• News
  • Blogs
  • Gurukulam
English हिंदी
×

My Notes


  • TOC
    • महायोगी परम पूज्य गुरुदेव
    • योग की पावन पुण्य परम्परा
    • योग साधना ही लायेगी उज्ज्वल भविष्य इस सदी में
    • साधना विज्ञान का ककहरा
    • स्थूल शरीर की योग साधना−कर्मयोग
    • मैं कौन हूँ का उत्तर देना है−ज्ञानयोग
    • मिलन−विरह और महामिलन पर टिका है भक्तियोग
    • मूलभूत आधार अन्नमय कोश की शुद्धि
    • प्राणशक्ति का संतुलन और संकल्प बल का समावेश
    • ध्यानयोग बनाता है मन को नन्दनवन
    • आत्मानुभूति योग है आधार विज्ञानमयकोष का
    • आनन्द से समाधि स्वर्ग और मोक्ष तक
    • कामबीज का ज्ञानबीज में रूपांतरण
    • विषयासक्ति से मुक्ति, स्वाधिनाष्ट की सिद्धि
    • अनंत चेतना के विस्तार तक ले जाती है मणिपूर चक्र की साधना
    • आध्यात्मिक जागरण के साथ भावनात्मक संतुलन भी
    • नादयोग से विशुद्धि चक्र का जागरण
    • बाह्य के साथ एकाकार कर अंतर्दृष्टि जगाने वाली आज्ञाचक्र साधना
    • Quotation
    • सदगुरु की कृपा से होती है सहस्रार की सिद्धि
    • कुँडलिनी शक्ति का जागरण का कर्म
    • सद्गुरु नूर तमाम
    • हिमालय की छाया गंगा की गोद में बसा युगतीर्थ
    • सप्तदर्षियों की तपोभूमि−शाँतिकुँज
    • आहार शुद्धौ सत्वशुद्धि
    • स्वस्थ जीवन का समग्र विधान−योग विज्ञान
    • योग मार्ग में आने वाले अवरोधों से कैसे बचें
    • डडडड विज्ञान की कसौटी पर डडडड
    • ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान में परिक्षित हो रहा योग विज्ञान
    • योग विज्ञान उपयोगी बनें, प्रचारकों की मर्यादाएँ बनें
    • देवसंस्कृति विश्वविद्यालय
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login
  • TOC
    • महायोगी परम पूज्य गुरुदेव
    • योग की पावन पुण्य परम्परा
    • योग साधना ही लायेगी उज्ज्वल भविष्य इस सदी में
    • साधना विज्ञान का ककहरा
    • स्थूल शरीर की योग साधना−कर्मयोग
    • मैं कौन हूँ का उत्तर देना है−ज्ञानयोग
    • मिलन−विरह और महामिलन पर टिका है भक्तियोग
    • मूलभूत आधार अन्नमय कोश की शुद्धि
    • प्राणशक्ति का संतुलन और संकल्प बल का समावेश
    • ध्यानयोग बनाता है मन को नन्दनवन
    • आत्मानुभूति योग है आधार विज्ञानमयकोष का
    • आनन्द से समाधि स्वर्ग और मोक्ष तक
    • कामबीज का ज्ञानबीज में रूपांतरण
    • विषयासक्ति से मुक्ति, स्वाधिनाष्ट की सिद्धि
    • अनंत चेतना के विस्तार तक ले जाती है मणिपूर चक्र की साधना
    • आध्यात्मिक जागरण के साथ भावनात्मक संतुलन भी
    • नादयोग से विशुद्धि चक्र का जागरण
    • बाह्य के साथ एकाकार कर अंतर्दृष्टि जगाने वाली आज्ञाचक्र साधना
    • Quotation
    • सदगुरु की कृपा से होती है सहस्रार की सिद्धि
    • कुँडलिनी शक्ति का जागरण का कर्म
    • सद्गुरु नूर तमाम
    • हिमालय की छाया गंगा की गोद में बसा युगतीर्थ
    • सप्तदर्षियों की तपोभूमि−शाँतिकुँज
    • आहार शुद्धौ सत्वशुद्धि
    • स्वस्थ जीवन का समग्र विधान−योग विज्ञान
    • योग मार्ग में आने वाले अवरोधों से कैसे बचें
    • डडडड विज्ञान की कसौटी पर डडडड
    • ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान में परिक्षित हो रहा योग विज्ञान
    • योग विज्ञान उपयोगी बनें, प्रचारकों की मर्यादाएँ बनें
    • देवसंस्कृति विश्वविद्यालय
  • My Note
  • Books
    • SPIRITUALITY
    • Meditation
    • EMOTIONS
    • AMRITVANI
    • PERSONAL TRANSFORMATION
    • SOCIAL IMPROVEMENT
    • SELF HELP
    • INDIAN CULTURE
    • SCIENCE AND SPIRITUALITY
    • GAYATRI
    • LIFE MANAGEMENT
    • PERSONALITY REFINEMENT
    • UPASANA SADHANA
    • CONSTRUCTING ERA
    • STRESS MANAGEMENT
    • HEALTH AND FITNESS
    • FAMILY RELATIONSHIPS
    • TEEN AND STUDENTS
    • ART OF LIVING
    • INDIAN CULTURE PHILOSOPHY
    • THOUGHT REVOLUTION
    • TRANSFORMING ERA
    • PEACE AND HAPPINESS
    • INNER POTENTIALS
    • STUDENT LIFE
    • SCIENTIFIC SPIRITUALITY
    • HUMAN DIGNITY
    • WILL POWER MIND POWER
    • SCIENCE AND RELIGION
    • WOMEN EMPOWERMENT
  • Akhandjyoti
  • Login




Magazine - Year 2001 - Version 2

Media: TEXT
Language: HINDI
TEXT SCAN


ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान में परिक्षित हो रहा योग विज्ञान

Listen online

View page note

Please go to your device settings and ensure that the Text-to-Speech engine is configured properly. Download the language data for Hindi or any other languages you prefer for the best experience.
×

Add Note


First 28 30 Last
शान्तिकुञ्ज से आधा किमी. की दूरी पर गंगा के तट पर ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान स्थापित है। पुरातन समय में यह भूमि कणाद ऋषि की तपःस्थली रह चुकी है। यहाँ से गढ़वाल हिमालय एवं शिवालिक की पर्वत शृंखलाओं का विहंगम दृश्य सहज ही सुलभ है। विज्ञान एवं अध्यात्म के समन्वय के लिए समर्पित इस संस्थान में पुरातन योग के विविध पक्षों पर आधुनिक विज्ञान के अभिनव प्रयोग चल रहे हैं। इसके अंतर्गत यहाँ बहुमूल्य एवं आधुनिकतम यंत्रों से सुसज्जित प्रयोगशाला विद्यमान है। साथ ही सुशिक्षित एवं निष्ठावान वैज्ञानिकों एवं चिकित्सकों का समुदाय इस संस्थान के निदेशक के मार्गदर्शन में इस शोध कार्य में समर्पित भाव से निरत है।

शोध कार्य के लिए ‘सब्जेक्ट्स’ सहज ही उपलब्ध रहते हैं। इनका चुनाव शान्तिकुञ्ज में आए एक मासीय युगशिल्पी साधना सत्रों में आए साधकों के बीच किया जाता है। प्रारम्भिक शारीरिक एवं मानसिक जाँच-पड़ताल के बाद इन्हें आहार-विहार, आयुर्वेदीय वनौषधि एवं साधना सम्बन्धी परामर्श दिया जाता है। योग साधना के अंतर्गत आसन, प्राणायाम, मंत्र जप, ध्यान, यज्ञ, उपवास, चांद्रायण व्रत जैसी क्रियाओं का अभ्यास कराया जाता है।

आसन के अंतर्गत परम पूज्य गुरुदेव द्वारा प्रवर्तित प्रज्ञा योग का अभ्यास कराया जाता है, जिसमें सभी प्रमुख आसनों का सुन्दर समन्वय किया गया है। प्राणायाम के अंतर्गत प्रमुखतया प्राणाकर्षण, सूर्यभेदन जैसे सरल एवं उपयोगी प्राणायाम लिए गये हैं। मंत्र जप एवं ध्यान में गायत्री मंत्र एवं इसके देवता उगते हुए सूर्य का निर्धारण है। आहार-विहार में सात्त्विक खान-पान एवं संयत तथा अनुशासित दिनचर्या का समावेश रहता है। यज्ञ के लिए शारीरिक एवं मानसिक रोगों के अनुरूप या उद्देश्य के अनुसार जड़ी-बूटियों का चुनाव किया जाता है।

वैज्ञानिक शोध के अंतर्गत उपरोक्त वर्णित यौगिक क्रियाओं का कई विधियों से प्रयोग चल रहा है। कुछ में इनका अलग-अलग प्रभाव तथा कुछ में इनका मिला-जुला प्रभाव देखा जाता है।

अनुसंधान के तहत साधना का विशेषकर आहार-विहार एवं वनौषधियों का प्रभाव, हेमेटोलॉजी एवं बायोकेमिस्ट्री चेम्बर में किया जाता है। हिमेटोलॉजी कक्ष में रक्त से जुड़े हीमोग्लोबिन, डब्ल्यू वी.सी, आर.बी.सी. तथा ल्यू विभिन्न ल्यूकोसाइट काउण्ट, ई.एस.आर. आदि परीक्षण किये जाते हैं। बायोकेमिस्ट्री परीक्षणों के अंतर्गत रक्त शर्करा, कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड, यूरिया, यूरिक एसिड, क्रिएटिनीन, विल्रुबीन, एस.जी.ओ.टी., एस.जी.पी.टी., कैल्शियम, प्रोटीन व एल्केलाइन फोस्फेटस् आदि जैव रसायनों का परीक्षण किया जाता है।

रक्त व अन्य शरीर द्रव्यों के सूक्ष्म परीक्षण में आधुनिक कम्प्यूटरीकृत यंत्र प्रमुख है। जीवन शक्ति के लिए उत्तरदायी इम्यूनोग्लोबुलीन्स का मापन इलेक्ट्रोफोरेंसिक उपकरण द्वारा किया जाता है। कंप्यूटराइज्ड आर.ए.-भ् मशीन आने से बायोकेमिस्ट्री के परीक्षण में और सरल हो गए हैं। प्रयोगों के द्वारा साधना के दौरान शरीर में होने वाले सूक्ष्म जैव रासायनिक परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है। कार्डियालॉजी चेम्बर में हृदय की गति, लय तथा विद्युत् तरंगों का मापन कर साधक की स्वस्थ व अस्वस्थ स्थिति का पता लगाया जाता है। तथा साधना के दौरान आसन व ध्यान साधना के हृदय पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। हृदय सम्बन्धी प्रयोग ई.सी.जी. (इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम) तथा टी.एम.टी (ट्रेडमिल टेस्टिंग) उपकरणों द्वारा किए जाते हैं।

पल्मोनरी चेम्बर में प्राणायाम के फेफड़ों पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। इसमें वायटेलोग्राफ, फेफड़ों की कार्यक्षमता का ग्राफिक मापन करता है। पी.एच.मीटर, रक्त की अमलता का स्तर मापता है। व ब्लड गैस एनालाइज़र, रक्त में विद्यमान CO2, O2 और वाइकार्बोनेट्स का मापन करता है। प्राणायाम द्वारा फेफड़ों पर पड़ने वाले प्रभावों का मापन वायटल केपेसिटी (वी.सी.), पी.ई.एफ.आर. आदि के रूप में मेडएसपायरर द्वारा किया जाता है।

साधना के दौरान जैव विद्यत्त् (बायो इलेक्ट्रिसिटी) पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन इलेक्ट्रो फिजियोलॉजी चेम्बर में किया जाता है। इसमें जी.एस.आर. (गाल्बोनिक स्किन रेजिस्टेन्स) बायोफीडबैक द्वारा ध्यान के अंतर्गत त्वचा की प्रतिरोधक क्षमता का मापन किया जाता है। इ.एम. जी. (इलेक्ट्रोमायोग्राम) शिथिलीकरण के दौरान माँसपेशियों के तनाव का मापन करता है। ई.ई.जी. (इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राफ) द्वारा ध्यान के क्षणों में मस्तिष्क से उत्सर्जित होने वाले विद्युत् तरंगों की जाँच की जाती है, अल्फा ई.ई.जी. विशेष रूप से अल्फा तरंगों को स्कैन करता है, जो कि ध्यान की प्रशान्तावस्था की द्योतक होती है।

योग साधनाओं का मनोवैज्ञानिक अध्ययन साइकोमैट्री चैम्बर में किया जाता है। इसके अंतर्गत आहार-विहार, तप-तितिक्षा, प्रायश्चित आदि का मनोविकारों के उपचार व व्यक्ति के समग्र विकास पर प्रभाव देखा जाता है। इसके अंतर्गत अब तक मिरर ट्रेसिंग, रिएक्शन टाइम टेस्ट, मेमोरी टेस्ट, आत्म प्रत्यय परीक्षण, स्टेडिनेस टेस्ट, मूलर लायर इल्यूजन टेस्ट आदि परीक्षण होते रहे हैं। जो प्रमुखतः सीखने की प्रक्रिया व क्षमता (लर्निंग प्रोसेस), निर्णय क्षमता, स्मरण शक्ति, बुद्धिलब्धि (आई. क्यू.), माँसपेशियों पर मस्तिष्कीय नियंत्रण, दृष्टिभ्रम आदि मानसिक घटकों का अध्ययन करते थे।

मनोवैज्ञानिक शोध अध्ययन का दायरा बढ़ाते हुए मनोरोगों को भी इसकी परिधि में लिया जाता है। मनोरोगों की युग विभीषिका के अनुरूप यह कदम समीचीन भी है। इसके अंतर्गत डिप्रेशन, एन्ग्जाइटी, गिल्ट, टेन्शन, स्ट्रेस, अराउजल, फैटींग आदि पैरामीटर लिए गए हैं। विशेष मनोवैज्ञानिकों द्वारा गहन मनोवैज्ञानिक विश्लेषण के बाद ‘सब्जेक्ट्स’ का चुनाव किया जाता है। तथा उन पर योग साधनाओं का प्रभाव देखा जाता है। इसी वर्ष इस संदर्भ में ध्यान एवं यज्ञ के प्रयोग हुए हैं, जिनके परिणाम वैज्ञानिक समुदाय को चमत्कृत करने वाले रहे। प्रयोग के तहत यज्ञ ऊर्जा, वनौषधि, एवं मंत्र शक्ति के आधार पर अग्निहोत्र, यज्ञोपैथी के रूप में मनोविकारों की एक सफल चिकित्सा पद्धति के रूप में उभर कर आई है व इस पर व्यापक अनुसंधान कार्य अभी चल रहा है। इसी तरह अन्य यौगिक क्रियाओं के परिणाम उत्साहवर्धक रहे हैं।

परीक्षणों का यह क्रम सर्वसाधारण के लिए अपरिचित लगते हुए विज्ञ वैज्ञानिकों के लिए सुपरिचित लग सकता है। परन्तु इसमें जो बात विशेष महत्त्व की है, वह है यहाँ चल रहे प्रयोगों का विधि-विधान और इनके उच्चस्तरीय उद्देश्य। जिसके अंतर्गत योग-साधना का प्रभाव मात्र शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य तक सीमाबद्ध नहीं किया गया है। इसमें वे चेष्टाएं एवं प्रक्रियाएँ भी शामिल हैं, जिससे कि आन्तरिक जीवन का कायाकल्प हो सके। साथ ही व्यक्ति की इन्द्रिय चेतना, अतीन्द्रिय स्तर का स्पर्श पा सके। इस विषय में ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के निदेशक अपनी व्यस्ततम दिनचर्या एवं देश-विदेश के अनेकानेक कार्यक्रमों के बावजूद शोध कार्य का मार्गदर्शन करते हैं। उनकी प्रभा ने अन्य विद्वानों-विशेषज्ञों को भी इस कार्य के लिए प्रभावित एवं आकर्षित किया है। इस क्रम में गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय के लाइफ साइंसेज संकाय के डीन प्रो. बी.डी. जोशी का योगदान सराहनीय है। प्रख्यात मनोवैज्ञानिक प्रो. ओ.पी. मिश्र भी इस शोध में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं।

ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के वैज्ञानिक प्रयोग परीक्षण शीघ्र ही रिसर्च बुलेटिनों एवं शोध ग्रंथों के रूप में प्रकाशित होने जा रहे हैं। चल रहे प्रयोगों के अनुसार यह स्पष्ट है कि विविध यौगिक क्रियाएँ वैज्ञानिक कसौटी पर खरी उतर रही हैं। ये न केवल शारीरिक व मानसिक रोगों के उपचार में सक्षम हैं बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य एवं मानसिक संतुलन को स्थापित कर व्यक्तित्व के विकास एवं उसमें निहित दिव्य सम्भावनाओं को भी चरितार्थ करने में पूरी तरह सक्षम है। इस दिशा में चल रहे ब्रह्मवर्चस के वैज्ञानिक अनुसंधान के निष्कर्ष शीघ्र ही विश्व मनीषा एवं वैज्ञानिकों की चिंतनधारा को नई दिशा दे, तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। चिन्तन की इसी नवीन गरिमा से अनुप्राणित होकर आधुनिक युग में योग के प्रचार की आवश्यकता है।

First 28 30 Last


Other Version of this book



Version 2
Type: TEXT
Language: HINDI
...

Version 1
Type: SCAN
Language: HINDI
...


Releted Books


Articles of Books

  • महायोगी परम पूज्य गुरुदेव
  • योग की पावन पुण्य परम्परा
  • योग साधना ही लायेगी उज्ज्वल भविष्य इस सदी में
  • साधना विज्ञान का ककहरा
  • स्थूल शरीर की योग साधना−कर्मयोग
  • मैं कौन हूँ का उत्तर देना है−ज्ञानयोग
  • मिलन−विरह और महामिलन पर टिका है भक्तियोग
  • मूलभूत आधार अन्नमय कोश की शुद्धि
  • प्राणशक्ति का संतुलन और संकल्प बल का समावेश
  • ध्यानयोग बनाता है मन को नन्दनवन
  • आत्मानुभूति योग है आधार विज्ञानमयकोष का
  • आनन्द से समाधि स्वर्ग और मोक्ष तक
  • कामबीज का ज्ञानबीज में रूपांतरण
  • विषयासक्ति से मुक्ति, स्वाधिनाष्ट की सिद्धि
  • अनंत चेतना के विस्तार तक ले जाती है मणिपूर चक्र की साधना
  • आध्यात्मिक जागरण के साथ भावनात्मक संतुलन भी
  • नादयोग से विशुद्धि चक्र का जागरण
  • बाह्य के साथ एकाकार कर अंतर्दृष्टि जगाने वाली आज्ञाचक्र साधना
  • Quotation
  • सदगुरु की कृपा से होती है सहस्रार की सिद्धि
  • कुँडलिनी शक्ति का जागरण का कर्म
  • सद्गुरु नूर तमाम
  • हिमालय की छाया गंगा की गोद में बसा युगतीर्थ
  • सप्तदर्षियों की तपोभूमि−शाँतिकुँज
  • आहार शुद्धौ सत्वशुद्धि
  • स्वस्थ जीवन का समग्र विधान−योग विज्ञान
  • योग मार्ग में आने वाले अवरोधों से कैसे बचें
  • डडडड विज्ञान की कसौटी पर डडडड
  • ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान में परिक्षित हो रहा योग विज्ञान
  • योग विज्ञान उपयोगी बनें, प्रचारकों की मर्यादाएँ बनें
  • देवसंस्कृति विश्वविद्यालय
Your browser does not support the video tag.
About Shantikunj

Shantikunj has emerged over the years as a unique center and fountain-head of a global movement of Yug Nirman Yojna (Movement for the Reconstruction of the Era) for moral-spiritual regeneration in the light of hoary Indian heritage.

Navigation Links
  • Home
  • Literature
  • News and Activities
  • Quotes and Thoughts
  • Videos and more
  • Audio
  • Join Us
  • Contact
Write to us

Click below and write to us your commenct and input.

Go

Copyright © SRI VEDMATA GAYATRI TRUST (TMD). All rights reserved. | Design by IT Cell Shantikunj