशत गोपनीय रखी जाती है। जो कुछ जानकारियाँ सामने आती है, वे भी दूसरे देशों द्वारा की गई गुप्तचरी के परिणामस्वरुप प्रका में आती है। अन्यथा अधिकाँश तो गुप्त ही रहती है। फिर भी जितनी जानकारियाँ प्रकाश में आई है, उससे उपरोक्त विभीषिकाओं का शब्दशः चित्र प्रस्तुत होता है।

उपरोक्त भविष्यवाणियों के समय निर्धारण के सम्बन्ध में जेम्स ग्राण्ट ने लिखा है कि बाइबिल में उल्लेखित सात समय का अर्थ 1510 वर्ष बताया है अर्थात एक समय को 360 वर्ष का माना है स्मरणीय है ये भविष्यवाणियाँ ईसा से करीब 500-600 वर्ष पूर्व की गई थी। जेम्स ग्राण्ट ने हिसाब लगाकर बताया है यह भविष्यवाणियाँ 1680 के आसपास वाले समय से सम्बन्ध रखती है। प्रख्यात ज्योतिषी काउण्ड लुईस हैमन ने भी यही वह समय बताया है, जब रोग बीमारियों तथा युद्धों के कारण मनुष्य जाति बुरी तरह वस्त्र अर्थात् विनाश की चरम सीमा पर पहुँचेगी।

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