• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • युगपरिवर्तन का वासन्ती प्रवाह
    • महेश्वर महाकाल का संकल्प पूरा होकर ही रहेगा।
    • कालोडस्मि लोकक्षयकृत्पृद्वो
    • युगपरिवर्तन का अर्थ
    • सुनें महापरिवर्तन की इस आहट को
    • वैज्ञानिक क्रान्ति, जिसने किया विश्व का एकीकरण
    • संभवामि युगे युगे
    • उथल-पुथल के इस दौर में आर्थिक नेतृत्व भी भारत की करेगा
    • Quotation
    • पतंजलि (Kahani)
    • दैवी चेतना पर्यावरण-संकट का भी समाधान करेगी।
    • इक्कीसवीं सदी की चिकित्सा-पद्धति होगी-आयुर्वेद
    • Quotation
    • सुभाषचन्द्र बोस (Kahani)
    • राजनैतिक परिदृश्य पर दिखाई देते परिवर्तन के संकेत
    • आपने तो मेरी आँखें खोल दीं (Kahani)
    • ‘विचारक्रान्ति’ परिवर्तन की वेला में एक नये दर्शन का प्रवर्तन
    • Quotation
    • सूक्ष्म अन्तरिक्षीय हलचलें भी - युगपरिवर्तन का ही संकेत देती है।
    • युग के अवतार का आगमन
    • इस बदलती फिजों में नारी की भूमिका
    • युगपरिवर्तन के तीन सोपान-आत्म, परिवार एवं समाजनिर्माण
    • बीसवीं सदी का सफरनामा
    • यह हरि की लीला टारी नाँहि टरै
    • परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - गायत्री महाविद्या एवं उसकी साधना
    • इस संधिवेला में अपनायी जाने वाली विशिष्ट साधनाएँ
    • अपनों से अपनी बात- - युगपरिवर्तन की अन्तिम घड़ी आ पहुँची, अब तो सँभलें
    • VigyapanSuchana
    • युग द्रष्टा के जीवन-दर्शन के साथ अब वाङ्मय समग्र रूप में उपलब्ध
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • युगपरिवर्तन का वासन्ती प्रवाह
    • महेश्वर महाकाल का संकल्प पूरा होकर ही रहेगा।
    • कालोडस्मि लोकक्षयकृत्पृद्वो
    • युगपरिवर्तन का अर्थ
    • सुनें महापरिवर्तन की इस आहट को
    • वैज्ञानिक क्रान्ति, जिसने किया विश्व का एकीकरण
    • संभवामि युगे युगे
    • उथल-पुथल के इस दौर में आर्थिक नेतृत्व भी भारत की करेगा
    • Quotation
    • पतंजलि (Kahani)
    • दैवी चेतना पर्यावरण-संकट का भी समाधान करेगी।
    • इक्कीसवीं सदी की चिकित्सा-पद्धति होगी-आयुर्वेद
    • Quotation
    • सुभाषचन्द्र बोस (Kahani)
    • राजनैतिक परिदृश्य पर दिखाई देते परिवर्तन के संकेत
    • आपने तो मेरी आँखें खोल दीं (Kahani)
    • ‘विचारक्रान्ति’ परिवर्तन की वेला में एक नये दर्शन का प्रवर्तन
    • Quotation
    • सूक्ष्म अन्तरिक्षीय हलचलें भी - युगपरिवर्तन का ही संकेत देती है।
    • युग के अवतार का आगमन
    • इस बदलती फिजों में नारी की भूमिका
    • युगपरिवर्तन के तीन सोपान-आत्म, परिवार एवं समाजनिर्माण
    • बीसवीं सदी का सफरनामा
    • यह हरि की लीला टारी नाँहि टरै
    • परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - गायत्री महाविद्या एवं उसकी साधना
    • इस संधिवेला में अपनायी जाने वाली विशिष्ट साधनाएँ
    • अपनों से अपनी बात- - युगपरिवर्तन की अन्तिम घड़ी आ पहुँची, अब तो सँभलें
    • VigyapanSuchana
    • युग द्रष्टा के जीवन-दर्शन के साथ अब वाङ्मय समग्र रूप में उपलब्ध
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 1998 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
SCAN TEXT


वैज्ञानिक क्रान्ति, जिसने किया विश्व का एकीकरण

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 5 7 Last
विगत दो सौ वर्षों से विश्व वसुधा एक क्रान्तिकारी नवसृजन की प्रक्रिया से गुजर रही है। इस पूरी अवधि जब हम दृष्टिपात करते हैं, तो एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आता है। कि इस अवधि में विज्ञान ने प्रगति के चरम शिखर पर पहुँचने की जो द्रुतगामी यात्रा की है, वह किसी ओर क्षेत्र में हमें दिखाई नहीं पड़ती। वैज्ञानिक क्रान्ति ने चाहे वह भौतिकी के क्षेत्र में हो, अंतरिक्ष-विज्ञान, रसायनशास्त्र सारे विज्ञान अथवा चिकित्साशास्त्र, सारे विश्व को एक ‘ग्लोबल विपेज’ के रूप में एक ही छाते के नीचे लाकर खड़ा कर दिया है। उन्नीसवीं सदी के प्रारंभिक वर्ष यद्यपि विज्ञान के आविष्कारों की दृष्टि से शैशवकाल के माने जाते है। फिर भी इतिहास साक्षी है कि आज तो आधुनिकतम विकास, किंतु साथ-साथ एक बेचैनी से भरी गतिशीलता हमें चारों ओर दिखाई देती है, उसका बीजारोपण तब हो चुका है। उस समय का मानव कदाचित लौट आए व आज के विकसित युग को देखे तो शायद ही उसे विश्वास ही कि मानवी पुरुषार्थ के बलबूते यह सब मात्र दो सौ वर्षों में सम्भव हो गया है। भारतवासी वेदों की वैज्ञानिकता में गहरी श्रद्धा रखने वाली देव-संततियों को तो अविश्वास नहीं होता क्योंकि वे अपोरुपेष्य वेदवाणी से लेकर नागार्जुन, चत्क, सुश्रुत, कणद, पतंजलि आदि ऋषिगणों के माध्यम से इस वैज्ञानिक प्रगति से भली-भाँति परिचित है। फिर भी प्रकाश की गति से भी तीव्रगति से जो कुछ भी विगत दो सौ वर्षों में इस क्षेत्र में हुआ है, यह विस्मयकारी है, युगपरिवर्तन को इंगित करने वाला प्रतीत होता हैं

विज्ञान जा आधुनिक स्थिति में हमें खड़ा दिखाई पड़ता है, उसका अद्यतन इतिहास योँ तो काफी पुराना है, किन्तु चूँकि युगपरिवर्तन की इस वेला में हम इस क्षेत्र की विगत दो सौ वर्षों की उपलब्धियों के एक सफरनामे की चर्चा कर रहे है तो उस पर एक दृष्टि डाल कर देखें कि कब-कब किस क्षेत्र में विगत दो सौ वर्षों में विज्ञान जगत के महारथियों ने क्या-क्या उपलब्धियाँ अर्जित की। एक पर्यवेक्षण से पाठकों को अनुमान लगाने में आसानी मिलेंगी कि आज इंटरनेट पर जब हम रोजमर्रा के सामान की खरीदी की बात कर रहे हैं, एक-दूसरे की जानकारियों का आदान-प्रदान कुछ ही सेकेण्डों में कर लेते हैं, तब विज्ञान की स्थिति क्या थी, कैसे-कैसे वह अधुनातन स्थिति में पहुँचता चला गया है?

सन् 1800 से 1900 के बीच की अवधि में विज्ञान की कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ संक्षेप में इस प्रकार हैं-

(1) सर विललियम इर्शेल द्वारा सन् 1800 में इन्फ्रारेड किरणों की खोज हुई।

(2) एलेसेण्ड्रा वोल्टा द्वारा सन् 1800 में विद्युत सेल का निर्माण किया गया।

(3) रिचर्ड ट्रेविथिक द्वारा 1904 में प्रथम रेलवे इंजिन का निर्माण हुआ, किन्तु पहली रेल के संचालन का यह श्रेय जॉर्ज स्टीवेन्सन एवं उनके बेटे रॉबर्ट को जाता है। जिनने 1824 में 10 मील लम्बी स्टाँकटन-डालिगटन (ब्रिटेन) रेलवे लाइन पर पहली बार तथा लिवरपुल-मैनचेस्टर रेलवे लाइन पर जो 40 मी लम्बी थी, इसे 1830 (15 सितम्बर) में चलाया। भाप से चलने वाला पहला पवानी का जहाज, जिसने इंग्लैण्ड से अमेरिका की अटलांटिक समुद्र की दूरी को 14 दिन में पार किया ‘ग्रेट वैर्स्टन; नाम से था। इसे ब्रूनेल ने बनाया था।

(4) प्रर्किस्सन द्वारा अपने नाम पर शरीर की नसों का कम्पन रोग पर्किन्सन्स डीसिज नाम से 1917 में रखा गया तब से यह बीमारी इस ी नाम से जानी जाती है। एवं बुढ़ापे की अज कष्टकारी व्याधि है।

(5) चार्ल्स बैबेज द्वारा 1823 में कैलकुलेटिंग मशीनों (संगणकों) का निर्माण किया गया।

(6) जोसेफ नीप्से 1827 में पहली बार एक प्राकृतिक दृश्य का चित्राँकन कर ‘फोटोग्राफी’ प्रक्रिया का फोटोग्राफ खींचने के साथ ही यह विविधता स्थापित हो गयी।

(7) अंधों के पढ़ने के लिए ब्रेललिपि की खोज 1821 में लुई ब्रेल द्वारा की गयी। लेवी स्ट्राँफस द्वारा खदानों में काम करने वाले मजदूरों के लिए बनाए गए।

(8) 1831 में माइकलफैराडे द्वारा पहली विद्युत मोटर का निर्माण एवं व्यावहारिक स्तर पर डायनेमो का सफल प्रयोग सम्भव हुआ। विद्युत जगत की यह सर्वप्रथम क्रांति थी, जिसकी आज चरमतम स्थिति देखी जा सकती है।

(9) 1838 में ब्रिटेन में पहले इलेक्ट्रिक टेलीग्राफ सिस्टम का जन्म हुआ (बिहटस्टीन एवं कुक के द्वारा)। बाद में 1844 में सैमुअलोस्र की कोड पद्धति से संदेश भेजे जाने का क्रम आरम्भ हुआ।

(10) 1846 में पहली बार एनेस्थेसिया की औषधियों के सफल प्रयोग द्वारा डॉ. जॉन कालिन्स वाने के माध्यम से एक ऑपरेशन सम्भव को पाया डॉ. वारेन के इस आपरेशन में डॉ. विलियम माँर्टन एनेस्थेटिस्ट थे। इससे पूर्व अफीम खिलाकर या मरीज की आंखें बन्दकर दाँतों के बीच चमड़े का टुकड़ा रखकर, उसे भली-भांति बाँधकर अर्द्धनिद्रा की स्थिति में आपरेशन किए जाते है।

(11) 1846 में लुई पाश्चर ने बताया कि बीमारियाँ जीवाणुओं के कारण होती है।

(12) लोहे का बल्क उत्पादन करने की कला जो ‘बेसेमर प्राँसेस’ नाम से जानी जाती है।, 1856 में खोजी गयी।

(13) हेनरी ग्रे ने मुर्दों की चीर की एनोटॉमी 1853 में लिखी। आज भी यह एक प्रामाणिक ग्रंथ है एवं इसके एवं विवाद को जन्म दिया।

(14)1851 मेचार्ल्स डार्विन ने ‘ओरिजन ऑफ स्पेसीज’ के नाम से विकासवाद के नाप पर एक नये सिद्धांत एवं विवाद को जन्म दिया।

(15) 1854 में फ्लोरेंस नाइटिंगेल ‘नर्सिंग’ की जन्मदाता बनी।

(16) 1853 में ही जॉन लुस्ट्राम ने पहली माचिस (सेफ्टी मैच) की तीली से जलाने की प्रक्रिया की खोज की।

(17) ‘सिगर’ की सिलाई की मशीन का आविष्कार 1851 में हुआ।

(18) आज विश्वप्रसिद्धि प्राप्त हर किसी के द्वारा पहनने वाले गड़रियों के वस्त्र ‘जीन्स’ 1853 में पहली बार लेवीस्ट्रॉस द्वारा पहनने लेवीस्ट्राँस द्वारा खदानों काम करने वाले मजदूरों के लिए बनाए गए।

(19) जोसेफ लिस्टर 1865 में एण्टीसोष्टिक के क्षेत्र में नूतन अनुसंधान कर्त्ता के रूप में ख्यातिलब्ध हुए।

(20) 1861 में पहला रंगीन फोटोग्राफ खींच पाने में सफलता अर्जित की गयी है।

(21) मैण्डेल ने 1866 में अपनी जेनेटिक्स के सिद्धांतों का प्रथम प्रारूप सबके समझ रखा।

(22) 1863 में पहली धरती के नीचे की रेलवे (टूयूबेट्रेन) ब्रिटेन में आरम्भ हो गयी। यह लंदन में पहली बार बनकर एक नमूने उसके रूप में सबके समक्ष आयी।

(23) स्विट्जरलैंड में 1964 में रेडक्रॉस की स्थापना हुईं।

(24) स्वेज कैनाल 1869 में आरम्भ कर दी गयी। इसने अफ्रीका पार कर हिन्दमहासागर की यात्रा की अत्यधिक छोटा कर दिया।

(25) ग्रामे’ नामक एक बेल्जियन आविष्कर्ता द्वारा एक शक्तिमान जेनरेटर 1870 में तथा जोसेफ स्वाँन द्वारा 1878 में आर्कलाइट से अलग कार्बन फिलामेण्ट बल्ब का आविष्कार किया गया, जिसे थॉमस अल्वा एडीसन ने गया, जिसे थॉमस अल्वा, एडीसन ने 1880 में परिपूर्ण रूप देकर ‘लाइट बल्ब’ प्रतिवर्ष निकलने लगे थे।

(26) पहली विद्युत चालित रेल बर्लिन में 1871 में चलायी गयी।

(27) एलेक्जेण्डर ग्राहमबेल,रा 1876 में टेलीफोन का आविष्कार 11 वीं सदी की सबसे बड़ी देन है। 1876-77 में ही एडीसन ने फोनो ग्राफ का आविष्कार किया।

(28) 1885 में र्काबेन्ज द्वारा पेट्रोल से चलने वाली कार चलाकर दिखाई गयी।

(29) स्टीमटर्बान चार्ल्स पारसन द्वारा 1884 में तथा डैमसर द्वारा मोटरसाइकिल का निर्माण 1885 में किया गया। डनलप के न्यूमोटिक टायर जो आज हर गाड़ी में लगें दिखाई देते है, 1885 में खोजे गए थे।

(30) कोडाक कैमरे का आविष्कार 1888 में जॉर्जईस्टमैन द्वारा किया गया।

(31) हेनरीहर्ट्ज द्वारा रेडियो वेव्स की खोज 1888 में की गयी तथा भविष्य की विज्ञान की सम्भावनाओं पर एच.जी. वेल्स द्वारा ‘द वार ऑफ वर्ल्ड्स’ में ही लिखा गया।

(32) 1895 में मारकोनी ने संचार हेतु रेडियो तरंगों का प्रयोग किया एवं इस प्रकार संचार-क्रान्ति का सूत्रपात किया। इसी वर्ष रोएंटजन ने एक्स किरणों की खाज की, जिनसे चिकित्सा जगत में विलक्षण क्रान्ति हो गई।

(33) मैडमक्यूरी ने 1898 में रेडियम की खोज की, जो बाद में विज्ञान के ध्वंसात्मक की खोज की, जो बाद में विज्ञान के ध्वंसात्मक एवं सृजनात्मक दोनों ही पक्षों का आधार बना।

(34) जैपलिन ने यूरोप में पहला एयरशिप 1898 में बनाया। एक अवधारण के रूप में यह स्थापित हो गया कि मनुष्य उड़ सकता है।

इस प्रकार से देखा जाय तो 1851 सेल लेकर 1900 के बीच में महत्वपूर्ण के स्वरूप को ढाला। यह अवधि आधुनिक विज्ञान के स्वर्णयुग के रूप में जानी जाती है।

(1) 1901 में सबसे पहला अटलांटिक पार संदेश ‘बेतार के तार द्वारा मारकोनी द्वारा भेजकर विश्व की दूरी को बहुत कुछ कम कर दिया गया। 1874 में जन्मे इस वैज्ञानिक ने इटली में प्रयोगक्रम आरम्भ किया, किन्तु यह उपलब्धि इसे 1901 में मिली। इसी वैज्ञानिक की खोज के कारण 1912 में ‘टाइटैनिक’ नामक जहाज के डूबने पर रक्षानौकाएँ पहुँचकर 700 से अधिक व्यक्तियों को बचा पाने में सफल हुई। आज फैक्समशीन एवं इंटरनेट संदेशों को सीधे डाउनलोड करने के समय में हम 1901 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित इस महान वैज्ञानिक मारकोनी की खोजों को नकार नहीं करते।

(2) 1903 को हवाई यात्रा का स्वर्णयुग आरम्भ करने के आविष्कार वाला वर्ष कहा जाता है। ‘फ्लायर’ नामक 12 हार्सपावर की उड़ने वाली मशीन से आँरविल एवं विल्बर राइट बंधुओं ने पहली उड़ान नार्थ कैरोलिना (अमेरिका) में किट्टी हाँक बीच के समीप भरकर यह सिद्ध कर दिया कि मशीन में बैठकर मनुष्य उड़ सकता है। 1903 में आरम्भ यह प्रयास यूरोप में 1903 में पहली लम्बी दूरी की फ्लाइट से लेकर 1928 में अटलांटिक पर (बिना रुके) फ्लाइट (किंग्सफोर्ड स्मिथ) से लेकर 1986 में बिना ईंधन के सारे विश्व की परिक्रमा करने की स्थिति (डिकरुटीन एवं जीनाथीगर) तक पहुँची तो इसका श्रेय प्रारंभिक शोधकर्ता राइट बन्धुओं को ही जाता है। इसी वर्ष फ्रांसीसियों ने साइकल से फ्राँस की यात्रा कर एक रिकार्ड की स्थापना की।

(3) 1905 में आइन्स्टीन ने अपना सुप्रसिद्ध सापेक्षिकता का सिद्धांत’ भौतिक जगत को दिया, जिसने आधुनिक भौतिकी की नींव डाली।

(4) विश्व की पहली बिजली से चलने वाली वाशिंग मशीन 1907 में खोजी गयी। इसी वर्ष प्लास्टिक ‘बेकेलाइट’ का भी आविष्कार हुआ।

(5) 1908 में हेनरी फोर्ड द्वारा मॉडल टी कार (टिन निजी) विश्व के समक्ष रखी गयी। 1901 के अंत तक 10,000 से अधिक कारें बिक विश्व चुकी थीं। औद्योगिक व परिवहन क्रान्ति की शुरुआत यदि 1908 में हेनरी फोर्ड के माध्यम से होकर आज यहाँ तक पहुँची है कि तेजी से चलने वाले अनेकानेक मॉडल हमारे पास मौजूद हैं तो उसका श्रेय इस बेहूदी-सी दीखने वाली टिनलिजी कार के जन्मदाता को जाता है।

(6) 1914 में पनामा नहर खोल दी गयी।

(7) हृदयघात (हार्टअटैक) की डायग्नोसिस (निदान) प्रथम बार किसी जीवित व्यक्ति पर 1912 में अमेरिका में की गयी।

(8) रदरफोर्ड द्वारा परमाणु के विखण्डन का शोधकार्य 1916 में खोला गया।

(9) पहला गर्भनिरोधक प्रशिक्षण क्लीनिक बुकलिन न्यूयार्क में 1916 में खोला गया।

(10) टी.वी. के लिए पहला वैक्सीन फ्राँस में 1923 में खोजा गया।

(11) टीश्यु रूमाल (प्रयोग करे एवं फेंकें) को 1924 में विश्वविख्यात किया गया।

(12) 1912 में मधुमेह (डायबिटीज) के लिए इन्सुलिन चिकित्सा की शोध (बैरिंग एंड बेस्ट) सम्पन्न हुई।

(13) 1923 में जॉन लेगी बेयर्ड ने पहली टेलीविजन प्रक्रिया की शोध की।1931 में जोरोकिन द्वारा पहला टेलीविजन कैमरा बनाया गया।

(14) एलेक्जेण्डर फ्लेमिंग ने 1928 में पेनसिलीन को फंगन से पैदा कर ‘एण्टीबायोटिक युग’ की शुरुआत की।

(15) उल्हुअस हक्सले की ब्रेव न्यू वर्ल्ड 1932 में लिखी गयी।

(16) प्लास्टिक पर आवाज को अंकित करने का शुभारंभ 1930 में जर्मनी में हुआ।

(17) 1932 को रेडियो क्षेत्र में आविष्कार का स्वर्णिम वर्ष माना जाता हैं मई 1932 में लंदन में ब्रोडा कॉस्टिक हाउस से ये सेवाएँ आरम्भ हुई बी.बी. सी. की विधिवत स्थापना इसी वर्ष होकर समाचार,नाटक, संगीत का संचार क्रमशः लंदन, इंग्लैण्ड व सारे यूरोप में होने लगा।

(18) सी.टाँम्बा द्वारा प्लूटो की खोज 1930 में की गयी।

(19) 1934 में नॉयलॉन की खोज अमेरिका में हुई।

(20) व्हिटल द्वारा जेटइंजिन का आविष्कार 1941 में हुआ तथा फर्मी द्वारा न्यूक्लियर रिएक्टर की खोज अमेरिका में 1942 में हुई।

(21) 1946 में पहले इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर का निर्माण अमेरिका में सम्पन्न हुआ। 1947 में ट्रांजिस्टर्स की खोज होने से रेडियो पार्टेबल बन गया।

(22) 1947 में ही लाँग प्ले रिकार्ड्स बनने लगे। एवं ग्रामोफोन द्वारा घर-घर सुने जाने लगे।

(23) ‘कैन्सफिल्म फेस्टीवल’ के साथ 1946 में विधिवत फिम्मों का अन्तर्राष्ट्रीय आदान-प्रदान क्रम आरम्भ हो गया, जिसने आज विराटतम रूप ले लिया है।

(24) पहला अणुबम परीक्षण बिकनि एटाँल पर 1944 में अमेरिका द्वारा किया गया, किन्तु 6 अगस्त, 1945 के दिन एनोलाँ गे बी-21 युद्धक विमान द्वारा पहली विनाशकारी अणु विभीषिका का ख्ोल हिरोशिमा में अमेरिका द्वारा खेला गया। जहाँ यह बम डाला गया उसके 13 वर्गमील क्षेत्र में सब कुछ नष्ट हो गया, एक लाख से अधिक व्यक्ति मरे एवं ढाई लाख अणु-धर्मिता से हुए रोगों से 5 वर्ष के भीतर मर गए। 20,000 टन टी.एन.टी. की ताकत वाले इस बम ने अनायास ही विश्व को अणुबमों की स्पर्धा द्वारा विज्ञान के लिए विनाशकारी युग में ला पटका।

ऊपर वर्णित सभी घटनाक्रमों में ध्यान देने योग्य बात यह है कि इसी अवधि में दो विश्वयुद्ध (1994 से 1998 तथा 1931 से 1945) हुए। सारा विश्व इसकी चपेट में रहा विज्ञान की सृजनात्मक उपलब्धियाँ सम्भवतः इसी कारण इस एक विनाशकारी घटनाक्रम के सामने फीकी पड़ गयी। फिर भी पेनसिलिन एवं इन्सुलिन की खोज एवं उड़ान तथा रेडियो तरंगों का सम्प्रेषण फिल्मों के क्षेत्र में हुआ, अन्वेषणकार्य आगे की प्रगति का एक आधारशिला बने।

15959 से लेकर 1990 तक की वैज्ञानिक उपलब्धियों की यात्रा कुछ इस प्रकार रही है।

(1) 1953 में डी. एन. ए (डिऑक्सी राइबो न्यूक्लिक एसिड) कणों की खोज (क्रिक एवं वाट्सन) से पत्थर की स्थापना हुई। गुणसूत्रों जीवकोषों की जानकारी से लेकर जेनेब्कि इंजीनियरी के प्रयोगों का एक द्वार इससे खुलता चला गया।

(2) ‘प्लास्टिक मनी’ (क्रेडिट, कार्ड) का पहला नमूना ‘डाइनर्सक्ल’ द्वारा 1950 में जन-जन के समझ रखा गया।

(3) 1957 में स्पूतनिक -1 उपग्रह रशिया द्वारा अंतरिक्ष में छोड़ा गया। लायका नामक एक कुतिया पहली बार एक जीवित प्राणी के रूप में अन्तरिक्ष की परिभ्रमण करने में सफल हुई।

(4) जवाब में अमेरिका ने भी ‘नासा’ की स्थापना अंतरिक्षीय अभियान हेतु 1947 में की।

(5) ‘डिस्नेलैण्ड’ के रूप में एक जादुई दुनिया 1955 में कैलीफोर्निया में वॉल्टडिस्ने द्वारा प्रस्तुत की गयी।

(6) 1961 में यूरीगागरिन अंतरिक्ष में पहुँचने वाले पहले व्यक्ति बन गए।

(7) काम्पेक्ट डिस्क (सी.डी.) फिलिप्स द्वारा 1963 में विश्व को परिचित करायी गयी। इसी वर्ष अमेरिकन व रूस के बीच एक ‘हाँटलाइन’ (टेलीफोन वार्ता हेतु) स्थापित हुई।

(8) 1963 मैं न्यूजीलैण्ड में गर्भावस्था में एक बच्चे को रक्त दिया गया।

(9) डॉ. क्रिश्चियन बर्नार्ड द्वारा पहला हृदय प्रत्यारोपण ऑपरेशन 1967 में किया गया एवं इसने चिकित्सा जगत में एक नए युग शुरुआत की।

(10) सर फ्राँसिस चिचेस्टर ने सरकंडों की नाव से सारे विश्व की परिक्रमा 1967 में सम्पन्न की।

(11) माँ के शरीर के बाहर प्रयोगशाला में पहली मानवी प्रजनन क्रिया का प्रायोगिक रूप कृत्रिम निषेचन द्वारा 1961 में सम्पन्न हुआ।

(12) अपोलो-11 नासा की स्थापना के 11 वर्षों बाद 20 जुलाई 1961 को चन्द्रमा पर उतरा एवं इसी प्रकार नील आर्मस्ट्राँग एवं एड्रीनल ने अंतरिक्षीय युग की स्वर्णिम शुरुआत की।

(13) 1970 में पहला हृदय का पेसमेकर सफलतापूर्वक मनुष्य में लगाया गया।

(14) 1972 में मस्तिष्क की स्कैनिंग करने वाले प्रथम उपकरण की खोज की गयी, जो आज कैट स्कैनिंग एम. आर. आय. एन. एम. आर. पी. ई. टी. तथा आप्टिकल स्कैनिंग के रूप में उपलब्ध है।

(15) 1973 में स्काय लैब अंतरिक्षीय प्रयोगशाला स्थापित की गयी।

(16) 1975 में यू.एस. ‘अपोलो एवं सोवियत’ सोयुज’ अंतरिक्ष में परस्पर आकर मिले। पहली बार दो महाशक्तियों के अंतरिक्ष यात्री ने अंतरिक्ष में विचरण कर अंतर्महाद्वीपीय एकता का संकेत साथ कार्य करके दिया।

(17) ब्रिटेन में 1978 में पहली ‘टेस्टट्यूब बेबी’ (परखनली में बालक) का जन्म हुआ।

(18) 1975 में घड़ियों में एल.सी.डी. (लिक्विड क्रिस्टल) उसने इलेक्ट्रॉनिक घड़ियों के निर्माण के क्षेत्र में एक नयी क्रान्ति आरम्भ कर दी।

(19) जापान द्वारा पहला वीडियो गेम 1975 में जन-जन के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

(20) मंगलग्रह पर 1976 में वाईकिंग-1 पदार्पण।

(21) 1977 में सूर्य की शक्ति से संचालित कैलकुलेटर एवं न्यूट्रोन का विकास सम्भव हो सका। पार्योनियर-2 शनि ग्रह तक 1971 में जा पहुँचा।

(22) 1980 में विश्व-स्वास्थ्य संगठन ने स्माँलपाँक्स (बड़ी माता) के सारे विश्व से मिट जाने की घोषणा की।

(23) सोनी का ‘वाकमैन’ (कान पर रखकर चलते हुए सुनने वाला टेपरिकार्डर)1980 में ही सबके समक्ष आया।

(24) कंप्यूटर की सर्वसाधारण तक सुलभता छोटे रूप में एवं हर उपकरण में पर्सनल माइक्रो कम्प्यूटर्स के रूप में पहली बार 1980 में सम्भव हुई व आज 18 वर्ष में देखते-देखते यह घर-घर तक पहुँच गया है।

(25) घातक ‘एड्स’ (एक्वायर्ड इम्यूनो डेहिफशिएन्सी सिण्ड्रोम) वैज्ञानिकों द्वारा 1981 में पहचानी गयी व सबके सम्मुख इसका एक चित्र आया।

(26) स्टीवन स्पीलबर्ग की ई.टी. नामक बहुप्रचलित फिल्म जो सुदूर अंतरिक्ष से धरती पर आए प्राणी के विषय में थी, 1982 में प्रसारित हुई।

(27) मेलबोर्न में 1984 में पहला बालक हिमीकृत भ्रूण (फ्राँजन एम्ब्रियो) से पैदा हुआ।

(28) चेनैबिल रिएक्टर (रूस) में 1986 में भयानक विस्फोट से हजारों मील की दूरी तक रेडियोधर्मिता का प्रभाव फैला एवं 1945 के बाद दूसरी बार विश्वमानस एवं 1945 के बाद दूसरी बार विश्वमानस ने रेडियोधर्मिता के अभिशाप वाले स्वरूप को जाना।

(29) सोवियत अंतरिक्षयात्रियों ने स्पेस स्टेशन में 326 दिन रहकर एक नया कीर्तिमान 1988 में स्थापित किया।

(30) अंतरिक्षयान चैलेन्जर (अमेरिका) में 1976 में विस्फोट से सभी सात अंतरिक्षयात्री मारे गए नेपच्यून ग्रह के विस्तार से चित्र वाँयेजर -2 के माध्यम से 1989 में धरतीवासियों को देखने को मिले।

1911 से 1997 के अंत तक के समय में विज्ञान जगत में सर्वाधिक महत्वपूर्ण चर्चा के विषय रहे-एड्स की रोकथाम हेतु विभिन्न उपचारों की खोज, कम्प्यूटर-इंटरनेट-वर्ल्डवाइड वेव का बढ़ता स्वरूप, जिसने एक डिजिटल पीढ़ी को खड़ा करके रख दिया, डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक क्रान्ति के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जासूसी प्रक्रिया का अंतर्राष्ट्रीयकरण, अणुबमों की विभीषिका से निपटने के लिए आणुविक शक्ति के शान्तिपूर्वक उपयोग पर व्यापक बहस, कैंसर-हृदय रोगों से होने वाली मौतों की रोकथाम हेतु जेनेटिक इंजीनियरिंग की दिशा में अधिकाधिक प्रयोग, मानवी नस्ल की ‘क्लोंिग’ (कलम लगाने) की प्रक्रिया की दिशा में जमकर नैतिकतापरक बहस एवं भेड़ों की दिशा में अनेकानेक अभूतपूर्व सफलताएँ, वैज्ञानिकों द्वारा आयुर्वेद हर्बल हीलिंग-वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति को विधिवत मान्यता दिया जाना वीडियो-उपग्रहों से प्रसारण द्वारा एक व्यापक नेटवर्क का निर्माण-कैबल टी. वी. घर-घर में पहुँच जाना। ये कुछ ऐसी मोटी उपलब्धियाँ है जिनने आज के विज्ञान का स्वरूप गढ़कर सामने रख दिया है एवं आज का मनुष्य स्वयं को तकनीकी ही नहीं, हर दृष्टि से एक ऐसी स्थिति में पाता है जहाँ वह 1800 से 1850 की मानव पीढ़ी से सुविधा साधनों की दृष्टि से बेहतर स्थिति में है।

सचमुच वैज्ञानिकों को साधुवाद दिया जाना चाहिए एवं विज्ञान के इस स्वरूप को जो आज विकसित स्थिति में उतर आता है, युगांतरकारी मानते हुए इस निष्कर्ष पर हमें पहुँचना चाहिए कि 21 वीं सदी के अमन की वेला में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर हम पहुँच गए है। जेट एज, इलेक्ट्रॉनिक एज, डिजिटल एज, माइक्रोचिप एज या संचार क्रान्ति (इन्फोंटेक) एज या संचार क्रान्ति (इन्फोटेक) एज जो भी नाम दिया जाए, उसने विश्व को बहुत कुछ सिकोड़कर सारे विश्ववासियों को एक दूसरे के समीप ला दिया है, किन्तु क्या इससे मनुष्य के मानसिक शान्ति मिली है या मनुष्य यह अनमोल निधि उससे छिन गयी हैं। क्या विभिन्न रोगों पर नियंत्रण दिलाने का वादा करने वाले वैज्ञानिक वार्धक्य की रोकथाम पर शोध करते-करते कई मनोशारीरिक तनावजन्य व्याधियों को जन्म नहीं दे गए है? क्या वास्तव में वान के इन आविष्कारों से मनुष्य विशाल उदार दृष्टिकोण वाले मानव के बदले में एक संकुचित स्वकेन्द्रित -आत्महत्या को उतारू मनुष्य के रूप में विकसित नहीं हो गया है? क्या पर्यावरण, तकनीकी व वैज्ञानिक प्रगति की इस होड़ में बुरी तरह प्रदूषित हो अब मनुष्य के लिए घातक नहीं बन गया है-प्रकृति प्रकोप प्रतिकूल मौसमों के कारण महामारियां इसी वजह से नहीं पनपी हैं? आधुनिकता की इस दौड़ से बेहद ऊपर से तो आस्तिक पर अंदर से बेहद नास्तिक नहीं तोता चला गया है? ये सारे प्रश्न हमसे-आपसे एक उत्तर की उपेक्षा करते हैं।

युगपरिवर्तन सुनिश्चित है। उसी धारा में विभिन्न प्रक्रियाएँ जो गतिशील थी वैज्ञानिक प्रगति ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर मानवजाति को एक संतृप्तीकरण (सैंचुरेशन) की स्थिति में ला खड़ा किया है। अब विज्ञान एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहाँ उसे अध्यात्म मूल्योँ की,मानवमात्र के लिए सर्वांगपूर्ण प्रगति के लिए पर्यावरण से मैत्री रखकर किए जाने वाले प्रयोगों की आवश्यकता प्रतीत हो रही है। यह कार्य मान’वैज्ञानिक अध्यात्मवाद’ को धुरी बनाकर शमा्र आचार्य जी ने ‘भविष्य का धर्म-वैज्ञानिक जी ने ‘भविष्य का धर्म-वैज्ञानिक धर्म’ कहकर इक्कीसवीं सदी के आगमन की वेला में इसे एक शुभ संकेत कहा है कि अब सभी विज्ञान के सृजनात्मक उपभोग सुनियोजन की दिशा में ही सोच रहे हैं।

26 जनवरी, 1998 की ‘न्यूजवीक’ पत्रिका के ‘मिलेनियम 2000 नामक स्तम्भ में सम्पादक ने लिखा है कि हम अब विज्ञान के अंतिम चरण में पहुँच चुके हैं। जॉन हार्गन के इस लेख में उद्धत करते हुए लिखा गया है कि जितनी भी महत्वपूर्ण शोधें सम्भव थी 1998 के आते-आते ही चुकी। फिर भी वे कहते है कि चमत्कारी मानवी मस्तिष्क, स्मृति के कोश, अत्यधिक तापमान पर कार्य करने वाले सुपर कन्डर्क्टस वायुमण्डल में अचानक आ जाने वाले चक्रवात स्तर के कम्पनवत् फान, पदार्थ व प्रतिपदार्थ के बीच समन्वयात्मक सम्बन्ध ये कुछ ऐसे विषय हैं जिन पर वैज्ञानिकों को बहुत कुछ सोचना है एवं यह वे अपने सोचने के आयाम को ऊपर उठाकर ही कर सकते हैं। प्रतिवर्ष 30,000 से अधिक व्यक्ति आज अमेरिका में पी-एच.डी. करते हैं नये विषयों की खोज में सक्रिय इन सभी को चुनौती देते हुए स्तम्भ लेखक थाँमक ने लिखा है। कि भविष्य अब विज्ञान के बाद की सदी का है। अतः उन्हें अविज्ञात के गर्भ में गोते लगाने के लिए तैयार रहना चाहिए।

विज्ञान ने ‘वसुधैव कुटुम्बक की स्थिति तो ला दी है, किन्तु हम अपने को इस योग्य अभी बना नहीं पाए है कि उस ‘ग्लोबल ग्राम ‘ में रह रहे है। वैसी मानसिकता हमारी विकसित हो चुकी है, ऐसा कह सकें। कलेवर तो विज्ञान ने दिया, पर जब तक मनःस्थिति अध्यात्म प्रधान नहीं होगी, यह निष्प्राण ही बना रहेगा एवं इस आधुनिकतम प्रगति का सकारात्मक सुनियोजन नहीं हो सकेगा। निश्चित की इक्कीसवीं सदी युगावतार के आगमन की, प्रज्ञावतार के प्रकटीकरण की -परिवर्तन की इस वेला में एक आध्यात्मिक क्रान्ति लेकर आ रही है। हम सब अपनी विगत उपलब्धियों पर गर्व तो करें, पर भविष्य जो बड़ी तेजी से सामने आता दिख पड़ रहा है, के लिए स्वयं को तैयार भी करें।

First 5 7 Last


Other Version of this book



Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...

Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • युगपरिवर्तन का वासन्ती प्रवाह
  • महेश्वर महाकाल का संकल्प पूरा होकर ही रहेगा।
  • कालोडस्मि लोकक्षयकृत्पृद्वो
  • युगपरिवर्तन का अर्थ
  • सुनें महापरिवर्तन की इस आहट को
  • वैज्ञानिक क्रान्ति, जिसने किया विश्व का एकीकरण
  • संभवामि युगे युगे
  • उथल-पुथल के इस दौर में आर्थिक नेतृत्व भी भारत की करेगा
  • Quotation
  • पतंजलि (Kahani)
  • दैवी चेतना पर्यावरण-संकट का भी समाधान करेगी।
  • इक्कीसवीं सदी की चिकित्सा-पद्धति होगी-आयुर्वेद
  • Quotation
  • सुभाषचन्द्र बोस (Kahani)
  • राजनैतिक परिदृश्य पर दिखाई देते परिवर्तन के संकेत
  • आपने तो मेरी आँखें खोल दीं (Kahani)
  • ‘विचारक्रान्ति’ परिवर्तन की वेला में एक नये दर्शन का प्रवर्तन
  • Quotation
  • सूक्ष्म अन्तरिक्षीय हलचलें भी - युगपरिवर्तन का ही संकेत देती है।
  • युग के अवतार का आगमन
  • इस बदलती फिजों में नारी की भूमिका
  • युगपरिवर्तन के तीन सोपान-आत्म, परिवार एवं समाजनिर्माण
  • बीसवीं सदी का सफरनामा
  • यह हरि की लीला टारी नाँहि टरै
  • परमपूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- - गायत्री महाविद्या एवं उसकी साधना
  • इस संधिवेला में अपनायी जाने वाली विशिष्ट साधनाएँ
  • अपनों से अपनी बात- - युगपरिवर्तन की अन्तिम घड़ी आ पहुँची, अब तो सँभलें
  • VigyapanSuchana
  • युग द्रष्टा के जीवन-दर्शन के साथ अब वाङ्मय समग्र रूप में उपलब्ध
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj