• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • अगले दिनों अखण्ड ज्योति की पाठ्य सामग्री!
    • आतंक में स्थिरता कहाँ है?
    • सद्वाक्य
    • उत्कृष्टता का अभिनव उद्भव
    • सद्वाक्य
    • जिसने कारावास को साधनास्थली बनाया
    • सद्वाक्य
    • विज्ञान की समग्रता जीवन मूल्यों के साथ जुड़कर ही
    • माया महाठगिनी
    • बेसहारों का मसीहा
    • समर्पित साधिका
    • मानवी पुरुषार्थ का पूरक— अध्यात्मबल
    • विचारशीलता का परिमार्जन
    • सद्विचार
    • मनीषी की सेवा-साधना
    • अपना देश बनेगा सारी दुनिया का सरताज
    • मरण के बाद भी है एक विलक्षण दुनिया
    • प्रतिकूल मौसम से भी मोर्चा लीजिए
    • कहानी & सद्विचार
    • संपदा का उपभोग नहीं, उपयोग
    • संकल्प जो फलीभूत हुआ
    • सदुक्ति
    • विचारणीय— मननीय
    • अखण्ड ज्योति सदस्यों का निजी परिचय
    • निम्नलिखित दो उत्तरों को विस्तार से लिख दें
    • दैवी सत्ता द्वारा अदृश्य सहायता
    • अपराधबोध— सच्चा पश्चात्ताप (कहानी)
    • प्रगतिशील अध्यात्म ही युगानुकूल
    • सद्विचार
    • अंतरंग को स्वस्थ व निर्मल बनाएँ
    • आत्मविश्वास— एक जीवन मूरि
    • स्वप्न दिखते क्यों हैं?
    • प्रार्थना की प्रचंड शक्ति
    • परंपराएँ कभी शाश्वत नहीं होती
    • प्रकृति और मानव परस्पर अन्योन्याश्रित
    • अभिनेता नहीं, युग सृजेता बनें
    • कहानी
    • परस्पर जुड़े हैं, जुड़े ही रहें!
    • सदुक्ति
    • विश्व एकता की दिशा में एक अकिंचन प्रयास
    • मधु-संचय
    • मधु संचय— करुणा-प्रवाह (kavita)
    • जागरण गान (कविता)
    • प्यार भरा संसार (कविता)
    • जीवन तुम्हीं से भगवन (कविता)
    • स्वच्छता, सुगढ़ता के पक्षधर— जीव-जंतु
    • हिमाकत क्यों करता (कहानी)
    • महानता का प्रगति-पथ
    • नवयुग महर्षि अरविंद की दृष्टि में
    • नवयुग का मत्स्यावतार
    • अधिक घनिष्ठता और निकटता की आवश्यकता
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • अगले दिनों अखण्ड ज्योति की पाठ्य सामग्री!
    • आतंक में स्थिरता कहाँ है?
    • सद्वाक्य
    • उत्कृष्टता का अभिनव उद्भव
    • सद्वाक्य
    • जिसने कारावास को साधनास्थली बनाया
    • सद्वाक्य
    • विज्ञान की समग्रता जीवन मूल्यों के साथ जुड़कर ही
    • माया महाठगिनी
    • बेसहारों का मसीहा
    • समर्पित साधिका
    • मानवी पुरुषार्थ का पूरक— अध्यात्मबल
    • विचारशीलता का परिमार्जन
    • सद्विचार
    • मनीषी की सेवा-साधना
    • अपना देश बनेगा सारी दुनिया का सरताज
    • मरण के बाद भी है एक विलक्षण दुनिया
    • प्रतिकूल मौसम से भी मोर्चा लीजिए
    • कहानी & सद्विचार
    • संपदा का उपभोग नहीं, उपयोग
    • संकल्प जो फलीभूत हुआ
    • सदुक्ति
    • विचारणीय— मननीय
    • अखण्ड ज्योति सदस्यों का निजी परिचय
    • निम्नलिखित दो उत्तरों को विस्तार से लिख दें
    • दैवी सत्ता द्वारा अदृश्य सहायता
    • अपराधबोध— सच्चा पश्चात्ताप (कहानी)
    • प्रगतिशील अध्यात्म ही युगानुकूल
    • सद्विचार
    • अंतरंग को स्वस्थ व निर्मल बनाएँ
    • आत्मविश्वास— एक जीवन मूरि
    • स्वप्न दिखते क्यों हैं?
    • प्रार्थना की प्रचंड शक्ति
    • परंपराएँ कभी शाश्वत नहीं होती
    • प्रकृति और मानव परस्पर अन्योन्याश्रित
    • अभिनेता नहीं, युग सृजेता बनें
    • कहानी
    • परस्पर जुड़े हैं, जुड़े ही रहें!
    • सदुक्ति
    • विश्व एकता की दिशा में एक अकिंचन प्रयास
    • मधु-संचय
    • मधु संचय— करुणा-प्रवाह (kavita)
    • जागरण गान (कविता)
    • प्यार भरा संसार (कविता)
    • जीवन तुम्हीं से भगवन (कविता)
    • स्वच्छता, सुगढ़ता के पक्षधर— जीव-जंतु
    • हिमाकत क्यों करता (कहानी)
    • महानता का प्रगति-पथ
    • नवयुग महर्षि अरविंद की दृष्टि में
    • नवयुग का मत्स्यावतार
    • अधिक घनिष्ठता और निकटता की आवश्यकता
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1989 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


अधिक घनिष्ठता और निकटता की आवश्यकता

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 51 53 Last
अखण्ड ज्योति और उसके परिजनों के बीच मात्र लेखन-वाचन के संबंध नहीं है। उनके बीच ऐसी घनिष्ठता भी विकसित होती रही है जिसके आधार पर संबद्ध घटकों का स्तर निरन्तर ऊँचा उठता रहे और उनके संयुक्त प्रयत्नों से धरती पर स्वर्ग के अवतरण का सुनहरा स्वप्न प्रभातकालीन अरुणोदय की तरह दृश्यमान हो सके।

इस घनिष्ठता को अभी ओर प्रगाढ़ होना चाहिए। आदान-प्रदान का उपक्रम मात्र लेखन-पाठन तक न सीमित रहकर इस रूप में चल पड़ना चाहिए जिससे न केवल दो पक्ष कृतकृत्य हो सकें वरन् उस सघनता का स्वरूप नवजागरण के नव सृजन के रूप में दृष्टिगोचर होने लगे।

इस संभावना को मूर्तिमान बनाने के लिए नए सूत्रों का निर्धारण किया गया है, जिसमें एक है-मिशन के साथ उसके सदस्यों का पारिवारिक स्तर पर जुड़ना। इसके लिए मिलन, संपर्क और पत्र व्यवहार-भाव संप्रेषण का नया आधार इन्हीं दिनों खड़ा किया जा रहा है।

अखण्ड ज्योति परिजनों का (1) पारिवारिक परिचय (2) पत्र व्यवहार का पता, ग्राहक नम्बर सहित (3) जन्म दिन की तारीख और समय (4) संभव हो तो पासपोर्ट साइज का फोटो यह जानकारियाँ माँगी गई है। इनके आधार पर उनके विषय की एक फाइल बन जाएगी और ऐसे अनुदान एवं प्रकाश कण प्रेषित करने का प्रयत्न शाँतिकुँज हरिद्वार से चलता रहेगा, जिनके आधार पर परिजनों की भौतिक एवं आत्मिक क्षेत्रों की प्रगति का नया सिलसिला चल पड़ें।

मिलन के संदर्भ में परिजनों को युग संधि के विशेष वर्षों में हर वर्ष न सही तो दो वर्ष में एक बार हरिद्वार पहुँचने एवं पाँच दिन का एक छोटा साधना सत्र सम्पन्न करते रहने का प्रयत्न करना चाहिए। यदि वे न आ सकें तो शाँतिकुँज के प्रतिनिधियों की टोलियाँ ऐसे स्थानों पर भेजते रहने का प्रयत्न किया जायगा, जहाँ अधिक परिजन एक स्थान पर बैठकर एक पारिवारिक गोष्ठी स्तर का छोटा मिलन समारोह कर सकें। यह जीवन-प्राण चेतना का मिलन उपक्रम हुआ। इसकी आवश्यकता इसलिये पड़ती है कि अखण्ड ज्योति के पन्नों पर छपे प्रतिपादन मात्र विचार क्षेत्र को ही एक सीमा तक प्रभावित कर सकते है। वह कमी बनी ही रहती है, जो प्राण चेतना के निकटवर्ती होने पर एक नवीन चेतना का पारस्परिक प्रत्यावर्तन संभव दिखाती है जो दूर संचार की तरह छपे कागजों द्वारा एक सीमा तक ही बन पड़ता है।

पोथी पत्री से भी सामान्य कार्य ही किसी प्रकार निपटाये जा सकते है। वे प्रयोजन पूरे नहीं हो पाते जिनके लिए आत्मा से मिलने के लिए आकुल-व्याकुल रहती है। पति पत्नी, माता-पुत्र आदि दूर देशों में रहें तो पत्र व्यवहार से वह मिलन उपक्रम पूरा नहीं हो सकता। विवाह, शादियों, मरण संवेदनाओं के अवसर पर दौड़ कर संबंधियों से मिलने की आवश्यकता पड़ती है। यह कर्म यों तो चिन्ह पूजा की तरह पोस्ट कार्ड लिखकर भी पूरा किया जा सकता है, पर वह आवश्यकता कहाँ पूरी होती है जो सान्निध्य, संपर्क और भावनात्मक आदान-प्रदान की आवश्यकता पूरी हुए बिना चैन नहीं लेने देती।

विचारों के आदान प्रदान का अपना महत्व है पर मात्र इतने भर से ही वह सब कुछ संभव नहीं हो जाता। रेडियो, टेलीविजन में हम बहुत कुछ सुन-समझ पाते हैं फिर भी वह प्रयोजन पूरा नहीं हो पाता जो नारद मुनि के प्रत्यक्ष परामर्श और सान्निध्य से अनेकों ने असाधारण स्तर का साहस एवं परिवर्तन अपने में पाकर स्वयं को कृतकृत्य अनुभव किया था।

अखण्ड ज्योति परिजनों और शान्तिकुँज के ऊर्जा-उद्गम के साथ अधिक घनिष्ट, अधिक प्रत्यक्ष और अधिक प्राणवान आदान प्रदान चल पड़े इसके लिए इन्हीं दिनों विशेष रूप से नया ताना बाना बुना जा रहा है। परिजन उसके लिए पूरी तरह सन्नद्ध और कटिबद्ध हो।

*समाप्त*

First 51 53 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • अगले दिनों अखण्ड ज्योति की पाठ्य सामग्री!
  • आतंक में स्थिरता कहाँ है?
  • सद्वाक्य
  • उत्कृष्टता का अभिनव उद्भव
  • सद्वाक्य
  • जिसने कारावास को साधनास्थली बनाया
  • सद्वाक्य
  • विज्ञान की समग्रता जीवन मूल्यों के साथ जुड़कर ही
  • माया महाठगिनी
  • बेसहारों का मसीहा
  • समर्पित साधिका
  • मानवी पुरुषार्थ का पूरक— अध्यात्मबल
  • विचारशीलता का परिमार्जन
  • सद्विचार
  • मनीषी की सेवा-साधना
  • अपना देश बनेगा सारी दुनिया का सरताज
  • मरण के बाद भी है एक विलक्षण दुनिया
  • प्रतिकूल मौसम से भी मोर्चा लीजिए
  • कहानी & सद्विचार
  • संपदा का उपभोग नहीं, उपयोग
  • संकल्प जो फलीभूत हुआ
  • सदुक्ति
  • विचारणीय— मननीय
  • अखण्ड ज्योति सदस्यों का निजी परिचय
  • निम्नलिखित दो उत्तरों को विस्तार से लिख दें
  • दैवी सत्ता द्वारा अदृश्य सहायता
  • अपराधबोध— सच्चा पश्चात्ताप (कहानी)
  • प्रगतिशील अध्यात्म ही युगानुकूल
  • सद्विचार
  • अंतरंग को स्वस्थ व निर्मल बनाएँ
  • आत्मविश्वास— एक जीवन मूरि
  • स्वप्न दिखते क्यों हैं?
  • प्रार्थना की प्रचंड शक्ति
  • परंपराएँ कभी शाश्वत नहीं होती
  • प्रकृति और मानव परस्पर अन्योन्याश्रित
  • अभिनेता नहीं, युग सृजेता बनें
  • कहानी
  • परस्पर जुड़े हैं, जुड़े ही रहें!
  • सदुक्ति
  • विश्व एकता की दिशा में एक अकिंचन प्रयास
  • मधु-संचय
  • मधु संचय— करुणा-प्रवाह (kavita)
  • जागरण गान (कविता)
  • प्यार भरा संसार (कविता)
  • जीवन तुम्हीं से भगवन (कविता)
  • स्वच्छता, सुगढ़ता के पक्षधर— जीव-जंतु
  • हिमाकत क्यों करता (कहानी)
  • महानता का प्रगति-पथ
  • नवयुग महर्षि अरविंद की दृष्टि में
  • नवयुग का मत्स्यावतार
  • अधिक घनिष्ठता और निकटता की आवश्यकता
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj