
आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या का वैश्विक मंचों पर उद्बोधन: शिक्षा, संस्कृति और आत्मजागरण की दिशा में युग निर्माण मिशन की वैश्विक प्रस्तुति
आदरणीय डॉ. चिन्मय पंड्या जी ने रेडियो मिर्ची (Live Mirchi) तथा प्रमुख अरबिक टीवी चैनल्स को दिए विशेष साक्षात्कार में युग निर्माण मिशन की विचारधारा, देव संस्कृति विश्वविद्यालय की वैश्विक भूमिका एवं संस्कार आधारित शिक्षा की आवश्यकता पर अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। इसके साथ ही ज्योति कलश के पावन महत्व को समझाया कि कैसे वह हमारे भीतर की आध्यात्मिक ज्योति को प्रज्वलित करता है।
उन्होंने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा: ”हमारी जिंदगी कठिन नहीं है, लेकिन हम उसको कठिन बना लेते हैं। हमें अपने आपको समझने के लिए अपने लिए समय निकालना चाहिए। जिसने स्वयं को समझ लिया, उसने सबको समझ लिया। हमें अपने अंदर के भगवान को देखना चाहिए।”
डॉ. पंड्या जी ने ”शिक्षा ही विद्या भी है” इस विषय पर भी विचार रखते हुए बताया कि आज की शिक्षा प्रणाली में संस्कार, सेवा और संस्कृति का समावेश होना नितांत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि संस्कृति, सेवा और विज्ञान के संगम को जन-जन तक पहुँचाना हमारा कर्तव्य है।
इस कार्यक्रम में खलीज टाइम्स से श्री हरजोत ओबेरॉय, गल्फ न्यूज दुबई से श्रीमती तरुणा संजनानी समेत अनेक प्रतिष्ठित टीवी और सोशल मीडिया चैनलों के पत्रकार एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।