• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • संस्कृति पुरुष- परमपूज्य गुरुदेव
    • VigyapanSuchana
    • संस्कृति के पुण्य प्रवाह को मिला नवजीवन
    • आगे की बात सोचना (kahani)
    • Quotation
    • देव पुरुष का अवतरण
    • Quotation
    • दुःखियों की सेवा (kahani)
    • उपनयन संस्कार ने जगाई साधक की अभीप्सा
    • समग्र रूप से जाना (kahani)
    • Quotation
    • गुरुदेव परब्रह्म
    • सिद्ध पुरुष बने (kahani)
    • पूर्वजन्मों की अनुभूति ने कराया आत्मबोध
    • संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका (kahani)
    • वेदमाता उनकी चेतना में अवतरित हुई
    • भलाई का मार्ग अपना लिया (kahani)
    • श्रद्धा हुई प्रगाढ़ तीन पावन प्रतीकों से
    • भगवान् बनकर ही लौटे (kahani)
    • गृहस्थ ही बना एक तपोवन
    • Quotation
    • देवात्मा हिमालय था उनका अभिभावक
    • यज्ञमय जीवन से उमंगती तप की ज्वालाएँ
    • Quotation
    • पुरुषार्थ चतुर्ष्टथ के थे वे साकार भाव विग्रह
    • Quotation
    • उन्होंने सुनी आर्ष साहित्य की पुकार
    • गुह्य विद्या और भारतीय विज्ञान का उद्धार
    • संस्कारों के माध्यम से संस्कृति की प्रतिष्ठा
    • वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः
    • तीर्थ चेतना के उन्नायक
    • लोक शिक्षण करने वाले परिष्कृत धर्म-तंत्र के स्थापक
    • जीवन-साधना का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष “आत्मवत् सर्वभूतेषु
    • उदार चरितानाम तु वसुधैव कुटुम्बकम्
    • लोकनायक-निर्माण की परंपरा का नवोन्मेष
    • पर्वों को दी चैतन्यता एवं सुसंस्कारिता
    • कुछ कर सकने योग्य बना (kahani)
    • ऋषि-परंपराओं को नवजीवन दिया युगऋषि ने
    • उन्हें ठिकाने लगा दिया (kahani)
    • विज्ञान व अध्यात्म के समन्वयन ने दिया संस्कृति को नया मोड़
    • सभी नागरिक समान (kahani)
    • साँस्कृतिक संवेदना को मिला मूर्त रूप
    • जड़े ही खोखली हो गई (kahani)
    • साँस्कृतिक क्राँति के अग्रदूत
    • नवयुग में संस्कृति पुरुष की चेतना का नवोदय
    • सबसे बड़ा पुण्य (kahani)
    • साँस्कृतिक महानुष्ठान की महापूर्णाहुति
    • अग्निकाँड की दुर्घटनाओं (kahani)
    • संस्कृति पुरुष की वसीयत और विरासत
    • एक अद्भुत छाप छोड़ गया विराट् विभूति ज्ञानयज्ञ
    • त्याग-बलिदान की संस्कृति-देवसंस्कृति
    • युगपरिवर्तन नवसृजन हेतु पुरुषमेध एवं सौत्रामणी प्रयोग
    • न केवल इस बढ़े भार को बँटाएँ, सदस्य संख्या भी बढ़ाएँ
    • सृजन सैनिकों के प्रति भावभरी अभिव्यक्ति
    • सृजन सैनिकों के प्रति भावभरी अभिव्यक्ति (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • संस्कृति पुरुष- परमपूज्य गुरुदेव
    • VigyapanSuchana
    • संस्कृति के पुण्य प्रवाह को मिला नवजीवन
    • आगे की बात सोचना (kahani)
    • Quotation
    • देव पुरुष का अवतरण
    • Quotation
    • दुःखियों की सेवा (kahani)
    • उपनयन संस्कार ने जगाई साधक की अभीप्सा
    • समग्र रूप से जाना (kahani)
    • Quotation
    • गुरुदेव परब्रह्म
    • सिद्ध पुरुष बने (kahani)
    • पूर्वजन्मों की अनुभूति ने कराया आत्मबोध
    • संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका (kahani)
    • वेदमाता उनकी चेतना में अवतरित हुई
    • भलाई का मार्ग अपना लिया (kahani)
    • श्रद्धा हुई प्रगाढ़ तीन पावन प्रतीकों से
    • भगवान् बनकर ही लौटे (kahani)
    • गृहस्थ ही बना एक तपोवन
    • Quotation
    • देवात्मा हिमालय था उनका अभिभावक
    • यज्ञमय जीवन से उमंगती तप की ज्वालाएँ
    • Quotation
    • पुरुषार्थ चतुर्ष्टथ के थे वे साकार भाव विग्रह
    • Quotation
    • उन्होंने सुनी आर्ष साहित्य की पुकार
    • गुह्य विद्या और भारतीय विज्ञान का उद्धार
    • संस्कारों के माध्यम से संस्कृति की प्रतिष्ठा
    • वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः
    • तीर्थ चेतना के उन्नायक
    • लोक शिक्षण करने वाले परिष्कृत धर्म-तंत्र के स्थापक
    • जीवन-साधना का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष “आत्मवत् सर्वभूतेषु
    • उदार चरितानाम तु वसुधैव कुटुम्बकम्
    • लोकनायक-निर्माण की परंपरा का नवोन्मेष
    • पर्वों को दी चैतन्यता एवं सुसंस्कारिता
    • कुछ कर सकने योग्य बना (kahani)
    • ऋषि-परंपराओं को नवजीवन दिया युगऋषि ने
    • उन्हें ठिकाने लगा दिया (kahani)
    • विज्ञान व अध्यात्म के समन्वयन ने दिया संस्कृति को नया मोड़
    • सभी नागरिक समान (kahani)
    • साँस्कृतिक संवेदना को मिला मूर्त रूप
    • जड़े ही खोखली हो गई (kahani)
    • साँस्कृतिक क्राँति के अग्रदूत
    • नवयुग में संस्कृति पुरुष की चेतना का नवोदय
    • सबसे बड़ा पुण्य (kahani)
    • साँस्कृतिक महानुष्ठान की महापूर्णाहुति
    • अग्निकाँड की दुर्घटनाओं (kahani)
    • संस्कृति पुरुष की वसीयत और विरासत
    • एक अद्भुत छाप छोड़ गया विराट् विभूति ज्ञानयज्ञ
    • त्याग-बलिदान की संस्कृति-देवसंस्कृति
    • युगपरिवर्तन नवसृजन हेतु पुरुषमेध एवं सौत्रामणी प्रयोग
    • न केवल इस बढ़े भार को बँटाएँ, सदस्य संख्या भी बढ़ाएँ
    • सृजन सैनिकों के प्रति भावभरी अभिव्यक्ति
    • सृजन सैनिकों के प्रति भावभरी अभिव्यक्ति (kavita)
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 2000 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


Quotation

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 4 6 Last
श्रवण और कथन से दिशा तो मिलती है, पर आत्मकल्याण के मार्ग पर पर्वतों जैसी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है।

First 4 6 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • संस्कृति पुरुष- परमपूज्य गुरुदेव
  • VigyapanSuchana
  • संस्कृति के पुण्य प्रवाह को मिला नवजीवन
  • आगे की बात सोचना (kahani)
  • Quotation
  • देव पुरुष का अवतरण
  • Quotation
  • दुःखियों की सेवा (kahani)
  • उपनयन संस्कार ने जगाई साधक की अभीप्सा
  • समग्र रूप से जाना (kahani)
  • Quotation
  • गुरुदेव परब्रह्म
  • सिद्ध पुरुष बने (kahani)
  • पूर्वजन्मों की अनुभूति ने कराया आत्मबोध
  • संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका (kahani)
  • वेदमाता उनकी चेतना में अवतरित हुई
  • भलाई का मार्ग अपना लिया (kahani)
  • श्रद्धा हुई प्रगाढ़ तीन पावन प्रतीकों से
  • भगवान् बनकर ही लौटे (kahani)
  • गृहस्थ ही बना एक तपोवन
  • Quotation
  • देवात्मा हिमालय था उनका अभिभावक
  • यज्ञमय जीवन से उमंगती तप की ज्वालाएँ
  • Quotation
  • पुरुषार्थ चतुर्ष्टथ के थे वे साकार भाव विग्रह
  • Quotation
  • उन्होंने सुनी आर्ष साहित्य की पुकार
  • गुह्य विद्या और भारतीय विज्ञान का उद्धार
  • संस्कारों के माध्यम से संस्कृति की प्रतिष्ठा
  • वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः
  • तीर्थ चेतना के उन्नायक
  • लोक शिक्षण करने वाले परिष्कृत धर्म-तंत्र के स्थापक
  • जीवन-साधना का एक महत्त्वपूर्ण पक्ष “आत्मवत् सर्वभूतेषु
  • उदार चरितानाम तु वसुधैव कुटुम्बकम्
  • लोकनायक-निर्माण की परंपरा का नवोन्मेष
  • पर्वों को दी चैतन्यता एवं सुसंस्कारिता
  • कुछ कर सकने योग्य बना (kahani)
  • ऋषि-परंपराओं को नवजीवन दिया युगऋषि ने
  • उन्हें ठिकाने लगा दिया (kahani)
  • विज्ञान व अध्यात्म के समन्वयन ने दिया संस्कृति को नया मोड़
  • सभी नागरिक समान (kahani)
  • साँस्कृतिक संवेदना को मिला मूर्त रूप
  • जड़े ही खोखली हो गई (kahani)
  • साँस्कृतिक क्राँति के अग्रदूत
  • नवयुग में संस्कृति पुरुष की चेतना का नवोदय
  • सबसे बड़ा पुण्य (kahani)
  • साँस्कृतिक महानुष्ठान की महापूर्णाहुति
  • अग्निकाँड की दुर्घटनाओं (kahani)
  • संस्कृति पुरुष की वसीयत और विरासत
  • एक अद्भुत छाप छोड़ गया विराट् विभूति ज्ञानयज्ञ
  • त्याग-बलिदान की संस्कृति-देवसंस्कृति
  • युगपरिवर्तन नवसृजन हेतु पुरुषमेध एवं सौत्रामणी प्रयोग
  • न केवल इस बढ़े भार को बँटाएँ, सदस्य संख्या भी बढ़ाएँ
  • सृजन सैनिकों के प्रति भावभरी अभिव्यक्ति
  • सृजन सैनिकों के प्रति भावभरी अभिव्यक्ति (kavita)
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj